Japan: 250 किलो का बम फटा जापान में, अमेरिका सुनाई दी 'गूंज'; वैज्ञानिक क्यों हो गए फेल?

1 month ago

WWII bomb blast at miyazaki airport japan : जापान में हर कोई परमाणु त्रासदी वाले दौर की चर्चा कर रहा है. इसकी वजह वो बम है जिसके फटते ही जापानियों की धुकधुकी बढ़ गई. दरअसल इस बम की मेनुफेक्चरिंग की तारीख और साल लगभग वही है जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम डाल कर मानो पूरा देश ही खत्म करने का मन बना लिया था.

फटा बम बन गई खाई

द्वितीय विश्व युद्ध का ये अमेरिकी बम कुछ घंटे पहले जापानी एयरपोर्ट पर फटा, शुक्र है कि वहां आस-पास कोई फ्लाइट नहीं थी, वरना बड़ा हादसा हो जाता. इस बमकांड के चलते मियाजाकी एयरपोर्ट पर करीब 80 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. इस खौफनाक एपिसोड में राहत की बात ये रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ. बस टैक्सी वे पर एक खाई बन गई. जापानी अफसरों के मुताबिक दक्षिण-पश्चिमी जापान के मियाज़ाकी हवाई अड्डे पर जब बम फटा तब आस-पास कोई विमान नहीं था. Old School Eddie नाम के एक एक्स हैंडल से इस घटना का वीडियो पोस्ट हुआ है. Zee News इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

 Blast from the Past at Miyazaki Airport

Miyazaki Airport in Japan experienced a disruption straight out of history books when an unexploded bomb from World War II exploded early this morning.

The detonation created a significant crater in one of the taxiways, leading to… pic.twitter.com/2StKK7nCOc

— Old School Eddie (@Old_SchoolEddie) October 2, 2024

500 पाउंड वजनी...

अधिकारियों ने कहा, 'जांच में पुष्टि हुई है कि जापान के गांव में जो बम फटा उसका वजन करीब 500 पाउंड था. उसमें कोई रेडिएशन नहीं था. ऐसे में अब कोई खतरा नहीं है. अब हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि अचानक धमाके की वजह क्या है? इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जापानी टेलीविजन पर प्रसारित VIDEO में टैक्सीवे में कथित तौर पर करीब सात मीटर व्यास और तीन फीट गहरा गड्ढा दिखाया गया.  कहा जा रहा है कि हवाई अड्डे पर फ्लाइट्स का संचालन गुरुवार दोपहर तक शुरू होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें- 'ऐसा लगता है मौत...,' गाजा की तरह ईरान को पाट देगा इजरायल? भारतीयों ने सुनाई आपबीती

वैज्ञानिक क्यों हो गए फेल

CNN में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक मियाजाकी हवाई अड्डा 1943 में नौसेना उड़ान प्रशिक्षण क्षेत्र के रूप में बनाया गया था, जहां से कई पायलटों ने अमेरिकी फौज को निपटाने के लिए उड़ान भरी थी. यहां से कुछ पायलटों ने ने आत्मघाती हमले के लिए भी उड़ान भरी थी. इस पूरे इलाके में जहां एयरपोर्ट बना है, वहां दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना द्वारा गिराए गए कई जिंदा बमों का पता चला है. अब पूरा जापानी इकोसिस्टम ऐसा इंतजाम करने में जुटा है कि दोबारा ऐसा न हो. 

ये भी पढ़ें- तेहरान के वो 'मोहरे' जो ना होते तो ईरान आज होता घुटनों पर

इस धमाके की गूंज भले ही एयरपोर्ट इलाके के आसपास सुनी गई हो, लेकिन उसकी आंच और धुआं खबरों के जरिए अमेरिका तक पहुंचा. यह 80 साल पुराना बम था. दूसरे विश्न युद्ध के दौरान गिराए गए बम दुनिया के कई देशों में अभी भी दबे हैं. भारत के पश्चिम बंगाल और असम में उस दौर के बम मिल चुके हैं. यह कोई नहीं बात नहीं है, लेकिन यहां के मामले में लोगों को हैरानी इस बात पर हो रही है कि जापानी वैॅज्ञानिक इस बम को पहले क्यों नहीं डिटेक्ट कर पाए. अगर उन्हें इस बम के बारे में पहले से पता था तो जापानी तकनीक से इसे सेफली डिफ्यूज क्यों नहीं किया गया.

Read Full Article at Source