बेंगलुरु: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. हालांकि खड़गे के परिवार ने इन मुश्किलों में से एक में से निकलने का फैसाला लिया है. खड़गे के परिवार ने बेंगलुरू के एयरोस्पेस पार्क में पांच एकड़ प्लॉट के आवंटन को लेकर मुश्किल में था, विवाद को शांत करने के लिए प्लॉट को सरेंडर करने का निर्णय लिया है. इससे महज दो महीने पहले ही उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा था कि आवंटन सही था और इसका उद्देश्य एक पारिवारिक ट्रस्ट द्वारा “बहु-कौशल विकास केंद्र” विकसित करना था.
यह यू-टर्न मुख्यमंत्री की पत्नी बीएम पार्वती द्वारा मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) आवंटन में भूमि के बदले भूमि विवाद उत्पन्न होने के बाद मैसूर के एक पॉश इलाके में 14 भूखंडों को वापस करने के बाद लिया गया है. वहीं राहुल खड़गे की अध्यक्षता वाले सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट ने कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड (केआईएडीबी) की तरफ़ से आवंटित की गई पांच एकड़ ज़मीन को वापस कर दिया है.
क्यों लौटाई जमीन?
राहुल खड़गे के बयान के मुताबिक़, “केआईएडीबी को पूरा भुगतान करने के बाद, दो महीने पहले कौशल विकास और शिक्षा के लिए सेंटर बनाने के लिए यह जमीन आवंटित की गई थी.” राहुल खड़गे ने आगे कहा, “आधारहीन और राजनीति से प्रेरित आरोपों का समाना करते हुए एक शिक्षण संस्थान ठीक से नहीं चलाया जा सकता. ट्रस्ट की स्थापना उच्च मूल्यों और समाज के लिए कार्य करने के जज़्बे के साथ की गई थी. हम उन विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं, जो शिक्षा और सामाजिक सेवा के माध्यम से वंचितों को सशक्त बनाने के हमारे प्राथमिक उद्देश्य से हमारा ध्यान भटका सकते हैं.”
कर्नाटक के CM पर भी उठ रहा सवाल?
मालूम हो कि सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इस साल मार्च में ट्रस्ट को सीए साइट आवंटित की थी और भाजपा ने राज्य सरकार पर पार्टी अध्यक्ष के परिवार को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. ट्रस्ट में मल्लिकार्जुन खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई, बेटा प्रियांक खड़गे, दामाद राधाकृष्ण डोड्डामनी और छोटा बेटा राहुल खड़गे शामिल हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 14, 2024, 12:06 IST