Israel Iran World news in Hindi: इजरायल-ईरान के बीच तनाव चरम पर है. ईरान ने इजरायल पर मिसाइल अटैक किया, जिसके जवाब में इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा, 'ईरान को इसका अंजाम भुगतना होगा'. दुनिया ये बात जानती है कि इजरायल अपने कमिटमेंट का कितना पक्का है. ऐसे में इजरायल में मौजूद भारतीय डरे और सहमे हैं. क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं.
'रोज हो रहा मौत से सामना'
इजरायल में बसे भारतीयों के लिए एडवायजरी जारी हो चुकी है. सभी को संभलकर रहने की सलाह दी गई है. नौकरी कर रहे लोग हों या पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स सभी डर और दहशत में हैं. बताते चलें कि पश्चिम बंगाल (West Bengal), केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत भारत के कई राज्यों के बच्चे वहां पढ़ाई कर रहे हैं. ग्राउंड जीरो से हजारों किलोमीटर दूर मौजूद उनके परिजन यहां भारत में परेशान है.
भारत लौटने की बेकरारी
तेल अवीव और अन्य शहरों पर ईरान के मिसाइल हमलों ने इज़राइल में कई भारतीय श्रमिकों और छात्रों को गहराई से चिंतित कर दिया है. फिलहाल वो सुरक्षित हैं, लेकिन उनके मन में दहशत बढ़ गई है, क्योंकि तनाव खत्म होने के आसार दूर-दूर तक नहीं है. इजराइल में पढ़ाई और काम कर रहे बंगाल के कई शोध छात्र घर लौटने के लिए बेताब हैं. हालांकि, अधिकांश इंटरनेशनल फ्लाइट्स रद्द होने के कारण, उनकी अपनी कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं. ऐसे में ये लोग विदेश मंत्रालय से सेफ एक्जिट (Safe Exit) यानी वहां से अपनी वापसी सुनिश्चित करने के लिए गुहार लगा रहे हैं.
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'तेलअवीव की Bar-Ilan University यूनिवर्सिटी के छात्र और कोलकाता के नीलाब्ज रॉय चौधरी का कहना है कि वहां के हालात दिन-ब-दिन डरावने होते जा रहे हैं. तेलंगाना के एक छात्र ने कहा कि हालात बहुत विकट हैं, ऐसी परेशानी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी, यहां तक कि हमास के हमले के बाद भी उन्हें उतना डर नहीं लगा था जितना अब लग रहा है.
सफ़ेद और हाइफ़ा जैसे उत्तरी शहर भारी प्रभावित हुए हैं, सीमा के पास के गांवों को खाली कराया गया है. लगातार सायरन बजने के कारण निवासियों को घंटों बंकरों में रहना पड़ रहा है. तेल अवीव जिले के एक शहर रामत गान में तेलंगाना के लगभग 600 से 700 लोग रहते हैं. लेबनान में हिजबुल्लाह पर इजराइल के हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई के डर से कुछ लोग पिछले महीने भारत लौट आए थे, लेकिन कई लोग वहीं रह गए. अब वो भी फौरन लौटना चाहते हैं.
इन छात्रों का कहना है कि भारतीय दूतावास ने उनसे सतर्क रहने और स्थानीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया है.