भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये फैसले नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की प्रतिकूल रिपोर्ट और कानूनी कार्यवाही ...अधिक पढ़ें
भाषाLast Updated : October 14, 2024, 14:58 ISTकांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की फैमिली की ओर से बेंलगुरू में आवंटित पांच एकड़ के एक प्लॉट को सरकार को लौटाए जाने का मामला राजनीतिक रंग ले चुका है. इस मुद्दे पर भाजपा बेहद आक्रामक हो गई है. उसने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस का समूचा शीर्ष नेतृत्व भूमि सौदों से जुड़े भ्रष्टाचार में लिप्त है और इन मामलों में पोल खुलने के बाद उसे नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
भाजपा की ओर से कांग्रेस पर यह हमला ऐसे समय किया गया है जब कर्नाटक में सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के अध्यक्ष राहुल एम. खरगे ने बहु-कौशल विकास केंद्र, प्रशिक्षण संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए बेंगलुरु में पांच एकड़ जमीन के आवंटन के अपने अनुरोध को रविवार को वापस ले लिया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे राहुल खरगे का यह कदम सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती द्वारा मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण को 14 भूखंड वापस लौटाने के बाद आया है. लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले को लेकर सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और एक रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये फैसले नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की प्रतिकूल रिपोर्ट और कानूनी कार्यवाही के कारण लिए गए हैं और एक तरह से यह उसके नेताओं की स्वीकारोक्ति है कि भू आवंटन गलत था. उन्होंने दावा किया कि कानूनी कार्यवाही के दौरान होने वाली ‘जलालत’ से बचने के लिए ऐसा किया गया.
त्रिवेदी ने सिद्धरमैया समेत कांग्रेस के कई नेताओं पर कथित जमीन घोटालों का आरोप लगाया और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से पूछा कि उनकी ‘मोहब्बत की दुकान’ अब ‘अवैध प्रॉपर्टी डीलर की दुकान’ में कैसे तब्दील हो गई? त्रिवेदी ने खरगे और सिद्धरमैया के परिवार के सदस्यों द्वारा जमीन लौटाने की पेशकश का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह एक प्रकार से उनकी स्वीकारोक्ति है. सत्ता का दुरुपयोग करके भूमि को हड़पने का कार्य कर्नाटक में कांग्रेस में सर्वोच्च स्तर पर हो रहा था.’’
उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया, ‘‘सिर्फ जमीन वापस करने से काम नहीं चलेगा. नैतिकता के आधार पर जिन लोगों ने जमीन वापस कर दी, क्या उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए?’’ मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन घोटाले मामले में लोकायुक्त पुलिस ने 25 सितंबर को विशेष न्यायालय के आदेश के बाद 27 सितंबर को सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी एम, उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी 30 सितंबर को मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की, जिसमें एमयूडीए की ओर से उनकी पत्नी पार्वती बी एम को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताएं करने का आरोप है. मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती द्वारा भूखंड लौटाने की पेशकश किये जाने के बाद, एमयूडीए ने उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस लेने का एक अक्टूबर को फैसला किया था.
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FIRST PUBLISHED :
October 14, 2024, 14:58 IST