UK Crime News in Hindi: ब्रिटेन में अपने पति से अलग रह रही मां की लापरवाही से उसके चार बच्चों की मौत हो गई. वह जब मार्केट में सामान खरीदने गई थी तो उसके घर में आग लग गई. घर से धुआं निकलते देख पड़ोसियों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन दम घुटने की वजह से वे बच्चों को मरने से नहीं बचा सके. अब कोर्ट ने महिला को अपने बच्चों की मौत का दोषी ठहाराया है और उसे सजा देने वाली है.
चारों बेटों को छोड़कर शॉपिंग करने गई मां
सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक डेवेका रोज (29) अपने चार बेटों कायसन, ब्रायसन, लेयटन और लोगान के साथ दक्षिण लंदन के सटन इलाके में रहती थी. उसके 2 बेटे तीन साल के जुड़वां और दो बेटे चार साल के जुड़वां थे. वह 16 दिसंबर, 2021 को कार लेकर रोज़ सेन्सबरी इलाके में शॉपिंग करने गई थी.
जब वह घर से निकली तो शॉर्ट सर्किट की वजह से घर में आग लग गई. दरवाजे बंद होने की वजह से चारों बच्चे अंदर ही आग में घिर गए. उन्होंने जान बचाने के लिए जोर- जोर से आवाज भी लगाई. पड़ोसियों ने उन चारों बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन तेज धुएं की वजह से वे रोज के घर में प्रवेश नहीं कर सके.
मरते वक्त भी चिपटे हुए थे चारों बच्चे
बाद में कॉल करके फायर ब्रिगेड को बुलाया गया. उन्होंने काफी देर तक पानी के छिड़काव के बाद जब दरवाजा तोड़कर घर में प्रवेश किया तो चारों बच्चों को एक बेड के नीचे से बरामद किया गया. चारों बच्चे एक-दूसरे से लिपटे हुए थे. दमकल कर्मियों ने उनकी धड़कन चेक की तो वे मर चुके थे. इस बात से आस-पड़ोसी समेत सभी दमकल कर्मी टूट गए.
शॉपिंग करके लौटी डेवेका रोज को जब इस घटना के बारे में पता चला तो उसका रो- रोकर बुरा हाल हो गया. एक ही झटके में उसके चारों बच्चे उससे हमेशा के लिए दूर हो गए. हालांकि यह पारिवारिक नुकसान सहने के बावजूद पुलिस ने रोज के खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया. पुलिस के मुताबिक रोज गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थी और अपने बच्चों की सही ढंग से देखभाल नहीं कर पा रही थी.
पुलिस ने आरोपी मां पर चलाया केस
पुलिस के मुताबिक, उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए सामाजिक सेवा कर्मियों ने बच्चों को अपने साथ ले जाकर पालने की कोशिश की लेकिन डेवेका रोज ने ऐसा नहीं कर दिया. पुलिस का कहना है कि अगर समाज सेवा कर्मियों ने ज्यादा जोर देकर बच्चों को ले लिया होता तो शायद चारों बच्चे अब भी जीवित होते.
ओल्ड बेली कोर्ट में हुई सुनवाई में डेवेका रोज ने कहा कि वह बच्चों से निराश थी क्योंकि वे घर से निकले कूड़े की थैलियों को खोल देते थे. उसने यह भी कहा कि वह शॉपिंग के लिए जाते वक्त आया को बच्चों की देखभाल के लिए छोड़कर गई थी. लेकिन कोर्ट ने उसका ये तर्क ठुकरा दिया क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में उसके घर के अंदर और आसपास कोई आया नहीं दिखाई दी.
कोर्ट में दोषी करार, अब सुनाएगी सजा
वहीं सरकारी अभियोजक केट लम्सडन ने कहा कि अब रोज भले ही अपने बच्चों को खोने का दुख मना रही हो, लेकिन सही बात ये है कि ऐसा करके भी वो अपने बच्चों की मौत की ज़िम्मेदारी से मुक्त नहीं हो जाती. वहीं रोज ने कोर्ट में रोते हुए अपने बच्चों की मौत में किसी तरह की लापरवाही के आरोपों से इनकार किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने डेवेका रोज को दोषी करार दे दिया. अब उसे अगले महीने सजा सुनाई जाएगी.