हाइलाइट्स
क्रिटिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत तीसरे पायदान पर पहुंच गया. अभी तक ब्रिटेन इस पर था, जो अब चौथे पायदान पर चला गया है. 2 सेक्टर में तो भारत ने अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है.
नई दिल्ली. बात अगर तकनीक की हो तो दुनिया में सबसे आगे अमेरिका का नाम आता है, लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ कि भारत ने इस महारथी को भी पटखनी दे दी. ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट की ओर से हाल में जारी क्रिटिकल टेक्नोलॉजी ट्रैकर रिपोर्ट में बताया है कि भारत ग्लोबल रिसर्च पॉवरहाउस बनकर उभर रहा है और इस मामले में वह दुनिया के टॉप 5 देशों में शामिल हो गया है. बड़ी बात ये है कि भारत की रैंकिंग अब तीसरे पायदान पर आ गई है.
यह रिपोर्ट बताती है कि साल 2023 में 64 क्रिटिकल तकनीकी क्षेत्रों में से 45 में भारत दुनिया के टॉप 5 देशों में शामिल रहा. एक साल पहले तक यह आंकड़ा 37 रहा था. इतना ही नहीं भारत ने 7 तकनीकी क्षेत्रों में तो दूसरा स्थान हासिल किया, जिसमें 2 सेक्टर में तो उसने अमेरिका तक को पीछे छोड़ दिया है. इसमें बायोलॉजिकल मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर जैसी फील्ड शामिल हैं.
AI का मास्टर निकला भारत
हालिया समय की सबसे आधुनिक तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के क्षेत्र में तो भारत ने अलग ही बवाल काट रखा है. इस फील्ड में भारत दुनिया के तमाम दिग्गज देशों को पीछे छोड़ते हुए तीसरे पायदान पर आ गया है और सिर्फ चीन व अमेरिका ही उससे आगे हैं. एडवांस्ड डाटा एनालिसिस, AI एल्गोरिद्म, हार्डवेयर एक्सेलेरेटर, मशीन लर्निंग, एडवांस्ड इंटीग्रेटेड सर्किट डिजाइन और फैब्रिकेशन, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और एडवरसेरियल AI जैसी फील्ड में भारत ने झंडा गाड़ दिया है.
20 साल में 10 गुना उपलब्धि
भारत ने तकनीक के क्षेत्र में पिछले 20 साल में 10 गुना ज्यादा उपलब्धियां हासिल की हैं. साल 2003 से 2007 तक जहां भारत सिर्फ 4 टेक्नोलॉजीज में ही टॉप 5 में आता था, वहीं 2023 की रिपोर्ट में 45 में झंडे गाड़ दिए. आपको बता दें कि यह ऑस्ट्रलियाई ट्रैकर सिर्फ स्पेस, डिफेंस, एनजी, बायोटेक्नोलॉजी, साइबरसिक्योरिटी, एडवांस्ड कंप्यूटिंग, एडवांस्ड मैटेरियल्स और क्वांटन टेक्नोलॉजी को ही शामिल करता है.
चीन पहुंचा सबसे आगे
अगर ग्लोबल रैंकिंग की बात की जाए तो 64 में से 57 में चीन ने बाजी मारी है. इस तरह चीन ने ग्लोबल रिसर्च चार्ज में अपनी बादशाहत बना ली है. दूसरी तरह, 2003 से 2007 तक 60 सेक्टर में शीर्ष पर रहने वाला अमेरिका इस बार सिर्फ 7 में ही अव्वल रहा. भारत ने इस बार यूके यानी ब्रिटेन को पीछे छोड़कर तीसरा पायदान हासिल किया है. यूके ने 36 सेक्टर में बेहतर प्रदर्शन किया. क्रिटिकल तकनीक के क्षेत्र में भारत के सिर्फ 2 संस्थानों आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी रुड़की को ही टॉप 20 में जगह मिली है. हैरत की बात ये है कि टॉप 20 में शामिल बाकी 18 संस्थानों का हेडक्वार्टर चीन में है.
Tags: Artificial Intelligence, Business news, Technology
FIRST PUBLISHED :
October 3, 2024, 11:47 IST