Israel News: आतंकवादियों पर कहर बरपा रहे इजरायल को दुनिया के तमाम देश से समर्थन मिल रहा है. भारत भी इजरायल का बड़ा समर्थक है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतन्याहू की आतंकविरोधी कार्रवाई का खुलकर समर्थन भी कर दिया है. पीएम मोदी ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को कॉल कर उनका हौसला बढ़ाया और कहा कि विश्व में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है.
पश्चिम एशिया में हाल ही में हुए घटनाक्रमों की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने नेतन्याहू से कहा कि आतंकवाद का हमारे विश्व में कोई स्थान नहीं है. क्षेत्रीय तनाव को रोकना और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. भारत शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.
Spoke to Prime Minister @netanyahu about recent developments in West Asia. Terrorism has no place in our world. It is crucial to prevent regional escalation and ensure the safe release of all hostages. India is committed to supporting efforts for an early restoration of peace and…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2024
इस बीच अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इजरायल ने वाशिंगटन को बताया है कि वह लेबनान में एक सीमित भूमि ऑपरेशन की योजना बना रहा है. इसपर जल्द ही शुरू हो सकता है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने ईरान के लोगों को संबोधित किया, ताकि व्यापक युद्ध की चिंताओं को कम किया जा सके.
नेतन्याहू ने इस वीडियो में कहा कि ईरानी शासन "हमारे क्षेत्र को और गहरे अंधकार और युद्ध में डुबो रहा है." उन्होंने कहा, "हर दिन, उनके कठपुतलियां समाप्त हो रहीं हैं. पूछिए [हमास कमांडर] मोहम्मद डेफ से, पूछिए [हिज़्बुल्ला के हसन] नसरल्लाह से. मध्य पूर्व में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां इजरायल नहीं पहुंच सकता. हम अपने लोगों और अपने देश की रक्षा के लिए हर जगह जाएंगे."
The people of Iran should know - Israel stands with you pic.twitter.com/MfwfNqnTgE
— Benjamin Netanyahu -(@netanyahu) September 30, 2024
उन्होंने यह भी कहा कि जब ईरान "आखिरकार स्वतंत्र" होगा, तो इजरायल और ईरान के बीच "शांति" होगी. पर्यटन एवं तकनीकी प्रगति दोनों देशों को लाभ पहुंचाएगी. हाल के इजरायली हमलों में लेबनान में 60 से अधिक लोग मारे गए हैं. जिसमें जनरल फ्रंट फॉर लिबरेशन ऑफ फलस्तीन के तीन सदस्य भी शामिल हैं. लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मिकाती ने कहा कि सरकार पूरी तरह से 2006 के यूएनएससी प्रस्ताव 1701 को लागू करने के लिए तैयार है, जिसका उद्देश्य हिज्बुल्ला की सशस्त्र उपस्थिति को खत्म करना है.
दूसरी तरफ हिज्बुल्ला ने सोमवार को कहा कि वे इजरायल के जमीनी आक्रमण और लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं. हिज्बुल्ला के उपप्रमुख नाइम कास्सम ने नसरल्लाह की हत्या के बाद पहली बार संबोधन में यह बात कही.
(एजेंसी इनपुट के साथ)