पाबंदी के बाद भारतीय गेहूं अब जरूरतमंद देशों को जाएगा. (फाइल फोटो)
Wheat Export Ban: उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक, चीन के कुछ व्यापारी वैश्विक बाजार में भारतीय गेहूं की कीमतों को लेकर हेराफेरी की कोशिश कर रहे थे. लेकिन इस पाबंदी के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा और भारतीय गेहूं अब जरूरतमंद देशों को जाएगा.
पीटीआईLast Updated : May 14, 2022, 23:14 IST
नई दिल्ली. गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से कुछ विदेशी कारोबारियों द्वारा वैश्विक बाजार में कीमतों में हेराफेरी के मकसद से भारतीय गेहूं की जमाखोरी की कोशिशों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. सूत्रों ने कहा कि गेहूं के निर्यात पर रोक लगाकर भारत वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने गेहूं के स्टॉक का सबसे अधिक जरूरतमंद देशों के लिए उचित और जायज उपयोग सुनिश्चित करना चाहता है. सूत्रों ने कहा, “निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कीमतों में हेरफेर के लिए भारतीय गेहूं की जमाखोरी के प्रयासों को नाकाम कर देगा. इससे खाद्य मुद्रास्फीति को भी कम करने में मदद मिलेगी.”
उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक, चीन के कुछ व्यापारी वैश्विक बाजार में भारतीय गेहूं की कीमतों को लेकर हेराफेरी की कोशिश कर रहे थे. लेकिन इस पाबंदी के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा और भारतीय गेहूं अब जरूरतमंद देशों को जाएगा. एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी एक अधिसूचना में इस फैसले की जानकारी दी.
2021-2022 में भारत का गेहूं निर्यात 70 लाख टन
डीजीएफटी अधिसूचना के अनुसार, अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी. विदेशों से भारतीय गेहूं की बेहतर मांग के कारण वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का गेहूं निर्यात 70 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर रहा, जिसका मूल्य 2.05 अरब डॉलर था. गेहूं के कुल निर्यात में से पिछले वित्त वर्ष में लगभग 50 प्रतिशत हिस्से का निर्यात बांग्लादेश को किया गया था.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
विपक्षी दल कांग्रेस ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने इस मुद्दे पर ‘यू-टर्न’ ले लिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “जब प्रचार आपके फैसले को तय करते हैं, तो आपको नीतिगत दिवालियापन मिलता है.” पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, “गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना एक किसान-विरोधी कदम है. यह किसान को उच्च निर्यात कीमतों के लाभ से वंचित करता है. यह एक किसान विरोधी उपाय है और मुझे आश्चर्य नहीं है. यह सरकार कभी भी किसान के प्रति बहुत दोस्ताना नहीं रही है.
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Tags: Wheat
FIRST PUBLISHED :
May 14, 2022, 23:06 IST