World News in Hindi: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने पिछले दिनों इजरायल पर ईरान के मिसाइल अटैक की निंदा की. सिर्फ इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया के विपक्षी नेता पीटर डटन ने अपने यहां से ईरानी राजदूत को निष्कासित करने की मांग की. ऑस्ट्रेलिया में अपने खिलाफ माहौल से ईरान नाराज हो गया. लिहाजा ईरानी विदेश मंत्रालय ने क्षेत्र में हालिया घटनाक्रमों के प्रति 'पक्षपातपूर्ण रुख' को लेकर ऑस्ट्रेलियाई राजदूत को तलब किया.
पश्चिम की चुप्पी पर नाराजगी
ईरानी विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया और ओशिनिया विभाग के महानिदेशक अली असगर मोहम्मदी ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के राजदूत इयान मैककोनविले को तलब किया. बैठक में ईरानी विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के 'अनुचित और पक्षपातपूर्ण' रुख पर विरोध जताया. वहीं गाजा और लेबनान में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों को लेकर ऑस्ट्रेलिया की 'चुप्पी' की आलोचना की.
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मोहम्मदी ने इजरायल द्वारा गाजा में नरसंहार और लेबनान में हमलों को तत्काल रोकने की ईरान की अपील दोहराई. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इजरायल के अन्य पश्चिमी समर्थकों से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक जिम्मेदार भूमिका निभाने का आह्वान किया.
इससे पहले ईरान के विदेश मंत्रालय ने जर्मन और ऑस्ट्रियाई राजदूतों को भी तलब किया था. दरअसल इन देशों ने इजरायल पर तेहरान के मिसाइल अटैक का विरोध जताने के लिए ईरानी दूतों को तलब किया था. इस्लामिक गणराज्य ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दोनों देशों के दूतों को तलब किया.
ईरान का बदला
4 अक्टूबर को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल पर तेहरान के हमलों को 'पूरी तरह से कानूनी और वैध' बताया. तेहरान की ग्रैंड मोसल्ला मस्जिद से जुमे की नमाज का नेतृत्व करते हुए खामनेई ने हजारों लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही.
बता दें ईरान की ओर से 1 अक्टूबर की रात इजरायल पर बड़ा मिसाइल अटैक किया गया. इजरायल के चैनल 13 टीवी समाचार के मुताबिक ईरान की ओर से कम से कम 200 जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं, जिससे पूरे देश में सायरन बजने लगे और लाखों लोग शेलटर्स की ओर भागे.
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तेहरान का कहना है कि यह बमबारी हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया, हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन की हत्याओं के जवाब में की गई.
ईरान हमास और हिजबुल्लाह को खुलकर समर्थन देता आया है. ईरानी हमले के कुछ घंटों बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के दौरान कहा, "ईरान ने एक बड़ी गलती की है, और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी."
(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस)