Israel Attack on Iran: 1 अक्टूबर के ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल हमलों के बाद इज़राइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरानी राजधानी तेहरान, शिराज और करज पर हवाई हमले किए. ईरान की आधिकारिक मीडिया ने तेहरान में हुए धमाकों की पुष्टि की है और कहा है कि तेहरान और उसके नजदीकी शहर कारज में 5 धमाके सुने गए हैं. अरब मीडिया के मुताबिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के मुख्यालय के पास धमाकों की आवाज सुनी गई, वहीं तेहरान पर इजरायली हमले के बाद कई जगहों पर आग लगने की भी खबर है. इजरायली मीडिया के मुताबिक, ईरान की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी एक अहम इमारत में कथित विस्फोट हुआ है, दावा किया जा रहा है कि जिस इमारत में धमाका हुआ वह तेहरान में है और इस इमारत से दस से ज्यादा लोगों को बचाया गया है.
इजरायली मीडिया के मुताबिक, करज वह शहर है जहां ईरान के परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थित हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र को निशाना बनाया गया है या नहीं. खबर यह भी है कि इजरायल द्वारा ईरान पर हमला करने से पहले व्हाइट हाउस को सूचित किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इजरायल ने ईरान पर हमले के लिए 100 से अधिक इजरायली विमानों ने हिस्सा लिया. 2000 किमी दूर से किए गए इस हमले में एफ-35 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया गया है. ईरान और इजरायल की जंग के बीच फाइटर विमान F35 चर्चा में बना हुआ है. तो चलिए जानते हैं कि यह विमान कितना खतरनाक है और किन सुविधाओं से लैस है.
F35 की खासियतें:
एफ-35 विमान, जिसे "लाइटनिंग II" भी कहा जाता है, लॉकहीड मार्टिन कंपनी द्वारा निर्मित एक अत्याधुनिक मल्टीरोल लड़ाकू विमान है. इसे मुख्य रूप से अमेरिकी सेना के लिए बनाया गया है, लेकिन कई अन्य देशों की वायु सेनाओं में भी इसका उपयोग होता है. यह दुनिया का सबसे उन्नत लड़ाकू विमान माना जाता है. एफ-35 विमान को अमेरिकी वायु सेना के साथ-साथ कई अन्य देशों ने भी अपनाया है, जैसे कि यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, इटली, जापान, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया, और नीदरलैंड्स. इज़राइल मध्य पूर्व का एकमात्र देश है जिसके पास एफ-35 विमान हैं. यह विमान स्टेल्थ (रडार से बचने की क्षमता), नई सेंसर्स तकनीक और तेज रफ्तार की वजह से आधुनिक हवाई युद्ध में अहम किरदार अदा करता है.
F-35 के तीन प्रमुख वेरिएंट हैं:
➤ F-35A: परंपरागत टेक-ऑफ और लैंडिंग संस्करण, मुख्य रूप से वायु सेना के लिए.
➤ F-35B: शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग क्षमता वाला संस्करण, जो मरीन कॉर्प्स जैसे बलों के लिए सही माना जाता है.
➤ F-35C: एयरक्राफ्ट कैरियर पर उतरने और उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया संस्करण, जो नौसेना के लिए बनाया गया है.
2. स्टेल्थ और स्पीड:
एफ-35 की स्टेल्थ तकनीक इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद करती है. इसका डिज़ाइन इस प्रकार है कि यह रडार पर दिखने में बेहद कठिन हो जाता है, जिससे यह दुश्मन के इलाकों में बिना पकड़े घुस सकता है और सुरक्षित लौट सकता है. इसकी रफ्तार की बात करें तो आवाज की गति से 1.6 गुना तेज चल सकता है.
3. अत्याधुनिक एवियोनिक्स और सेंसर
➤ ईओ/डीएएस: इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल डिस्ट्रीब्यूटेड अपर्चर सिस्टम (EO/DAS) नामक यह प्रणाली 360-डिग्री कवरेज प्रदान करती है, जिससे पायलट को हर दिशा में पूरी जानकारी मिलती है.
➤ एईएसए रडार: एफ-35 का एईएसए रडार प्रणाली इसे लंबी दूरी तक दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को पहचानने की क्षमता देता है.
➤ एचएमडीएस: हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम, जिससे पायलट को अपने हेलमेट पर ही सभी महत्वपूर्ण जानकारियां दिखती हैं. पायलट को बाहर देखने पर हेलमेट पर ही आवश्यक डेटा दिख जाता है, जिससे उनकी प्रतिक्रिया समय और सटीकता में सुधार होता है.
4. वेपन सिस्टम (हथियार प्रणाली)
एफ-35 में विभिन्न प्रकार के हथियारों को फिट किया जा सकता है, जिसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें और गाइडेड बम शामिल हैं. यह हथियारों को अंदरूनी तौर पर छुपाकर भी रख सकता है, जिससे स्टेल्थ क्षमता बरकरार रहती है.
5. F35 की कीमत:
एफ-35 प्रोग्राम विश्व का सबसे बड़ा रक्षा कार्यक्रम है. एक एफ-35 की कीमत उसके संस्करण और उपकरणों के आधार पर बदलती रहती है लेकिन यह आमतौर पर $80 से $100 मिलियन तक हो सकती है. एफ-35 को आने वाले वर्षों में भी लगातार उन्नत किया जाता रहेगा, जिससे यह अगली पीढ़ी के खतरे का मुकाबला करने में सक्षम रहेगा. यह विमान आधुनिक युग में अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हो रहा है और वायु सुरक्षा में इसके योगदान को अद्वितीय माना जा रहा है