नई दिल्ली: भारत और कनाडा के रिश्ते अब रसातल में जा चुके हैं. जस्टिन ट्रूडो ने अपनी सत्ता कायम रखने को भारत और कनाडा के रिश्तों का कबाड़ा कर दिया. चुनाव जीतने के लिए जस्टिन ट्रूडो हद तक नीचे गिर चुके हैं. उन्हें कनाडा-भारत के रिश्तों का भी लिहाज नहीं. वह अगले साल होने वाले कनाडा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अभी से ही साजिश रचने लगे हैं. कनाडा में मौजूद खालिस्तानियों को खुश करने और उनका वोट पाने के लिए जस्टिन ट्रूडो भारत को बदनाम कर रहे हैं. वह भारत पर आरोप पर आरोप मढ़ रहे हैं और खालिस्तान के मुद्दे को और हवा दे रहे हैं. हालांकि, जस्टिन ट्रूडो का नकाब अब उतर चुका है. भारत ने हर आरोप पर सबूत मांग कर उसकी पोल खोल दी है. यह वही जस्टिन ट्रूडो हैं, जो लाओस में मोदी से मिले तो उछल-कूदकर हाय-हेल्लो करते दिखे. मगर 72 घंटे बीतते ही उन्होंने भारत-कनाडा के रिश्तों का कत्ल कर दिया.
दरअसल, लाओस में आसियान समिट के इतर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी. आसियान समिट के दौरान जस्टिन ट्रूडो उछल-कूदकर पीएम मोदी के पास पहुंचे थे और काफी गर्मजोशी से हाय-हेल्लो किया था. पीएम मोदी और जस्टिन ट्रूडो की यह मुलाकात 11 अक्टूबर को लाओस की राजधानी विएंतियान में हुई थी. इस दौरान जस्टिन ट्रूडो के जेस्चर से जरा भी नहीं लगा कि उनके मन में भारत के खिलाफ कितना कुछ जहर भरा है, वह भारत को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं. जस्टिन ट्रूडो की पीएम मोदी से मुलाकात, कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट के शामिल होने का आरोप लगाने के एक साल बाद हुई. खुद पिछले साल यानी 2023 में जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. उसके बाद से ही रिश्ते तल्ख हैं.
ट्रूडो ने कर दिया रिश्तों का कत्ल
मगर इस मुलाकात के 72 घंटे भी नहीं हुए थे कि कनाडा ने एक और आरोप बम फोड़ दिया. कनाडा ने भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिकों पर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में जुडे़ होने का आरोप लगाया. इस मामले में कनाडा सरकार भारतीय अधिकारी संजय कुमार वर्मा से पूछताछ करना चाहती थी. इसकी खबर लगते ही भारत सरकार ने सख्ती दिखाई और अपने राजनयिक और अधिकारियों को वापस बुला लिया. साथ ही कनाडा के राजनयिकों और उच्चायुक्त को निकाल दिया. इतना ही नहीं, भारत ने साफ-साफ कह दिया कि कनाडा के आरोप बेतुके हैं और पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है.
भारत से पंगा क्यों ले रहे जस्टिन ट्रूडो
अब समझते हैं कि आखिर जस्टिन ट्रूडो भारत से जानबूझकर पंगा क्यों ले रहे हैं. जस्टिन ट्रूडो की कनाडा में लोकप्रियता खत्म होती जा रही है. कई सर्वे में अगली बार उनकी सरकार बनती भी नहीं दिख रही. ऐसे में चुनाव जीतने के लिए अब वह खालिस्तान समर्थकों पर टिक गए हैं. खालिस्तान समर्थक वोटरों और उनके रहनुमाओं ने जस्टिन ट्रूडो से साफ कह दिया कि अगर उनका सपोर्ट चाहिए तो कनाडा सरकार को उन्हें खुश करना होगा. साथ ही भारत के साथ खालिस्तान के मुद्दे को जिंदा करना होगा. सूत्रों का कहना है कि ट्रूडो को अपनी सरकार बचाने के लिए एनडीपी नेता जगमीत सिंह के समर्थन की जरूरत है और वह अल्पमत की सरकार चलाने के लिए सत्ता में बने रहना चाहते हैं.
क्या है जस्टिन ट्रूडो की मजबूरी
यहां गौर करने वाली बात है कि जगमीत सिंह खुद ही खालिस्तान समर्थक हैं. वह अपने वोट बैंक की वजह से खालिस्तानियों का समर्थन करते रहते हैं. जगदीप सिंह ने जस्टिन ट्रूडो से साफ कह दिया है कि खालिस्तान समर्थक सिखों का समर्थन पाने के लिए उन्हें खालिस्तान के मुद्दे को फिर से जिंदा करना होगा. ट्रूडो की यह मजबूरी है, क्योंकि उनकी अपने रेगुलर वोटरों पर से पकड़ कमजोर होती जा रही है. इसमें कोई शक नहीं है कि कनाडा गैंगस्टरों और खालिस्तानी समर्थकों और अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है. खालिस्तान समर्थकों को कनाडा की सरकार फास्ट-ट्रैक आधार पर आश्रय, वीजा और नागरिकता दे रही है.
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FIRST PUBLISHED :
October 15, 2024, 13:12 IST