तेलंगाना: आजकल महिलाएं पुरुषों के बराबर नौकरियां कमा रही हैं, लेकिन उन्हें कुछ विशेष चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिन्हें पुरुषों को नहीं झेलना पड़ता. विशेष रूप से, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को शारीरिक तकलीफों का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें काम करने में कठिनाई होती है. यह समस्या अब कई कंपनियों और सरकारों द्वारा समझी जा रही है, और कुछ कंपनियां इस दौरान पीरियड्स की छुट्टियां देने का कदम उठा रही हैं. हाल ही में, ओडिशा सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश नीति लागू करने का ऐलान किया है.
ओडिशा सरकार का ऐतिहासिक निर्णय
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने हाल ही में घोषणा की कि राज्य के सरकारी विभागों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए एक नई मासिक धर्म अवकाश नीति लागू की जाएगी. यह नीति महिला कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, ताकि वे अपनी शारीरिक समस्याओं के बावजूद काम में प्रभावी रहें. मुख्यमंत्री का यह कदम महिलाओं के अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है.
नई नीति के तहत मिलेंगी 12 दिन की सवेतन छुट्टियां
नई नीति के अनुसार, 55 वर्ष से कम उम्र की महिला कर्मचारियों को अब हर महीने एक दिन की सवेतन मासिक धर्म अवकाश मिल सकेगा. यानी, साल भर में कुल 12 दिन की छुट्टी मिलेगी. यह छुट्टियां कर्मचारियों को पहले से उपलब्ध 10 आकस्मिक छुट्टियों और 5 विशेष आकस्मिक छुट्टियों के अतिरिक्त होंगी. हालांकि, अगर कोई महिला कर्मचारी इस छुट्टी का उपयोग नहीं करती है, तो यह छुट्टी अगले महीने के लिए वैध नहीं होगी और उसे रद्द कर दिया जाएगा. यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है और महिलाएं नवंबर और दिसंबर महीने में मिलने वाली छुट्टियों का उपयोग कर सकती हैं.
स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सरकार का यह कदम
महिलाएं पीरियड्स के दौरान शारीरिक समस्याओं से जूझती हैं, जिससे उनका काम करना कठिन हो जाता है. इस दौरान महिलाओं की सेहत का ध्यान रखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा कर सकें. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस नीति का पालन निजी कंपनियों में भी होना चाहिए.
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का समर्थन
प्रसिद्ध महिला अधिकार कार्यकर्ता नम्रता चड्ढा ने इस नीति का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक अच्छा कदम है, खासकर 55 साल तक की महिलाओं को मासिक धर्म अवकाश देने का. उनका कहना है कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को समान लाभ मिलना चाहिए. यह नीति महिलाओं की मानसिक और शारीरिक भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है.
नवीन नीति की स्पष्टता और अन्य राज्यों में समान पहल
ओडिशा सरकार द्वारा 12 मार्च को इस नीति की घोषणा की गई थी, लेकिन कुछ प्रावधान स्पष्ट नहीं थे. अब, यह नीति स्पष्ट दिशानिर्देशों के साथ लागू हो चुकी है. ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावथी परिदा ने इस नीति की घोषणा सबसे पहले 15 अगस्त को की थी, और महिला अधिकार समूहों की ओर से आ रही मांगों के बाद इसे लागू किया गया. बिहार और केरल में भी महिला कर्मचारियों और छात्राओं के लिए इसी तरह की छुट्टियां पहले से लागू की जा रही हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 13, 2024, 15:08 IST