Iranian Quds Force Commander: हमास-हिजबुल्लाह पर इजरायली आक्रमण के बाद से ही इजरायल और ईरान आमने सामने हैं. ईरान ने भी इजरायल पर बकायदा खुला हमला बोल दिया है. लेकिन इजरायली सेना चुन-चुनकर अपने दुश्मनों को मार रही है. इसी कड़ी में एक और भयंकर खबर सामने आ रही है. इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लेबनान की राजधानी बेरूत पर हुए इजरायली हमले के बाद से ही ईरान के सुप्रीम कमांडर ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी गायब हैं. इस्माइल कानी वही शख्स हैं जिन्होंने कासिम सुलेमानी की मौत के बाद रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कुद्स फोर्स के ब्रिगेडियर जनरल के मुखिया का पदभार संभाला था.
बेरूत हमले के बाद से ही गायब
असल में कई इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कुद्स फोर्स के चीफ इस्माइल कानी बेरूत हमले के बाद से ही गायब हैं. कुछ रिपोर्ट्स ने तो यह भी दावा किया कि हमले के समय कानी वहीं मौजूद थे. हालांकि इसकी पुष्टि ईरान की तरफ से नहीं हुई है और ना ही ईरान ने इस पर बयान दिया है. यह भी दावा है कि इस्माइल कानी को आखिरी बार हिज्बुल्लाह के तेहरान ऑफिस में देखा गया है.
नसरल्लाह की श्रद्धांजलि सभा में भी नहीं पहुंचे
इस बात पर बल तब और मिल रहा है जब इजरायली मीडिया की रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि कुद्स फोर्स के प्रमुख इस्माइल कानी हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भी नहीं पहुंचे थे. उनकी गैरमौजूदगी के कारण उनके बारे में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी हैं.
अधिकारियों के पास कानी की जानकारी ही नहीं
वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने ईरानी मीडिया का हवाला देते हुए बताया कि ईरानी अधिकारियों के पास कानी की मौजूदा स्थिति के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी ही नहीं है. अधिकारियों ने तो यह भी कह दिया कि कानी से संपर्क ही नहीं हो पा रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. कुछ रिपोर्ट्स में यहां तक कहा जा रहा है कि इस्माइल कानी दक्षिणी बेरूत के उसी बंकर में छिपे हुए थे, जहां हिजबुल्लाह के दूसरे बड़े नेता हाशिम सफीद्दीन थे.
कानी को लेकर सस्पेंस बरकरार
फिलहाल अभी कानी को लेकर सस्पेंस बरकरार है. उधर ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अराघची ने एक बार फिर इजरायल को चेतावनी दी कि उनका देश किसी भी हमले का जवाब देगा. उन्होंने कहा कि सभी परिस्थितियों में सीरिया के लिए ईरान का समर्थन जारी रहेगा. उन्होंने अपनी सीरिया यात्रा के दौरान जहां गाजा और लेबनान में युद्ध विराम का समर्थन किया है.