Last Updated:July 20, 2025, 09:42 IST
Nitish Kumar son Nishant Kumar News: 20 जुलाई 2025 की सुबह पटना के जेडीयू कार्यालय के बाहर निशांत कुमार के विशाल पोस्टरों ने बिहार में सियासी हवाओं के रुख को लेकर कुछ इशारा किया है. “बिहार की मांग, सुन लिए निशा...और पढ़ें

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के 44वें जन्मदिन पर लगे पोस्टर.
हाइलाइट्स
निशांत कुमार के 44वें जन्मदिन पर जेडीयू कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर,निशांत की राजनीतिक एंट्री की चर्चा तेज. नीतीश कुमार के स्वास्थ्य और जेडीयू के भविष्य को लेकर निशांत कुमार को जेडीयू की कमान सौंपने की मांग बढ़ी. विपक्षी नेता तेजस्वी यादव और जेडीयू नेताओं ने निशांत की संभावित एंट्री का स्वागत किया,नीतीश का रुख साफ नहीं.पटना. 20 जुलाई 2025 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत कुमार के 44वें जन्मदिन पर पटना में जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यालय के बाहर लगे विशाल पोस्टरों ने निशांत कुमार की पॉलिटिकल एंट्री को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा को और गर्म कर दिया है. “बिहार की मांग, सुन लिए निशांत, बहुत बहुत धन्यवाद” जैसे नारों वाले इन पोस्टरों ने संकेत दिया कि निशांत कुमार जल्द ही राजनीति में कदम रख सकते हैं. यह पहली बार नहीं है जब निशांत की राजनीति में आने की चर्चा छिड़ी हो, लेकिन 2025 के विधानसभा चुनावों के नजदीक आने और नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उठते सवालों ने इस चर्चा को नया जोश दे दिया है. क्या निशांत बिहार की सियासत में नया चेहरा बनकर उभरेंगे या यह केवल कार्यकर्ताओं की उत्साहपूर्ण मांग है? दरअसल, बिहार की सियासत में इन दिनों निशांत कुमार का नाम लगातार चर्चा में में रह रहा है. जबकि, नालंदा के एक इंजीनियर और नीतीश कुमार के बेटे निशांत अब तक सुर्खियों से दूर रहे, हाल के महीनों में अपनी सार्वजनिक उपस्थिति और परिपक्व बयानों से चर्चा में आए हैं. अब उनके नये पोस्टर से भी वह फिर चर्चा में आ गए हैं.
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार का जन्म 20 जुलाई 1981 को हुआ था. अब वह 44 वर्ष के हो गए हैं. निशांत पेशे से इंजीनियर हैं और बेहद शांत प्रवृत्ति के माने जाते हैं, लेकिन हाल के कुछ महीनों में उनकी रुचि राजनीति में दिखी जब कई बार मीडिया के सामने आए और राजनीति से जुड़े सवालों का पूरी परिपक्वता से जवाब भी दिया. कई बार विरोधियों के नीतीश कुमार के सेहत को लेकर उठाए जा रहे सवालों का न सिर्फ पुरजोर जवाब दिया, बल्कि नीतीश कुमार के विकास कार्यों का पूरी गंभीरता से आंकड़ों के साथ जवाब देकर राजनीतिक हलकों में भी लोगो को हैरान कर दिया.
नीतीश कुमार को अपना आशीर्वाद देगी जनता
निशांत ने कई मौकों पर कहा है कि उनके पिता ने बिहार के विकास के लिए लगातार काम किए हैं और उन्हें उम्मीद है की जनता उनके पिता के विकास कार्यों से प्रभावित है. एक बार फिर से नीतीश कुमार को अपना आशीर्वाद देगी और बिहार का सेवा का मौका भी मिलेगा.निशांत के राजनीति में कदम रखने को लेकर लगभग हर बड़े नेता ने बयान दिया है, लेकिन कुछ दिन पहले ही नालंदा के सांसद कौशलेंद्र ने तो यहां तक कह दिया था कि निशांत अस्थावां से विधानसभा चुनाव लड़े और सिर्फ नामांकन कर चले जाएं, चुनाव जिताने की जिम्मेदारी उनकी रहेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के समर्थन में जदयू कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर.
पोस्टर में निशांत कुमार को बिहार की मांग बताया
बता दें कि जनवरी 2025 में निशांत ने अपने गृह जिले बख्तियारपुर में एक समारोह में नीतीश के विकास कार्यों की तारीफ करते हुए जनता से जेडीयू को वोट देने की अपील की थी. होली मिलन समारोह में भी वे जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ नजर आए, जिसने उनकी राजनीतिक में आने की अटकलों को हवा दी. जेडीयू कार्यालय के बाहर लगे पोस्टरों में निशांत को बिहार की मांग का जवाब देने वाला बताया गया है. पार्टी कार्यकर्ताओं और कुछ नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं. अब उनके संन्यास के बाद जेडीयू को बचाने के लिए निशांत की जरूरत है. नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने तो खुलकर कहा कि निशांत को अस्थावा से चुनाव लड़ना चाहिए और जीत की जिम्मेदारी उनकी होगी.
नीतीश के बाद जेडीयू में नेतृत्व शून्यता की चिंता
हालांकि, नीतीश कुमार ने हमेशा परिवारवाद की राजनीति का विरोध किया है. उन्होंने लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी पर परिवार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और खुद को इससे अलग रखा. लेकिन नीतीश की उम्र (74 वर्ष) और स्वास्थ्य को लेकर उठते सवालों ने जेडीयू के भीतर एक नेतृत्व शून्यता की चिंता को जन्म दिया है. विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने निशांत की संभावित एंट्री का स्वागत करते हुए कहा कि यह जेडीयू को मजबूत करेगा, लेकिन साथ ही बीजेपी पर निशाना साधा कि वह निशांत को रोकने की कोशिश कर रही है.
जेडीयू नेताओं ने निशांत की एंट्री का समर्थन किया
वहीं अशोक चौधरी और श्रवण कुमार जेडीयू के कुछ नेताओं ने भी निशांत की एंट्री का समर्थन किया है. दूसरी ओर पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि निशांत की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. निशांत ने खुद भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है सिवाय इसके कि उन्होंने अपने पिता के विकास कार्यों का समर्थन किया और कहा, “मेरे पिता 100% फिट हैं”.
बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकते हैं निशांत
निशांत कुमार की संभावित एंट्री बिहार की सियासत में एक नया मोड़ ला सकती है. तेजस्वी यादव और चिराग पासवान जैसे दूसरी पीढ़ी के नेताओं के बीच निशांत की मौजूदगी जेडीयू को नया जोश दे सकती है. लेकिन यह नीतीश की परिवारवाद विरोधी छवि को धक्का भी पहुंचा सकता है. बीजेपी, नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में है और उसने तटस्थ रुख अपनाया है, लेकिन डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि वे जेडीयू के फैसले का समर्थन करेंगे.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...
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