हाइलाइट्स
कनाडा में बंबीहा गैंग से हमेशा बिश्नोई गिरोह की ठनी रहती है, दोनों में गैंगवार हो चुके हैंकनाडा ने बिश्नोई गैंग के करीब 30 लोगों को अब तक हत्या से लेकर वसूली के आरोपों में पकड़ा हैभारत सरकार ने ही दो साल पहले कनाडा को बिश्नोई गैंग को लेकर अलर्ट किया था
भारत और कनाडा के संबंध ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच गए हैं. कनाडा ने जहां निज्जर हत्याकांड को लेकर फिर भारत पर आरोप लगाए हैं तो भारतीय दूतावास के 6 राजनयिकों को इसलिए निष्कासित कर दिया कि वो वहां जासूसी कर रहे थे. इसके जवाब में भारत ने भी उसके 6 डिप्लोमेट्स को वापस भेज दिया. सबसे बड़ी बात ये है कि कनाडा अब अपने यहां सिखों को टारगेट करने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम ले रहा है.
सवाल – कनाडा ने क्या ताजा आरोप लगाया है, खासकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर?
– कनाडा ने आरोप लगाया है कि उसकी धरती पर मौजूद भारतीय एजेंट खालिस्तान समर्थक तत्वों को निशाना बनाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. संयोग से ये आरोप ऐसे समय सामने आए हैं, जब लॉरेंस बिश्नोई गैंग एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए चर्चा में है, क्योंकि उसने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है.बिश्नोई फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है.
दिलचस्प बात यह है कि जून 2022 में भारतीय उच्चायोग ने गायक सिद्धू मूसे वाला की हत्या के बाद पंजाब में हिंसक अपराधों के लिए कनाडा को सचेत किया था कि उसकी धरती से संचालित गैंगस्टर भारत में वारदात कर रहे हैं. बिश्नोई गिरोह उत्तर भारत के साथ अपने सहयोगियों के माध्यम से कनाडा में भी मौजूद है.
सवाल – भारत ने कनाडा के इस आरोप पर क्या जवाब दिया है?
– भारत का कहना है कि दरअसल ये कनाडा की धरती है जहां से पंजाब में तमाम आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियां संचालित हो रही हैं. नई दिल्ली लंबे समय खालिस्तानी आतंकवादियों को कनाडा में पनाह देने का आरोप लगाती रही है. कनाडा में ही एयर इंडिया फ्लाइट 182 बम विस्फोट की साजिश रची गई, जिसमें 329 लोग मारे गए थे.
सवाल – कनाडा क्यों अब लॉरेंस बिश्नोई गैंग को भारत का एजेंट बता रहा है?
– दरअसल कनाडा ने एक रिपोर्ट तैयार की है कि भारत सरकार लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का इस्तेमाल ऑपरेशनों के लिए कर रही है. उसने इसके लिए भारतीय खुफिया विंग रॉ और लॉरेंस बिश्नोई गैंग में सांठगांठ का भी आरोप लगाया लेकिन वह किसी भी चीज के पुख्ता सबूत नहीं दे पाया है. ना ही उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लोगों को पकड़ने में सफलता हासिल की है.
सवाल – क्या लॉरेंस बिश्नोई गिरोह कनाडा में सक्रिय है?
– हां, लॉरेंस बिश्नोई गिरोह कथित तौर पर कनाडा में सक्रिय है. हाल के घटनाक्रमों ने संगठित अपराध से इसके संबंधों की ओर इशारा किया है. कहा जाता है. ये गैंग वहां हत्या और जबरन वसूली में शामिल रहता आया है. माना जाता है कि बिश्नोई गैंग का सेकेंड मेन लीडर सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार खुद सिख है और कनाडा में ही रहता है. यही इस गैंग के बहुत से सदस्य इस समय कनाडा में हैं. जो वहां वारदातों को अंजाम देते हैं.
सवाल – क्यों ये माना जाता है कि बिश्नोई गैंग कनाडा में बैठकर भारत में अपराध करता है?
– इसके पीछे पर्याप्त प्रमाण हैं. क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई के जेल में होने के कारण इस गिरोह के आपरेशन गोल्डी बरार देखता है, जिसके बारे में यही कहा जाता है कि वो कनाडा में रहता है. पिछले कुछ सालों में इस गैंग ने कनाडा से लेकर इंग्लैंड तक अपना असर बढ़ा लिया है. उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया हुआ है.
