Last Updated:July 20, 2025, 12:50 IST
Apache helicopters: भारतीय सेना को अमेरिका से खरीदे गए अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर मिले हैं, जिन्हें 'फ्लाइंग तोप' कहा जाता है. इनकी कीमत 860 करोड़ रुपये प्रति यूनिट है. ये हेलीकॉप्टर पश्चिमी सीमा पर तैनात होंगे.

भारतीय सेना को अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप मिलने जा रही है.
हाइलाइट्स
भारतीय सेना को अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर मिले.प्रत्येक हेलीकॉप्टर की कीमत 860 करोड़ रुपये है.ये हेलीकॉप्टर पश्चिमी सीमा पर तैनात होंगे.Apache helicopters: बुलेट ट्रेन की रफ्तार से देश की सेना के आधुनिकीकरण का काम चल रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो इस दिशा में जो तेजी देखी जा रही है वैसी तेजी इतिहास में शायद ही कभी देखी गई होगी. हर रोज कोई न कोई बड़ी डील को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस बीच भारतीय सेना एक और बड़ा कारनामा करने जा रही है. उसे आसमान में उड़ने वाली तोप हासिल होने वाली है. जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं… आसमान में उड़ने वाली तोप. यह आसमान में उड़ने वाली तोप कुछ और नहीं बल्कि अमेरिका से खरीदे गए अपाचे AH-64E हैं. इनकी डिलिवरी शुरू हो गई है. इसी 22 जुलाई को इनकी पहली खेप जोधपुर पहुंचने वाली है.
इन हेलीकॉप्टरों का औपचारिक स्वागत 22 जुलाई को होने की संभावना है. ये दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं. इनमें बेहद शक्तिशाली गन लगे हैं. इसी कारण इनको उड़ती हुई तोप कहा जाता है. इन हेलीकॉप्टरों की मारक क्षमता अद्भूत हैं. इस एक प्रत्येक हेलिकॉप्टर की कीमत करीब 860 करोड़ रुपये है. यह देश की सबसे महंगी हथियार प्रणालियों में से एक है.
क्या है ये फ्लाइंग तोप
ये ‘फ्लाइंग तोप’ न केवल सेना की हवाई ताकत को बढ़ाएंगी, बल्कि पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ सटीक और भयानक हमलों की गारंटी देंगी. इन हेलिकॉप्टरों की खरीद 2020 में अमेरिका के साथ 600 मिलियन डॉलर (लगभग 5,000 करोड़ रुपये) के सौदे के तहत हुई थी. ये छह में से पहली तीन इकाइयां हैं, जिनका इंतजार सेना को 15 महीने से अधिक समय से था. जोधपुर में पहले से स्थापित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन इन हेलिकॉप्टरों का संचालन करेगा, जो पश्चिमी सीमा की रक्षा के लिए तैनात होंगे. अपाचे हेलिकॉप्टरों को आकाश से गोलों की बारिश करने वाला हेलीकॉप्टर कहा जाता है. ये दुश्मन के टैंकों, बंकरों और सैन्य ठिकानों पर सटीक प्रहार करने में सक्षम हैं. इनमें फायर एंड फॉर्गेट, हेलफायर मिसाइलें, 30 मिमी की चेन गन और हाइड्रा-70 रॉकेट सिस्टम लगे हैं, जो जटिल युद्ध क्षेत्रों में भी प्रभावी साबित होते हैं.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज18 को बताया कि ये हेलिकॉप्टर न केवल हमारी हवाई मारक क्षमता को बढ़ाएंगे, बल्कि जमीन पर सैनिकों के साथ तालमेल बढ़ाने में भी मदद करेंगे. अपाचे की रात में भी हमला करने की क्षमता, उन्नत नेविगेशन और संचार प्रणाली इसे दुश्मन के लिए एक चुनौती बनाती है. जोधपुर का रेगिस्तानी इलाका इन हेलिकॉप्टरों के लिए आदर्श है, जहां वे तेज गति और लंबी दूरी तक हमले कर सकते हैं.
एयरफोर्स के पास पहले से हैं ये हेलीकॉप्टर
पहले ये हेलिकॉप्टर केवल वायु सेना के पास थे. हालांकि, इस डिलीवरी में देरी ने सवाल खड़े किए हैं. 2024 के मध्य में शुरू होने वाली डिलीवरी को सप्लाई चेन की समस्याओं और वैश्विक भू-राजनीतिक हालात ने प्रभावित किया. लेकिन अब जब ये हेलिकॉप्टर आ रहे हैं तो सेना उत्साहित है. 22 अपाचे पहले से वायु सेना के पास हैं और इन छह की तैनाती थल सेना की एविएशन कोर को नई ताकत देगी. बोइंग कंपनी द्वारा निर्मित ये हेलिकॉप्टर अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल जैसे देशों में अपनी प्रभावी सेवा दे चुके हैं.
इस डिलीवरी से पहले जॉइंट रिसीप्ट इंस्पेक्शन (JRI) पूरी की जाएगी, जो हेलिकॉप्टरों की गुणवत्ता और कार्यक्षमता की पुष्टि करेगी. अगले कुछ महीनों में शेष तीन हेलिकॉप्टर भी भारत पहुंचेंगे, जिससे सेना की युद्धक क्षमता और मजबूत होगी. यह कदम न केवल पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि भारत की क्षेत्रीय शक्ति और आत्मविश्वास को भी दर्शाएगा.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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Location :
Allahabad,Uttar Pradesh