हाइलाइट्स
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को खत्म हो रहा है.जस्टिस चंद्रचूड़ ने अगले CJI के तौर पर जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश की है.जस्टिस खन्ना भारत के 51वें चीफ जस्टिस बनने जा रहे हैं.
नई दिल्ली. जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna News) देश के 51वें चीफ जस्टिस होंगे, इस बात का औपचारिक ऐलान गुरुवार को हो गया. वो 10 नवंबर को रिटायर हो रहे CJI डीवाई चंद्रचूड की जगह सुप्रीम कोर्ट में लेंगे. जिसके बाद अगले पांच महीने तक वो ये जिम्मेदारी संभालेंगे. अब मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर संजीव खन्ना कौन हैं, जो डीवाई चंद्रचूड़ के उत्तराधिकारी बनने जा रहे हैं. चलिए हम आपको आज उनके कार्यकाल के दौरान के पांच बड़े चर्चित फैसलो के बारे में बतो हैं. वो दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर श्री कृष्ण जन्मभूमि जैसे मामलों की सुनवाई कर चुके हैं.
अरविंद केजरीवाल को जमानत
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले के मामले में ईडी ने अरेस्ट किया था. इसी बीच देश में लोकसभा चुनाव 2024 शुरू हो गए. यह तय माना जा रहा था कि आम आदमी पार्टी के टॉप सभी बड़े नेता चुनाव के दौरान जेल में ही रहेंगे. चुनाव के बीच में जस्टिस संजीव खन्ना ने अरविंद केजरीवाल को प्रचार के लिए जमानत देकर हर किसी को चौंका दिया. बाद में संजीव खन्ना की बेंच ने ही उन्हें इस मामले में रेगुलर बेल दी.
बिलकिस बनों केस
बहुचर्चित बिलकिस बानो का केस भी सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना के पास सुनवाई के लिए आया. बलात्कार में दो दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और याचिका लगाई कि गुजरात सरकार ने उनकी छूट को रद्द कर दिया गया था और उन्हें आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है. मांग की गई कि उनकी छूट को बरकरार रखा जाए. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की बेंच ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इस याचिका पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया. जिसके चलते दोषियों को अपनी याचिका को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा.
हिजाब बैन
मुंबई के एक प्राइवेट कॉलेज ने जुलाई के महीने एक एक सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर में साफ-साफ कहा गया था कि कॉलेज परिसर के अंदर हिजाब, कैप पहनने की मनाही रहेगी. जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मुम्बई के निजी कॉलेज द्वारा जारी सर्कुलर पर आंशिक रूप से रोक लगाते हुए कहा था कि छात्राओं को यह चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे क्या पहनें. बेंच ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि यदि कॉलेज का इरादा छात्राओं की धार्मिक आस्था को उजागर न करने का था तो उसने तिलक और बिंदी पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि
कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में भी संजीव खन्ना ने अहम जज्मेंट दिया. उन्होंने उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. जिसके तहत हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा दायर दो मुकदमों में मस्जिद समिति के खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था. शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति की याचिका पर नवंबर में अब नवंबर में सुनवाई है.
गुरमीर राम रहीम
जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के पास डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का केस भी आया. पंजाब सरकार की तरफ से एक याचिका लगाई गई जिसमें संत कबीर दास और गुरु रविदास के भक्तों की धार्मिक मान्यताओं का कथित रूप से अपमान करने के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए राम रहीम को राहत दी थी. पीठ ने तब कहा था कि याचिका में पर्याप्त योग्यता नहीं है.
Tags: DY Chandrachud, Supreme Court
FIRST PUBLISHED :
October 17, 2024, 13:52 IST