नई दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कार का ऐलान किया. इसमें 6 वीरों को कीर्ति चक्र, 15 को शौर्य चक्र दिया गया. इनमें से एक नाम है जम्मू कश्मीर पुलिस के कॉन्टेबल मुदासिर अहमद शेख का. 25 मई 2022 को आतंकियों से लोहा लेते हुए बारामूला में मुदासिर शहीद हो गए थे. इस ऑपरेशन में 3 आतंकी ढेर हुए थे. मुठभेड़ के दौरान मुदासिर ने असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया था. अब उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि शौर्य चक्र देश का तीसरा शीर्ष वीरता पुरस्कार है.
बता दें कि 25 मई 2022 को सुरक्षावलों को 3 आतंकियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी. इसके बाद बारामूला में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन चलाया. कॉन्टेबल मुदासिर अहमद शेख ने आतंकियों की गाड़ी की पहचान की थी, लेकिन अचानक आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. मुदासिर अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों की कार पर झपटे और एक को कार के बाहर खींच निकाला. इसके बाद आंतकियों ने उन पर फायरिंग कर दी. इससे मुदासिर गंभीर रूप से जख्मी हो गए. इसके बावजूद उन्होंने आतंकियों पर जवाबी फायरिंग की.
जानें कौन हैं मुदासिर अहमद शेख
मुदासिर अहमद शेख जम्मू-कश्मीर पुलिस के कॉन्स्टेबल थे. आतंकियों से लोहा लेते हुए 2022 में वे शहीद हुए. दरअसल बारामूला में एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने 3 पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर कर दिया था. इसी ऑपरेशन में मुदासिर की जान चली गई थी. बताया जाता है कि मुदासिर की शहादत के बाद कई महीनों तक उनके दोस्त, जानने वाले, परिचित उनके घर शोक मनाने आते रहे. पूरी कश्मीर घाटी में अपने लाल को खोने का गम था. जो भी शहीद मुदासिर के बारे में सुनता था उसकी आंखें भर आती थीं.
Father of J&K cop who martyred in Baramulla encounter is proud of his son
He said his son will never come back, but he saved hundreds of lives by neutralising #terrorist @jkpsfc @KashmirPolice @Jammu4India @ahmedalifayyaz @KashmiriPandit7 pic.twitter.com/k8lRDNmiTx
— INDIA NARRATIVE (@india_narrative) May 26, 2022
मुदासिर को उनके निकनेम ‘बिंदास भाई’ से भी जाना जाता था. बताया जाता है कि जम्मू कश्मीर पुलिस जॉइन करने के बाद आम जनता से उनके ये नाम मिला था. कहा जाता है कि मुदासिर काफी मिलनसार थे. लोगों की मदद करने में कभी पीछे नहीं रहते थे. यंगस्टर्स के बीच भी मुदासिर काफी फेमस थे. वे अक्सर अपने दोस्तों को सरप्राइज दिया करते थे. फर्स्टपोस्ट से चर्चा करते हुए मुदासिर के पिता ने कहा था कि उनका बेटा काफी बहादूर और साहसी था. उनका कहना था कि मुदासिर कभी मरने से नहीं डरते थे. उनका मानना था कि मरना तो हम सबको एक दिन है. पिता बोले,’मेरा बेटा शहीद हुआ है. मुझे उस पर गर्व है.’
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Tags: Indian army, Indian Army Heroes, Kashmir news, Kashmir police
FIRST PUBLISHED :
January 26, 2023, 18:03 IST