हिमांशु मित्तल.
कोटा. कोटा संभाग में बड़ी संख्या में गैर मुस्लिम बच्चे मदरसों में तालिम ले रहे हैं. राजस्थान के सभी जिलों के मदससों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों की सर्वाधिक संख्या कोटा संभाग में है. पूरे राजस्थान के गैर मुस्लिम बच्चों की संख्या का 25 प्रतिशत सिर्फ हाड़ौती के चार जिले कोटा बूंदी झालावाड़ और बारां से है. जबकि इन जिलों के मदरसों में गैर मुस्लिम शिक्षकों की संख्या नगण्य है. आरटीआई के तहत हुए इस खुलासे के बाद बजरंग दल बिफर गया. उसने इसे धर्मातंरण के प्रयास की बड़ी साजिश बताया है.
दरअसल राजस्थान हाईकोर्ट के वकील सुजीत स्वामी ने सूचना के अधिकार के तहत राजस्थान मदरसा बोर्ड से वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में सभी जिलों में मौजूदा मदरसों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम छात्र और छात्राओं की जिलेवार जानकारी मांगी थी. इसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सुजीत स्वामी ने बताया कि राजस्थान के 33 जिलों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों की सर्वाधिक संख्या कोटा जिले में है.
आंकड़े बयां कर रहे हैं अलग तस्वीर
सुजीत ने बताया कि आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार साल 2022-23 में मदरसों में 1775 बॉयज स्टूडेंट गैर छात्र और 1566 छात्राएं थीं. साल 2023-24 में यह संख्या 1737 और 1609 रही थी. साल 2024-25 में यह संख्या 1600 और 1456 है. कोटा संभाग चारों जिले कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ के आंकड़े अलग तस्वीर बयां करते हैं. कोटा में साल 2022-23 में गैर मुस्लिम छात्रों की संख्या 162 और छात्राओं की संख्या 183 थी. झालावाड़ में छात्रों की संख्या 120 तो छात्राओं की संख्या 100 थी. वहीं बूंदी जिले 51 गैर मुस्लिम छात्र और 62 छात्राएं थी. बारां में यह संख्या तो 93 और 89 थी. साल 2023- 24 में कोटा जिले में 171 छात्र और 267 छात्राएं थी. झालावाड़ जिले में यह संख्या 114 और 105 थी. बूंदी में 47 छात्र और 50 छात्राएं थे. जबकि बारां जिले में 90 छात्र और 80 छात्राएं थी.
साल 2024-25 में यह है संख्या
साल 2024-25 के आंकड़ों पर नजर डालें तो कोटा जिले में 156 हिन्दू छात्र 184 छात्राएं मदरसों में पढ़ रहे हैं. झालावाड़ 95 छात्र और 89 छात्राएं हैं। बूंदी 40 छात्र 48 छात्राएं हैं. बारां जिले में यह संख्या 87 और 85 है. इन आंकड़ों को अगर जोड़ा जाए तो पूरे प्रदेश में 25 फीसदी से ज्यादा गैर मुस्लिम छात्र छात्राएं अकेले कोटा संभाग से है. कोटा संभाग में जिस तादाद में गैर मुस्लिम छात्र-छात्राएं मदरसों में पढ़ाई जा रहे हैं उसे तादाद में गैर मुस्लिम शिक्षक और शिक्षिकाओं का आंकड़ा नगण्य है.
मदरसों में गैर मुस्लिम शिक्षकों का यह है आंकड़ा
साल 2022-23 में कोटा जिले के मदरसों में दो गैर मुस्लिम शिक्षक थे. वहीं झालावाड़ जिले में सिर्फ एक और बूंदी तथा बारां जिले में भी कोई गैर मुस्लिम टीचर नहीं था. साल 2023 24 में कोटा और झालावाड़ जिले में एक-एक टीचर था. जबकि बूंदी और बारां जिले में कोई गैर मुस्लिम टीचर नहीं था. 2024 25 के सत्र में फिर से कोटा और झालावाड़ जिले में एक-एक गैर मुस्लिम शिक्षक है. बूंदी और बारां में आंकड़ा फिर से शून्य है.
कोटा पीएफआई की रैली ने देश को चौंका दिया था
वकील सुजीत स्वामी का आरोप है कि शिक्षा नगरी कोटा में पहले भी इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पीएफआई की रैली ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया था. अब कोटा संभाग के मदरसा में गैर मुस्लिम बच्चों की संख्या सर्वाधिक होना कुछ अलग संकेत दे रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि गैर मुस्लिम बच्चों को इस्लाम की शिक्षा देकर उनका बचपन में ही ब्रेन वाश करने की गहरी साजिश अंदेशा लग रहा है. उन्होंने राजस्थान के सभी मदरसों का भी भौगोलिक सत्यापन किए जाने की जरुरत बताई है.
बजरंग दल का आरोप-यह धर्मातंरण की साजिश है
वहीं बजरंग दल ने आरोप लगाया कि मदरसों में हिंदू बच्चों को मजहबी शिक्षा दी जा रही है. बजरंग दल के प्रांत संयोजक योगेश रेनवाल ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों के मदरसों में बड़े स्तर पर हिंदू छात्र तालीम ले रहे हैं. मदरसों में बच्चों को नमाज पढ़ना और हिजाब पहनना सिखाया जा रहा. यह धर्मातंरण की बड़ी साजिश है. बजरंग दल ने इस मामले की सरकार से बड़े स्तर पर जांच करवाने की मांग की है.
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FIRST PUBLISHED :
October 28, 2024, 14:44 IST