कहते हैं जमीन-जायदाद का झगड़ा खून-खून के बीच जहर घोल देता है. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और उनकी बहन वाईएस शर्मिला रेड्डी के बीच कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. ये दोनों भाई-बहन करोड़ों की जायदाद को लेकर अब दुश्मन बन गए हैं. इसमें कई बड़ी कंपनियों के शेयर के अलावा बेंगलुरु के पास स्थित येलहंका में 20 एकड़ जमीन भी शामिल है, जिनकी कीमत करोड़ों में मानी जाती है.
जायदाद को लेकर भाई-बहनों का यह झगड़ा इस हफ्ते दोनों के बीच हुई चिट्ठी-पत्री से सुर्खियों में आ गया. एक ने जहां अपने मृत पिता पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की आत्मा को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया, तो वहीं दूसरे ने ‘धोखेबाजी’ और अपने पिता की स्मृति को कमतर आंकने का आरोप लगाया.
कभी भाई के लिए बहन ने बहाया खूब पसीना
जगनमोहन रेड्डी और शर्मिला रेड्डी के बीच कभी बहुत ही मधुर संबंध थे. आंध्र प्रदेश में जून 2012 में हुए विधानसभा उपचुनावों के दौरान शर्मिला ने अपने भाई की वाईएसआर कांग्रेस के लिए जमकर प्रचार किया, जिसमें पार्टी ने 18 में से 15 सीटें जीतीं. उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अपने भाई के लिए प्रचार किया, जिसमें जगन रेड्डी ने शानदार जीत हासिल की.
हालांकि, इसके तुरंत बाद ही रिश्तों में दरार साफ हो गई. वर्ष 2021 में शर्मिला रेड्डी ने अपनी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी बनाई, जिसका अप्रैल-जून के आम चुनाव से पहले कांग्रेस में विलय हो गया. शर्मिला को फिर कांग्रेस का आंध्र प्रदेश प्रमुख बनाया गया, जिससे उनके भाई के साथ उनकी सीधी लड़ाई शुरू हो गई.
‘प्यार और स्नेह’ की दुहाई
भाई और बहन का झगड़ा अब कानूनी लड़ाई में बदल गया है. जगन रेड्डी ने सरस्वती पावर में शेयरों के ‘अवैध’ ट्रांसफर को लेकर राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) का दरवाजा खटखटाया. जगनमोहन रेड्डी और उनकी पत्नी वाईएस भारती रेड्डी की ओर से दायर याचिका में शर्मिला, उनकी मां विजयम्मा और दो अन्य पर जुलाई 2024 में सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों को अवैध रूप से ट्रांसफर करने और अगस्त 2019 में उनके बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया. जगन ने इसे ‘कानून का कपटपूर्ण उल्लंघन’ बताया है.
याचिका के अनुसार, जगन और उनकी पत्नी ने ‘पूरी तरह से प्यार और स्नेह’ में 31 अगस्त, 2019 में वाईएस शर्मिला को शेयरों का एक हिस्सा आवंटित करने के लिए एक एमओयू पर साइन किए थे, लेकिन असल में कोई शेयर ट्रांसफर नहीं हुआ था, क्योंकि वह गिफ्ट डीड ‘केवल इरादे का इजहार’ था.
‘अब नहीं बचा कोई प्यार’
यह वही साल था, जब जगन विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी को करारी शिकस्त देते हुए आंध्र के मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय शर्मिला की पदयात्रा को भी दिया था, जो उन्होंने जेल में रहने के दौरान की थी. लेकिन कई संपत्ति विवादों के कारण भाई-बहनों के बीच संबंध जल्द ही खराब हो गए.
परिवार के एक करीबी सूत्र के अनुसार, रिश्तों की ताबूत में आखिरी कील तब लगी जब शर्मिला ने जगन पर अपने चाचा वाईएस विवेकानंद रेड्डी के हत्यारों को बचाने का आरोप लगाया और हत्या के आरोपी चचेरे भाई, कडप्पा के मौजूदा सांसद अविनाश रेड्डी का समर्थन करने के लिए उन पर हमला बोला. जगन ने याचिका में यह भी साफ तौर से लिखा कि ‘कोई प्यार नहीं बचा है’ और अपनी बहन पर ‘व्यक्तिगत स्तर पर राजनीति से प्रेरित अभद्र आक्षेप’ लगाने का आरोप लगाया.
शर्मिला ने भाई को चिट्ठी में क्या लिखा
इस बीच, न्यूज18 को वाईएस शर्मिला का एक पत्र भी मिला है, जो उन्होंने 12 सितंबर, 2024 को अपने भाई जगन को लिखा था. इसमें उन्होंने जगन पर एकतरफा तरीके से समझौता ज्ञापन को समाप्त करने का भी आरोप लगाया. पत्र में लिखा है, ‘आपने अपनी मां के खिलाफ मामला दर्ज करने और अपनी बहन और उसके बच्चों को उन संपत्तियों से वंचित करने का विकल्प चुना है, जिनके वे समझौता ज्ञापन के तहत हकदार हैं. मैं इस बात से हैरान हूं कि आप हमारे महान पिता के मार्ग से किस हद तक भटक गए हैं.’
शर्मिला ने आगे कहा कि वह गिफ्ट डीड उनके दिवंगत पिता वाईएसआर के निर्देशों का बस आंशिक पालन था. इसके साथ ही उन्होंने जगन पर परिवार के स्वामित्व वाली दो प्रमुख कंपनियों भारती सीमेंट और साक्षी में समान हिस्सेदारी पाने की उनकी मांग को छोड़ने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है.
इस बीच सरस्वती पावर के शेयरों के ट्रांसफर से जुड़ी याचिका पर NCLT ने सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है और सुनवाई की अगली तारीख 8 नवंबर तय की है.
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FIRST PUBLISHED :
October 24, 2024, 18:02 IST