चीन बॉर्डर पर इंडियन आर्मी ने किया ऐसा कमाल, चुटकियों में होगा यह काम

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Last Updated:December 07, 2025, 14:49 IST

India-China Border News: भारत के लिए चीन से लगती सीमा हमेशा से महत्‍वपूर्ण और संवेदनशील रही है. बॉर्डर एरिया की सुरक्षा का मुद्दा अक्‍सर ही चर्चाओं में बना रहता है. चीन की ओर से समय-समय पर ऐसे कदम उठाए जाते हैं, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो जाता है. बीजिंग की गतिवधियों को देखते हुए फॉरवर्ड पोस्‍ट को मजबूत करना समय की मांग है. इसमें उल्‍लेखनीय सफलता मिली है.

चीन बॉर्डर पर इंडियन आर्मी ने किया ऐसा कमाल, चुटकियों में होगा यह कामIndia-China Border News: भारतीय सेना ने सिक्किम में बॉर्डर पर बंकर और पोस्‍ट बनाने के लिए नई तकनीक को अपनाया है. (फाइल फोटो/AP)

India-China Border News: भारतीय सेना ने सिक्किम के अग्रिम इलाकों में बंकर, चौकियां और सैनिकों के लिए सुरक्षा ढांचे बनाने के लिए ऑन-साइट 3D कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. यह तकनीक सेना ने IIT हैदराबाद के साथ मिलकर विकसित की है. रक्षा मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी. डिफेंस मिनिस्‍ट्री ने बताया कि यह तकनीक पहले भी देश के अन्य ऑपरेशनल इलाकों में सफलतापूर्वक इस्तेमाल की जा चुकी है और अब सिक्किम में तैनात त्रिशक्ति कोर द्वारा इसे पूरी तरह लागू कर दिया गया है. बता दें कि सिक्किम में भारत-चीन की सीमा लगती है, इस वजह से इसका महत्‍व और संवेदनशीलता दोनों काफी बढ़ जाती है.

सेना ने बताया कि यह स्वदेशी रोबोटिक 3D कंक्रीट प्रिंटर पूरी तरह मोबाइल-पोर्टेबल है. इसका मतलब यह हुआ कि इसे कभी भी और कहीं भी लाया और ले जाया जा सकता है. इसमें रोबोटिक आर्म, सर्कुलर मिक्सर, पिस्टन पंप और जनरेटर लगा है, जिससे इसे पहाड़ी इलाकों में आसानी से ले जाया जा सकता है और तुरंत निर्माण शुरू किया जा सकता है. थ्री डी प्रिंटिंग से बनाए गए स्‍ट्रक्चर की लाइव बैलिस्टिक ट्रायल से जांच भी की गई है, जिसमें उनकी मजबूती और सुरक्षा क्षमता साबित हुई है. बता दें कि सिक्किम से लगने वाला बॉर्डर एरिया पर्वतीय होने की वजह से काफी दुर्गम और चुनौतियों वाला है. इस क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में जबरदस्‍त ठंड पड़ती है, ऐसे में जवानों के लिए रहने की मुकम्‍मल व्‍यवस्‍था बेहद जरूरी है.

3D कंक्रीट प्रिंटिंग के क्‍या हैं फायदे?

जरूरत के अनुसार डिजाइन तैयार करना धमाकों और गोलाबारी से बेहतर सुरक्षा ज्यादा कम्प्रेसिव स्ट्रेंथ यानी अधिक मजबूती गुणवत्ता पर पूरी पकड़ स्थानीय सामग्री का कुशल उपयोग कम समय में निर्माण

भारत-चीन सीमा पर नई दिल्‍ली की ओर से लगातार डेवलपमेंटल वर्क किया जा रहा है. (फोटो: IANS)

3D प्रिंटिंग तकनीक क्‍यों महत्‍वपूर्ण?

3D प्रिंटिंग तकनीक इलाके की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन और आधुनिक कैमोफ्लाज (छुपाव) में भी मदद करती है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पहाड़ों जैसे कठिन इलाकों में यह तकनीक सेना की इंजीनियरिंग क्षमता और ऑपरेशनल तैयारियों को नई ऊंचाई देती है, जिससे तेजी, टिकाऊपन और मिशन-केंद्रित इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना आसान हो जाता है. युद्ध का संघर्ष स्थितियों में सुरक्षित शेल्‍टर का होना काफी जरूरी होता है, ताकि बम और गोलों से खुद को सुरक्षित रखा जा सके. इसमें बंकर की भूमिका काफी अहम हो जाती है. दूसरी तरफ, सीमा की निगरानी करना भी जरूरी होता है, जिसके लिए सुरक्षित पोस्‍ट का रोल अहम है. 3D प्रिंटिंग तकनीक से इन दोनों जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा.

ईस्‍टर्न बॉर्डर पर बड़ी प्रगति

लद्दाख में दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर निर्मित, 900 मीटर लंबी श्योक टनल शुरू की गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में श्योक टनल के साथ-साथ यहां से सीमा सड़क संगठन की 125 रणनीतिक महत्व की अवसंरचना परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया है. इन परियोजनाओं में 28 सड़कें, 93 पुल और 4 अन्य सामरिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट शामिल हैं. ये परियोजनाएं 7 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं. 920 मीटर लंबी श्योक टनल को रक्षा मंत्री ने दुनिया के सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण इलाकों में निर्मित इंजीनियरिंग मार्वल बताया. उन्होंने बताया कि यह टनल भारी बर्फबारी, हिमस्खलन और अत्यधिक तापमान वाले इस क्षेत्र में सुरक्षा, मोबिलिटी और विशेषकर कड़ाके की ठंड के दौरान सैन्य तैनाती क्षमता को भी कई गुना बढ़ाएगी. इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारे सशस्त्र बलों और सिविल प्रशासन के साथ, बॉर्डर एरिया के नागरिकों का जो समन्वय देखने को मिला, वह भी शानदार था. राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैं लद्दाख के साथ-साथ बॉर्डर एरिया के हर नागरिक को हमारे सशस्त्र बलों का सहयोग देने के लिए आभार प्रकट करता हूं. यह समन्वय ही हमारी पहचान है. हमारा आपसी जुड़ाव ही हमें दुनिया में सबसे अलग पहचान दिलाता है.’

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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New Delhi,Delhi

First Published :

December 07, 2025, 14:48 IST

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