हाइलाइट्स
बीजेपी ने इस बार जम्मू की 8 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था कश्मीर से 17 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था.इतना ही नहीं कश्मीर की 12 सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों को उतारा ही नहीं था.
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक ही उसकी हार की वजह बनता नजर आ रहा है. एग्जिट पोल के नतीजे जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की सरकार बना रहे हैं. इतना ही नहीं बीजेपी के पुराने साथी महबूबा मुफ्ती की भी हालात भी एग्जिट पोल में पतली दिख रही है. वहीं एग्जिट पोल के मुताबिक, निर्दलीय विधायकों की इस बार विधानसभा में भरमार होगी. इससे सदन में हर बिल पर भारी घमासान देखने को मिल सकता है.
आपको बता दें कि कश्मीर में मटन-चिकन से लेकर बिजली के बिल तक का हर भार केन्द्र सरकार उठाती थी. यानी कश्मीर के किसी घर में अगर कोई शख्स एक एसी चलता था या घर में 15 एसी चलता था तो सभी को एक जैसा ही बिल देना पड़ता था. मतलब कश्मीर में लोगों को इतनी छूट मिलती थी कि उनका खर्च केन्द्र सरकार उठाती थी. वहीं अनुच्छेद 370 हटने के बाद से वहां के लोगों से ये सुविधाएं मिलनी बंद हो गई. दूसरी तरफ बात करें तो कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद सुरक्षा के लिहाज काफी बदला है पर एग्जिट पोल से लग नहीं रहा है कि उससे वहां के लोगों को कोई असर पड़ा है. कह सकते हैं एग्जिट पोल के नतीजों से बीजेपी को झटका जरूर लगा होगा. हालांकि सटीक नतीजों के लिए 8 अक्टूबर तक आप सभी को इंतजार करना होगा.
मुस्लिम कैंडिटेड को मैदान में उतारा
वहीं बीजेपी ने दूसरा मास्टर स्टोक मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर चला था लेकिन लगाता नहीं है उसका भी पार्टी को कोई फायदा हुआ है. बीजेपी ने इस बार जम्मू की 8 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था और कश्मीर से 17 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था. इतना ही नहीं कश्मीर की 12 सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों को उतारा ही नहीं था. विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी को समर्थन कर रही है. आपको बता दें कि साल 1987 से जमात ए इस्लामी पर बैन लगा हुआ था लेकिन इस बार यह बैन हटने के बाद से वह चुनावी मैदान में उतरी है. विपक्ष बीजेपी पर इंजीनियर रशीद को भी समर्थन देने का आरोप लगाया है. इंजीनियर रशीद ने लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को 2 लाख वोटों से हराया था. इस बार इंजीनियर रशीद का भाई चुनावी मैदान में है.
सी-वोटर सर्वे का जम्मू को लेकर क्या है एग्जिट पोल?
जम्मू में पहले 27 विधानसभा सीट थीं लेकिन इस बार परिसीमन के बाद जम्मू में विधानसभा की 43 सीटें हो गईथी. बीजेपी को सबसे ज्यादा उम्मीद जम्मू रीजन से ही थी. पर क्या कहता है सी-वोटर्स का सर्वे
जम्मू – 43 सीट
बीजेपी को 27-31 सीटें
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस को 11 से 15 सीटें
पीडीपी को 0-2 सीटें
अन्य को 0-1 सीट
कश्मीर में पहले 37 विधानसभा सीटें थीं लेकिन परिसीमन के बाद 2024 के विधानसभा में इस बार 43 विधानसभा सीटें हो गई हैं. जानें कश्मीर का सी-वोटर्स एग्जिट पोल क्या कहा है?
कश्मीर में 47 सीट
– एनसी और कांग्रेस को 41.1 फीसदी वोट मिलने की संभावना, इससे 29- 33 सीटें मिल सकती हैं.
– बीजेपी को सिफ्र 3 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद, जिससे 0-1 सीटें मिलने की उम्मीद.
– पीडीपी को कश्मीर में 16.6 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद, जिससे 6- 10 सीटें मिलने की उम्मीदें. आपका बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी थी.
– अन्य को 39.3 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद, जिससे 6- 10 सीटें आ सकती हैं.
जम्मू-कश्मीर पर क्या कहता है सी-वोटर्स का एग्जिट पोल?
– एनसी और कांग्रेस को 38.7 फीसदी वोट, 40-48 सीटें मिलने की उम्मीद
– बीजेपी को 22.9 फीसदी वोट, 27-32 सीटें मिलने की उम्मीद
– पीडीपी को 10.2 फीसदी वोट जिससे 6-12 सीटें मिलने की उम्मीद
– अन्य को 28.2 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद जिससे 6-11 सीट मिल सकती हैं.
जम्मू-कश्मीर का पोल ऑफ पोल्स
बीजेपी- 29 सीटें
एनसी और कांग्रेस – 33 सीटें
पीडीपी – 6 सीटें
अन्य – 22 सीटें
जम्मू कश्मीर के सारे एग्जिट पोल से एक बात तो साबित हो गई है कि विधानसभा काफी हंगामेदार होगा. क्योंकि इस बार निर्दलीय विधायक इतने होंगे कि वह हर मुद्दे पर अपनी राय देंगे. इससे सरकार जिसकी भी बने उसे निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर चलना होगा. पार्टी के निर्णय पर तो विधायकों की एक राय होती है लेकिन निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर चलना आसान नहीं होगा. वैसे ये सब तो 8 अक्टूबर को नतीजों के बाद ही साफ होगा.
Tags: Exit poll, Jammu kashmir news
FIRST PUBLISHED :
October 5, 2024, 20:26 IST