सवाल – क्या कनाडा ने बिश्नोई गैंग के किसी सदस्य को अब तक पकड़ा या सबूत दिए हैं?
– रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) का कहना है कि उसने कुछ सबूत दिए हैं लेकिन भारत सरकार का कहना है कि ये केवल दावे हैं, सबूत नहीं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान RCMP की सहायक आयुक्त ब्रिगिट गौविन ने कहा कि कनाडा में बिश्नोई गिरोह भारतीय सरकार के एजेंटों से जुड़े हुए हैं. उनका कहना है कि ये एजेंट कथित तौर पर कनाडा में दक्षिण एशियाई समुदाय, विशेष रूप से खालिस्तानी समर्थक तत्वों को निशाना बना रहे हैं. ये आरोप कनाडा और भारत के बीच एक गंभीर कूटनीतिक संकट को दर्शाते हैं.
सवाल – कनाडा पुलिस ने बिश्नोई गैंग के कितने लोगों को पकड़ा है और उन पर क्या आरोप है?
– कनाडाई अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की आपराधिक गतिविधियों से जुड़े करीब 30 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.
– 8 गिरफ्तारियां विशेष रूप से हत्या के मामलों में हुई हैं
– 22 गिरफ्तारियां जबरन वसूली और अन्य हिंसक वारदातों से जुड़ी हैं.
सवाल – कनाडा में वो देविंदर बंबीहा गिरोह कौन सा है जो बिश्नोई गैंग से भिड़ता रहता है?
– दविंदर बंबीहा गिरोह मुख्य तौर पर कनाडा सिखों का आपराधिक गैंग है. ये वहां कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है. ये गिरोह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को अपना दुश्मन मानता है. इन दोनों के बीच हिंसक टकराव हो चुके हैं. हत्याएं भी हुई हैं. बंबीहा गिरोह के सदस्य सुखदूल सिंह की विन्निपेग में हत्या कर दी गई, जिसे इस चल रहे गिरोह संघर्ष का हिस्सा बताया गया.
सवाल – बंबीहा गिरोह कनाडा में किन वारदातों और धंधों में एक्टिव रहता है?
– बंबीहा गिरोह के सदस्य जबरन वसूली, मादक पदार्थों की तस्करी और हिंसक अपराधों में एक्टिव रहते हैं. इस गिरोह का सरगना फिलहाल गौरव पटियाल उर्फ लकी बताया जाता है तो नंबर दो पोजिशन पर सिख हरविंदर सिंह उर्फ रिंडा है. ये गिरोह कनाडा में पूरी तरह एक्टिव है लेकिन उसके क्रिमिनल तार भारत से भी जुड़े हैं.ये कई हाई-प्रोफाइल घटनाओं से जुड़ा हुआ है, जिसमें प्रतिद्वंद्वी गिरोहों से जुड़े व्यक्तियों की हत्या भी शामिल है. सुखदूल सिंह की हत्या को बिश्नोई गिरोह के सदस्यों की पिछली हत्याओं के प्रतिशोध के रूप में देखा गया.
सवाल – इस गैंग को किसने बनाया था?
– बंबीहा गैंग को दविंदर बंबीहा ने बनाया था. दविंदर बंबीहा का असली नाम दविंदर सिंह सिद्धू था. वो मोगा जिले के बंबीहा गांव का रहने वाला था. एक समय में दविंदर कबड्डी प्लेयर हुआ करता था. साल 2010 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान एक हत्या मामले में उसका नाम आया था. यह वारदात उसके गांव के दो ग्रुपों में हुई में हाथापाई के दौरान हुई थी.
इस मामले में दविंदर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जेल में हो वो गैंगस्टरों के संपर्क में आया और खतरनाक शार्प शूटर बन गया. इस तरह से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. 9 सितंबर, 2016 को बठिंडा के रामपुरा के पास गिल कलां में हुई पुलिस मुठभेड़ में दविंदर बंबीहा मारा गया था.
सवाल – इस गैंग का बेस कनाडा में कैसे बन गया?
– दविंदर के एनकाउंटर के बाद बंबीहा गैंग की कमान गौरव उर्फ लकी पटियाल ने संभाली. लकी पटियाल धनास चंडीगढ़ का रहने वाला है. पंजाब का बड़ा गैंगस्टर है. जो हत्या, हत्या की कोशिश और एक्सटॉर्शन जैसे मामले में जेल में बंद था. वह आर्मेनिया भाग गया. वहां से कनाडा चला गया. अब वह कनाडा में ही गैंग चला रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
October 15, 2024, 14:22 IST