नई दिल्ली. त्योहारों को ऐसे ही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना गया है. हर साल त्योहारी सीजन में लाखों करोड़ रुपये का बिजनेस होता है. आपने भी देखा होगा कि आपके दोस्त-यार, पड़ोसी और रिश्तेदार त्योहारों पर नई कार खरीदने से लेकर नया फर्नीचर और नया होम अप्लायंसेस लेते हैं. लेकिन, आपको शायद नहीं पता है कि एक चीज और है जिस पर किया जाने वाला खर्चा इन सभी चीजों पर भारी पड़ता है. अंदाजा लगाएं क्या हो सकता है.
जवाब नहीं मिला न, तो हम बताते हैं कि आखिर ऐसी क्या चीज है जिस पर लोग हर त्योहारों में सबसे ज्यादा खर्चा करते हैं. कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने इस बार भी अनुमान लगाया है कि सबसे ज्यादा खर्चा इसी कैटेगरी में होना है. कैट ने तो यहां तक बोला है कि रक्षाबंधन से शुरू हुए त्योहारी सीजन में इस बाद दिवाली तक देश के बाज़ारों में लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने की संभावना है.
किस पर होता है सबसे ज्यादा खर्चा
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के तहत 4.25 लाख करोड़ के अनुमानित व्यापार में लगभग 13% खाने-पीने की चीजों और किराना के सामानों पर खर्च होगा. यह किसी भी अन्य खर्च में सबसे ज्यादा है. दूसरे नंबर पर कपड़े आते हैं, जिस पर 12 फीसदी खर्चा होता है. इसके बाद 9% ज्वेलरी में, 4% ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3% घर की साज-सज्जा, 6% कॉस्मेटिक्स, 8% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3% पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3% बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2% कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8% गिफ्ट आइटम्स, 4% फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर और शेष 20% ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने आदि पर होते हैं.
फिर मुंह देखता रह जाएगा चीन
बाजार के लिहाज से भारत के सबसे बड़े त्योहार दिवाली पर देश के 70 प्रमुख शहरों 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है. पिछले साल यह आंकड़ा लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये था. इस बार अकेले दिल्ली में 75 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हो सकता है. कैट महासचिव का कहना है कि हर साल त्योहारों पर करीब 70 करोड़ ग्राहक खरीदारी करते हैं. चीनी सामानों के बायकाट की वजह से इस बार भी बाजार में चीन के प्रोडक्ट कम ही दिखाई देंगे.
छोटे दुकानदारों को भी मिलेगा बड़ा काम
कैट महासचिव का कहना है कि छोटे दुकानदारों को भी इस त्योहार पर बड़ा काम मिलने की संभावना है. इसमें विशेष रूप से गिफ्ट आइटम्स, मिठाई-नमकीन, ड्राई फ्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, वस्त्र, आभूषण, कपड़ा, बर्तन, क्रॉकरी, मोबाइल, फर्नीचर, फर्निशिंग, रसोई के उपकरण, घर सजाने का सजावटी सामान, फुटवियर, सौंदर्य प्रसाधन, कास्मेटिक्स, कंप्यूटर एवं आई टी उपकरण, स्टेशनरी, बिजली का सामान, फल, फूल, पूजा सामग्री, मिट्टी के दिये आदि की ब्रिकी सबसे ज्यादा रहेगी.
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FIRST PUBLISHED :
October 14, 2024, 15:39 IST