Durga Puja Bangladesh: बांग्लादेश की स्थिति हिंदू समुदाय के लिए बेहद चिंताजनक हो गई है, जहां कट्टरपंथी तत्वों के दबदबे के चलते धार्मिक त्योहारों का मनाना भी मुश्किल हो गया है. हाल ही में बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस जब अमेरिका पहुंचे, तो उन्हें बांग्लादेशी प्रवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा. यह विरोध उन बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा किया गया, जो वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं और उन्होंने बांग्लादेश में हो रहे धार्मिक अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई.
विरोध प्रदर्शन और यूनुस की प्रतिक्रिया
प्रदर्शनकारियों ने "गो बैक यूनुस" जैसे नारे लगाकर स्पष्ट कर दिया कि बांग्लादेश में भले ही यूनुस सत्ता में हों, लेकिन अमेरिका में उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा. जब ज़ी मीडिया ने यूनुस से सवाल करने की कोशिश की, तो उनकी सुरक्षा टीम ने माइक छीन लिया और उन्हें वहां से ले गई. यह स्थिति यह दर्शाती है कि यूनुस की छवि अब पूरी तरह से उजागर हो चुकी है.
दुर्गा पूजा पर खतरा
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा जैसे पावन पर्व को मनाने पर गंभीर संकट मंडरा रहा है. कट्टरपंथी समूह हिंदू समुदाय को धमका रहे हैं कि अगर दुर्गा पूजा की गई, तो यह "नापाक" होगी. ऐसी धमकियां बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर ढाका और खुलना में, मिल रही हैं. खुलना में चार हिंदू मंदिरों को धमकी भरी चिट्ठियां मिली हैं, जिनमें स्पष्ट कहा गया है कि अगर दुर्गा पूजा करनी है, तो उन्हें पांच लाख टका देने होंगे. इस पर जब पुलिस को शिकायत की गई, तो उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
हिंदू लड़कियों का शोषण
बांग्लादेश में हिंदू लड़कियों को भी अब खुलेआम धमकाया जा रहा है. उनके हिजाब ना पहनने पर तालिबानी स्टाइल में सजा दी जा रही है. कई परिवार अपने बच्चों को डर की वजह से घर के अंदर रखने को मजबूर हैं. यह एक गंभीर सामाजिक स्थिति है, जो बांग्लादेश के मौजूदा हालात को दर्शाती है.
मोहम्मद यूनुस का समर्थन
बांग्लादेश की सेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे मोहम्मद यूनुस की सरकार का समर्थन जारी रखेंगे, चाहे जो भी स्थिति बने. यह स्थिति बांग्लादेश के भविष्य के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि एक समय पाकिस्तान में भी इसी तरह की राजनीतिक अस्थिरता ने स्थिति को गंभीर बना दिया था.
बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के लिए बड़ा संकट
मोहम्मद यूनुस का राजनीतिक करियर अब बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के लिए एक बड़ा संकट बनता जा रहा है. यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो बांग्लादेश एक और पाकिस्तान के रूप में विकसित हो सकता है. अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और बांग्लादेशी प्रवासी इस स्थिति का कैसे मुकाबला करते हैं.