दिल्ली में विधानसभा चुनाव की आहट तो नहीं? अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद लगा था कि आतिशी विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक सरकार चलाएंगी. लेकिन आतिशी के सीएम बनते ही जिस तरह आम आदमी पार्टी फुल फार्म में नजर आ रही है, उससे साफ लग रहा है कि ‘आप’ विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए पूरी तैयार है. इसके संकेत सीएम पद से इस्तीफा देते वक्त अरविंद केजरीवाल ने खुद दिए थे. उधर, बीजेपी भी पीछे नहीं है. उसने भी कमर कस ली है. राजस्थान के रणथंभौर में दिल्ली विजय का प्लान बन रहा है.
अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देते वक्त कहा था, ‘शिड्यूल के हिसाब से फरवरी में दिल्ली विधानसभा होने हैं. लेकिन मैं ये मांग करता हूं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव नवंबर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ कराए जाएं.’ इसके बाद आतिशी ने भी सीएम बनते ही साफ ऐलान कर दिया कि उनका सिर्फ एक ही मकसद है, अरविंद केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना. इसके लिए वे केजरीवाल के नेतृत्व में काम करेंगी.
तो ऐसा क्या हुआ कि विधानसभा चुनाव की आहट नजर आने लगी? पहली बात, आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने बीते कुछ दिनों में लगातार ऐसे फैसले लिए हैं, जो सीधे जनता कनेक्ट रखते हों. इसका मकसद जनता तक सीधे पहुंचना है. उनके सामने अपनी बात रखना और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है. आइए जानते हैं इन फैसलों के बारे में…
1. सड़कों पर उतरेंगे सारे मंत्री
– चार दिन पहले अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, मुख्यमंत्री आतिशी के साथ दिल्ली की सड़कों पर थे. उन सड़कों को देखा, जो टूट फूट गए हैं. उन्हें तुरंत बनवाने के निदेश दिए. इसके बाद ऑल मिनिस्टर मीटिंग में फैसला लिया गया कि सोमवार को दिल्ली सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री सड़क पर उतरेंगे. सुबह 6 बजे से पूरी दिल्ली में सड़कों का निरीक्षण किया जाएगा.
–मुख्यमंत्री आतिशी साउथ और साउथ ईस्ट दिल्ली में सड़कों का निरीक्षण करेंगी. सौरभ भारद्वाज- ईस्ट दिल्ली, गोपाल राय-नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, कैलाश गहलोत- वेस्ट और साउथ वेस्ट दिल्ली, मुकेश अहलावत-नॉर्थ और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली, इमरान हुसैन सेंट्रल और नई दिल्ली इलाके में जाएंगे. ये रिपोर्ट देंगे, उसके बाद सड़कों की मरम्मत की जाएगी.
2. कानून व्यवस्था पर LG पर हमलावर
-दिल्ली में लगातार हो रहे अपराधों पर आम आदमी पार्टी अचानक एक्टिव हो गई है. नारायणा शूट आउट के पीड़ितों से मंत्री सौरभ भारद्वाज और आप विधायक दुर्गेश पाठक ने जाकर मुलाकात की है. सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली के लॉ एंड ऑर्डर को लेकर LG से मुलाकात करेंगे.
–आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार ने बढ़ रहे अपराध के लिए सीधे एलजी को जिम्मेदार ठहराया है. इसे व्यापारियों से कनेक्ट का एक तरीका माना जा रहा है, क्योंकि नारायणा के शोरूम पर सरेआम फायरिंग की गई. गैंगस्टरों ने वसूली के लिए धमकी भरे फोन किए. इससे व्यापारियों में दशहत है. आप इसे लेकर लगातार प्रेस कांफ्रेंस कर रही है और बीजेपी पर हमलावर है.
बीजेपी की क्या तैयारी?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान के रणथंभौर स्थित होटल नाहरगढ़ में बीजेपी महामंथन चल रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष नेताओं के ‘दिल्ली विजय’ का प्लान बना रहे हैं. बीएल संतोष दिल्ली कोर कमेटी के सभी सदस्यों के साथ यहां पहुंचे हैं. सबसे पहले वे रणथंभौर स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर गए. वहां मंगला आरती में शामिल हुए. दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी, पूर्व मंत्री विजय गोयल, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर सहित कई नेता उनके साथ मौजूद हैं. दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है.
क्या पहले चुनाव कराना संभव?
शिड्यूल के हिसाब से तो दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 तक है. यानी अगर बीच विधानसभा भंग नहीं की गई, तब तक आतिशी मुख्यमंत्री बनी रह सकती हैं. इस हिसाब से चुनाए हुए तो 5 महीने बाद ही दिल्ली में चुनाव की रणभेरी बजेगी. लेकिन जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 15 कहती है कि अगर चुनाव आयोग चाहे तो विधानसभा की आखिरी तारीख से 6 महीने पहले चुनाव का ऐलान किया जा सकता है. यानी चुनाव आयोग अभी चाहे तो चुनावों का ऐलान कर सकता है. लेकिन सबसे बड़ा पेच ये है कि दिल्ली का इलेक्टोरल रोल अभी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार नहीं है. केजरीवाल महाराष्ट्र के साथ चुनाव की बात करते हैं, लेकिन वहां जून से ही इलेक्टोरल रोल बनाने का प्रॉसेस शुरू हो चुका है. ऐसे में आयोग की ओर से बहुत तैयारी नहीं दिखती.
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FIRST PUBLISHED :
September 29, 2024, 19:34 IST