रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रीय जनता दल ने अपने छह उम्मीदवारों की पहली और आखिरी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट के जारी होते ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू यादव दोनों चर्चा में आ गए हैं. दरअसल, आरजेडी ने जिन छह प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है, उसमें से एक उम्मीदवार की पुलिस रिकॉर्ड में बालू माफिया और शराब माफिया के तौर पर पहचान है. इतना ही नहीं इसी साल मार्च महीने में ईडी की रेड में 150 करोड़ की अवैध संपत्ति का भी पता चला था. लालू यादव का वही सिपाही इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव जेल से लड़ेगा.
दो दिन पहले तक दो दर्जन विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाली आरजेडी अब महज छह सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने देवघर से सुरेश पासवान, गोड्डा से संजय प्रसाद यादव, हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव, विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह, चतरा से मौजूदा विधायक सत्यानंद भोक्ता की बहु रश्मि प्रकाश और कोडरमा से सुभाष यादव को मैदान में उतारा है.
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लालू यादव का सिपाही जेल से ही लडे़गा चुनाव
आपको बता दें कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी सात सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज हुई थी. लेकिन, इस बार आरजेडी के इन घोषित उम्मीदवारों में सुभाष यादव के नाम पर बवाल मचा हुआ है. पुलिस रिकॉर्ड में सुभाष यादव बालू माफिया और शराब माफिया के तौर पहचाना जाता है. हाल ही में ईडी ने सुभाष यादव के कई ठिकानों पर रेड किया था. इसके बाद सुभाष यादव की गिरफ्तारी हो गई थी.
ईडी की रेड में 150 करोड़ अवैध संपत्ति का चला पता
आरजेडी के धषित प्रत्याशियों में एक नाम काफी चौंकाने वाला है. आरजेडी ने कोडरमा से सुभाष यादव को टिकट दिया है. सुभाष यादव के बारे में कहा जाता है कि वह लालू प्रसाद यादव के बुरे दिन के साथी रहे हैं. आरजेडी के लिए फंड मैनेजर का भी काम करते हैं. सुभाष यादव बेउर जेल में बंद हैं और नोमिनेशन के लिए इन्होंने पेरोल मांगा है. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भी आरजेडी ने कोडरमा से प्रत्याशी बनाया था. लेकिन, झारखंड के वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने के कारण उनकी उम्मीदवारी रद्द हो गई थी.
घर से 2 करोड़ मिले थे कैश
इसी साल मार्च महीने में ईडी ने सुभाष यादव पर शिकंजा कसा था. सुभाष यादव पर अवैध कारोबार और दूसरी अवांछित गतिविधियों से कमाए गए 150 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की जानकारी सामने आई थी. ईडी की रेड में 2 करोड़ से अधिक कैश बरामद हुए थे. इसके साथ ही जमीन-जायदाद और कई तरह के निवेश से संबंधित कागजात बड़ी संख्या में बरामद हुए थे.
साल 2019 में भी आया था चर्चा में
सुभाष यादव की गिरफ्तारी को तब लालू यादव के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा गया था. सुभाष यादव सालों से लालू यादव के बेहद करीबी कहा जाता है. बिहार में उनको बालू किंग भी कहा जाता है. सुभाष यादव मूल रूप से दानापुर के हेतनपुर दियारा इलाके के रहने वाले हैं. झारखंड चुनाव 2019 में नामांकन रद्द होने के बाद से ही सुभाष यादव ने कोडरमा के झुमरीतिलैया में जमीन खरीद कर अपना मकान बनाना शुरू किया.
लेकिन, सुभाष यादव का मकान बन ही रहा था कि ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. कहा जाता है कि अब इस निर्माणाधीन मकान के समीप ही उन्होंने किराये पर एक घर को लेकर अपना कार्यालय चला रहे हैं. सुभाष यादव 24 अक्टूबर को पेरोल पर जेल से बाहर आकर अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 23, 2024, 14:29 IST