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बंद नहीं होगा बुलडोजर एक्शन? सुप्रीम कोर्ट ने जारी की ये गाइडलाइन, जिसे फॉलो कर तोड़ा जा सकता है मकान
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर बड़ा फैसला सुनाते हुए यह साफ कर दिया कि किसी का भी आशियाना तोड़ना अवैध है. जीवनभर की मेहनत के बाद परिवार एक मकान बना पाता है. इसे सरकारें यूं हीं नहीं तोड़ सकती है. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर लंबी चौड़ी गाइडलाइन जारी की है, जिनका मकसद सरकारों को इस तरह की कार्रवाई से रोकना है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या भविष्य में बुलडोजर एक्शन बंद हो जाएगा? इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है. चलिए हम आपको इसकी वजह के बारे में बताते हैं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह तो स्पष्ट है कि अब आने वाले वक्त में हिंसक घटनाओं के आरोपी का मकान तोड़ना राज्य सरकारों के लिए आसान नहीं होगा, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिससे मकानों को तोड़ने से बचाया जा सके. अगर घर में अवैध निर्माण किया गया है तो उसपर आगे भी एक्शन जारी रहेगा. सरकारी तंत्र के पास यह पूरा अधिकार है कि वो अवैध रूप से बनाए गए मकान पर एक्शन लें. कोर्ट ने कहा किसी एक की गलती से सबको मकान से वंचित नहीं किया जा सकता. भारत के संविधान की धारा-142 के तहत नई गाइडलाइन जारी की गई है. जिसमें कहा गया-
लोगों के घरों पर अवैध निर्माण को लेकर कार्यवाही से पहले समय देना चाहिये. मकान को तोड़े जाने से पहले मकान मालिक को नोटिस दिया जाना चाहिये. आरोपी और उसके परिवार का बिना पक्ष सुने कार्यवाही नहीं होनी चाहिये. बुलडोजर एक्शन से पहले आरोपी को नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाए. इस नोटिस की जानकारी डीएम को देना ज़रूरी होगा.Tags: Bulldozer Baba, Supreme Court
FIRST PUBLISHED :
November 13, 2024, 11:29 IST