नई दिल्ली. बुलडोजर को लेकर देश में हो रही राजनीति अब शायद खत्म हो जाए? सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसला देते हुए राज्य सरकारों को बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है. लेकिन, झारखंड के बोकारो में पिछले दिनों यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा में बीजेपी समर्थक बुलडोजर बाबा जिंदाबाद के नारे लगा लगे रहे हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सभी राज्य सरकारें बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए बुलडोजर एक्शन नहीं कर सकते. ऐसे में बुलडोजर एक्शन से जिन-जिन लोगों को नुकसान पहुंचा है, उन लोगों को अब मुआवजा पाने की आस बंध गई है. लेकिन, दूसरी तरफ बीते चार-पांच सालों में जिन-जिन लोगों ने बुलडोजर (जेसीबी मशीन) खरीद कर नगर निगम या प्राधिकरण को किराये पर दे रखा है, उन सबों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट गहरा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि आपराधिक मामलों में महज आरोपी होने से किसी के घर को बुलडोजर नहीं चला सकते. यदि सरकार उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बगैर किसी का घर गिराती है तो उसे सत्ता और शक्ति का दुरुपयोग माना जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर अधिकारी बुलडोजर एक्शन करते हैं तो यह कोर्ट की अवमानना माना जाएगा.
अब क्या करेंगे ‘बाबा बुलडोजर’ चलाने वाले?
अब देश में किसी भी राज्य में बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए बगैर किसी की भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जा सकता है. प्रभावित पक्षों को जवाब देने के लिए कम से कम 15 दिन का समय देना अनिवार्य होगा. साथ ही और भी कई कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर इसके बावजूद संबंधित अधिकारी किसी का घर गिराते हैं तो उसे निजी तौर पर गिराए संपत्ति का दोबारा से बनाना होगा.
क्या बुलडोजर का करार हो जाएगा रद्द?
आपको बता दें कि हाल के वर्षो में यूपी में बुलडोजर एक्शन को लेकर कई मामले सामने आए थे. बाद में राजस्थान, एमपी और अन्य राज्यों में भी बुलडोजर एक्शन आपराधिक आरोपों में नाम आने पर शुरू हो गया था. खासकर, यूपी के योगी राज में ‘बाबा बुलडोजर’ अपराधियों के घरों पर बिजली और रॉकेट की तरह चलने लगता.
किन-किन जगहों पर अभी भी चल सकता है बुलडोजर?
हालांकि, अभी भी किसी सार्वजनिक स्थान जैसे, सड़क, गली, रेलवे लाइन, नदी या किसी अवैध निर्माण में सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश लागू नहीं होगा. लेकिन, अगर किसी अपराधी या किसी भगोड़े अपराधी को दवाब डालने के लिए बुलडोजर एक्शन अब अदालत की अनुमति से लागू होगा.
ऐसे में पिछले तीन-चार सालों में देशभर में जिन लोगो ने बुलोडजर खरीद कर अपनी आय का जरिया बनाया था. वैसे लोगों को अब दूसरा काम ढूंढना शुरू कर देना चाहिए. देश में इस समय जेसीबी मशीनों की भरमार है. कई ठेकेदारों ने सैकड़ों जेसीबी मशीन खरीदकर किराये पर सरकारी विभागों में लगा रखा था. खासकर नगर निगम और प्राधिरकरणों में जेसीबी से मोटा कमाई हो रहा था. लेकिन, अब लगता नहीं है कि कोई भी राज्य सरकार या उससे संबंधित एजेंसियां सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चैलेंज करेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि अब किराये पर लगा रखे जेसीबी मालिकों को नगर निगम से करार खत्म हो सकता है. अब मालिक या तो औने-पौने दामों में बुलडोजर को बेंचेंगे या फिर दूसरे कामों में लगाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
November 14, 2024, 20:49 IST