अब करिए प्राउड फील! अमेरिका हो या फ्रांस...सभी बन गए भारत के टॉप डिफेंस खरीदार

3 weeks ago

नई दिल्ली: भारत का डंका अब पूरी दुनिया में बजने लगा है. भारत पहले केवल हथियार और डिफेंस से जुड़े सामान खरीदता था, मगर अब समीकरण बदल गए हैं. आज का नया भारत अब दुनिया को हथियार-मिसाइलें बेच भी रहा है. चाहे आर्मीनिया हो या अमेरिका और फ्रांस… ये अब भारत के सैन्य खरीदार बन चुके हैं. जी हां, यह खबर पढ़कर आपको प्राउड फील होगा कि भारत अब खुलकर दूसरे देशों को खतरनाक हथियार बेच रहा है. आर्मीनिया तो भारत से सबसे अधिक हथियार खरीदने वाला देश बन गया है. आर्मीनिया ने भारत से आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, पिनाक मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम और 155एमएम आर्टिलरी गन जैसे कई हथियार खरीदे हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, डिफेंस एक्सपोर्ट यानी रक्षा निर्यात के मामले में भारत ने 2023-24 में बड़ी छलांग लगाई है. इस साल भारत ने दूसरे देशों को करीब 21,083 करोड़ रुपये (2.6 बिलियन डॉलर) के सैन्य उपकरण बेचे हैं. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो भारत से सबसे अधिक रक्षा खरीददारी अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया ने की है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियां अब लगभग 100 देशों को हथियारों, गोला-बारूद और फ्यूज जैसी बहुत से सैन्य उपकरण निर्यात कर रही हैं. इनमें कुछ पूर्ण हथियार प्रणालियां और प्लेटफॉर्म मसलन ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, डॉर्नियर-228 विमान, आर्टिलरी गन, रडार, आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट और बख्तरबंद वाहन भी शामिल हैं.

अमेरिका भारत से क्या खरीदता है
हालांकि, यहां गौर करने वाली बात है कि भारत अभी अमेरिका को हथियार तो नहीं बेच रहा, मगर अमेरिका को होने वाले निर्यात में मुख्य रूप से हथियारों के सब-सिस्टम और कलपुर्जे शामिल हैं. यानी अमेरिका भारत से अभी हथियारों में लगने वाले अहम कलपुर्जे खरीद रहा है. इनमें बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी दिग्गज ग्लोबल डिफेंस कंपनियां शामिल हैं. ये कंपनियां अपने ग्लोबल सप्लाई चेन नेटवर्क के साथ-साथ ऑफसेट कमिटमेंट के तहत भारत से विमान और हेलीकॉप्टरों के लिए धड़ यानी हेलीकॉप्टर का मेन बॉडी पार्ट, विंग्स और अन्य पुर्जे खरीदती हैं.

आर्मेनिया ने क्या-क्या खरीदा
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार सालों में आर्मेनिया ने भारत के साथ कई रक्षा सौदे किए हैं. इन सौदों में मिसाइल, तोप, रॉकेट सिस्टम, हथियारों का पता लगाने वाले रडार, बुलेट प्रूफ जैकेट और नाइट विजन उपकरण शामिल हैं. इसके अलावा कई तरह के गोला-बारूद और तोपों के गोले भी शामिल हैं. अकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को खरीदने वाला आर्मेनिया पहला विदेशी देश बन गया है. स्वदेशी तकनीक से बने इस मिसाइल सिस्टम की रेंज 25 किलोमीटर है. वहीं, ब्राजील जैसे देश इस सिस्टम के एडवांस्ड वर्जन के को-प्रोडक्शन और को-डेवलपमेंट में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

भारत से हथियार खरीदने को कई देश इच्छुक
फिलीपींस भी भारत से सैन्य उपकरण खरीद रहा है. जनवरी 2022 में फिलीपींस को ब्रह्मोस एंटी-शिप कोस्टल मिसाइल बैटरी के तीन यूनिट निर्यात करने का 375 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट भारत को मिला था. इसके बाद आसियान के दूसरे देशों और खाड़ी के कुछ देशों ने भी इस मिसाइल को हासिल करने में दिलचस्पी दिखाई है. भारत ने रूस के साथ मिलकर इस सटीक-मार करने वाली मिसाइल को विकसित किया है. भले ही अभी भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना हुआ है, मगर धीरे-धीरे उसकी स्थिति अब बेहतर होती जा रही है. वह अब दुनिया को हथियार भी निर्यात करने लगा है.

Tags: Defence Companies, India Defence, US News

FIRST PUBLISHED :

October 28, 2024, 07:17 IST

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