उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. कांग्रेस से मुंबई की सीट बचाने के लिए जूझ ही रहे थे कि एकनाथ शिंदे ने उनके बेटे आदित्य ठाकरे के खिलाफ मिलिंंद देवड़ा को मैदान में उतार दिया. देवड़ा को काफी मजबूत नेता माना जाता है. अब उद्धव को उनके भतीजे ने ही चुनौती दी है. एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने कहा, हम उन्हें माफ नहीं कर सकते, क्योंकि उन्होंने मेरे पिता का गुरूर तोड़ा है.
अमित ठाकरे माहिम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला शिंदे गुट के नेता सदा सरवणकर और शिवसेना ठाकरे गुट के महेश सावंत से होगा. लोकमत के साथ इंटरव्यू में अमित ठाकरे ने अपने दिल का दर्द बयां किया. बताया कि किस तरह उद्धव ठाकरे ने उनके पिता को परेशान किया.
छह पार्षद हमसे छीन लिए
डबडबाई आंखों से अमित ठाकरे ने कहा-‘ मैं 2017 में बीमार था. उस समय उद्धव ठाकरे की पार्टी ने हमारे छह नगर पार्षद छीन लिए. मुझे पता है कि उन्हें कितने ‘डिब्बे’ दिए गए थे, अब इन्हें ‘बक्से’ कहा जाता है. जो सातवें नगरसेवक थे, वो हमारे साथ रहे. उन्हें भी ऑफर था. मुझे पता है कि उन्हें कितने डिब्बे दिए जाने वाले थे. अमित ठाकरे ‘बक्से’ की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उद्धव हमेशा कहते हैं कि एकनाथ शिंदे ने इसलिए पार्टी तोड़ी क्योंकि उन्हें ‘बक्से’ दिए गए.
जब मैं बीमार था तब…
अमित ठाकरे ने कहा, उद्धव कहते हैं कि जब मैं बीमार था तो उन्होंने विधायक तोड़ दिए. लेकिन मेरे पिता राज ठाकरे को कितना कष्ट हुआ होगा जब मेरे बीमार होने पर उन्होंने हमारी पार्टी तोड़ दी थी. मैं उसे नहीं भूला हूं. मैं तब से एक लंबा सफर तय कर चुका हूं.
क्या हुआ था तब
2017 में मुंबई नगर निगम का चुनाव शिवसेना और बीजेपी ने अपने दम पर लड़ा था. उस समय शिवसेना-बीजेपी सत्ता में थी. मुंबई नगर निगम में शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी थी. तो वहीं बीजेपी ने कहा था कि वह नगर निगम सरकार में हिस्सा नहीं लेगी. इस चुनाव में मनसे के नगरसेवक चुने गए. मनसे के 6 नगरसेवकों के शिवसेना में शामिल होने से निर्दलीय समेत शिवसेना की ताकत 100 से अधिक हो गई. जब ये सब हुआ, तब अमित ठाकरे गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उस समय राज ठाकरे ने खुद को पूरी तरह से चुनाव से दूर कर लिया था.
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FIRST PUBLISHED :
October 25, 2024, 18:11 IST