साक्षी मलिक
कांस्य साक्षी मलिक ने कॉमनवेल्थ गेम में अपने कैरियर का पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है। इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम, एशियन गेम व ओलंपिक में केवल कांस्य व रजत पदक ही हासिल किया था। अब वे गोल्ड मेडल जीतने का सपना लेकर कॉमनवेल्थ गेम में भाग ले रही थी। जो अब पूरा हो गया है। अगला लक्ष्य एशियन गेम में गोल्ड मेडल जीतना हैं।
कुश्ती छोड़ने तक की बन गई थी स्थिति
साक्षी मलिक ने कहा कि जब उन्होंने कैंप ज्वाइन किया तो उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं चल रहा था। जिसके कारण उनकी कुश्ती छोड़ने तक की सोच बन गई थी। क्योंकि लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं हो रहा था। जिसके बाद कोच व परिवार ने उन्हें मोटिवेट किया। जिसके बाद वे लगातार अभ्यास करती रही। इसका परिणाम यह हुआ कि पहले ट्रायल में अच्छा प्रदर्शन किया और अब गोल्ड मेडल जीत लिया।
पति ने कहा था भागवान को भी यही कहूंगा कि साक्षी ही जाएगी कॉमनवेल्थ गेम में
साक्षी मलिक ने कहा कि उनके पति सत्यव्रत कादियान का भी पूरा साथ रहा है। हमेशा ही मोटवेट करते रहे हैं। कॉमनवेल्थ गेम में चयन से पहले सत्यव्रत कादियान ने कहा था कि अगर भगवान यह पूछेगा कि एक कॉमनवेल्थ गेम में जाएगा तो मैं तुम्हारा नाम लूंगा। वहीं हुआ और अपने वेट में एक नंबर होते हुए भी सत्यव्रत कादियान नहीं जा पाए। इधर, साक्षी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया। पूरे परिवार का ही पूरा सहयोग दिया।
राष्ट्रीय गान बजते ही हुई भावुक
उन्होंने कहा कि उनका यह पहला गोल्ड मेडल है। सपना था कि वे गोल्ड मेडल जीते और वह अब पूरा हो गया है। इससे पहले लग रहा था कि क्या पता उनके लिए राष्ट्रीय गान बज पाएगा या नहीं, या फिर कुश्ती ही छोड़ देगी। जब गोल्ड मेडल जीता तो राष्ट्रीय गान बजा और वे खुद भावुक हो गए।
दूसरे राउंड में जीत हासिल की
उन्होंने कहा कि वे पहले राउंड में 4-0 से पीछे थी। लेकिन उन्हें खुद पर विश्वास था कि वे वापसी करेंगी। पहले भी कई मुकाबले अंतिम कुछ मिनट में जीते हैं। अंतिम तीन मिनट में अटैक लगने की सोच के साथ खेल जारी रखा। गेम में भी वही हुआ और अंतिम तीन मिनट में जाते ही अटैक किया और जीत हासिल की।