नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का नतीजा आने में अभी कुछ दिनों का समय बाकी है. लेकिन एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस की बल्ले बल्ले होते दिख रही है. चुनावी रूझानों में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन को बहुमत के करीब पहुंचते दिखाया जा रहा है. माना जा रहा है कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को जिन 90 सीटों पर चुनाव हुए हैं, उनमें से 40 से 45 सीटें मिल सकती हैं. लेकिन कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस को सत्ता तक पहुंचाने के लिए अभी एक बहुत लंबा रास्ता तय करना बाकी है.
जम्मू कश्मीर में फिलहाल 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं, लेकिन जब असेंबली में विश्वास मत पर वोटिंग होगी तो उस समय 95 विधायक मौजूद होंगे. ऐसा जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए बनाए गए नए कानून की वजह से होगा. जिसमें पांच विधायकों को मनोनीत करने का अधिकार उप राज्यपाल को है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर एलजी मनोज सिन्हा ने इन 5 नामों को मंजूरी देने की तैयारी भी कर ली है. मगर कांग्रेस ने इस कदम का विरोध करने का फैसला किया है. कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने अपनी मनमर्जी से इन विधायकों को मनोनीत कर दिया है.
जबकि कांग्रेस का मानना है कि इन 5 विधायकों का मनोनयन नई सरकार बनने के बाद किया जाना चाहिए. कांग्रेस का कहना है कि नई सरकार की सिफारिश के आधार पर इन विधायकों का मनोनयन होना चाहिए. इसी आधार पर कांग्रेस बीजेपी की केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर खड़ी है. लेकिन तमाम आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल अभी कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन को मौजूदा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. आज की तारीख में काम से कम 10 ऐसी सीटे हैं, जहां पर कांटे का मुकाबला है.
अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस इन कांटे की सीटों वाले मुकाबले में हार गई तो बीजेपी के लिए सत्ता हासिल करने के लिए बड़ा खेल करना आसान बात हो जाएगी. इसलिए कहा जा सकता है कि एग्जिट पोल के नतीजे से भले ही नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को खुशी मिली है. लेकिन सत्ता की लड़ाई अभी 8 तारीख के बाद भी लड़ी जाने बाकी रह सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 5, 2024, 22:23 IST