बचपन में छूटा पिता का साथ, मां ने बकरी-भैंस पालकर बेटे को पढ़ाया, IAS बन गया

1 month ago

UPSC Success Story, IAS Story: गरीब परिवार से आने वाले विशाल के पिता बचपन में ही गुजर गए. जब विशाल नौवीं क्‍लास में थे, तब उनके सिर से पिता का साया छिन चुका था. उनके पिता मजदूरी करते थे, जिससे परिवार का दो जून का भोजन नसीब हो पाता था. उनकी मौत के बाद घर की आर्थिक स्‍थिति काफी बदतर हो चुकी थी. ऐसे में परिवार के पालन-पोषण की जिम्‍मेदारी उनकी मां के कंधों पर आ गई. मां ने परिवार के लिए बकरी और भैंस पालन किया और किसी तरह परिवार का खर्च चलाने लगीं.

गुरु ने दिया विशाल का साथ
विशाल तीनों भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. विशाल के पिता चाहते थे कि उनका बेटा उनकी तरह मजदूर या मजदूरी का जीवन न बिताए, इसलिए वह उन्‍हें पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनाना चाहते थे. इधर, पैसों की तंगी और पढ़ाई की अच्‍छी व्‍यवस्‍था न होने के कारण विशाल को लगता था कि वह पिता का यह ख्‍वाब पूरा नहीं कर पाएंगे, लेकिन ऐसी स्‍थिति में उन्‍हें अपने गुरु गौरीशंकर प्रसाद का साथ मिला. उन्‍होंने विशाल की पढ़ाई में मदद की और आर्थिक रूप से भी भरपूर सहयोग दिया. गौरीशंकर ने विशाल की फीस भी भरी.

इंटरमीडिएट में किया टॉप
विशाल ने परिवार और मां की स्‍थिति को देखते हुए ठान लिया कि उसे मन लगाकर पढ़ाई करनी है. लिहाजा, वर्ष 2011 की इंटरमीडिएट की परीक्षा में विशाल ने जिला टॉप कर लिया और वह जिला टॉपर बन गए. इसके बाद उन्‍होंने इंजीनियरिंग सेक्टर में करियर बनाने की सोची और IIT-JEE की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. इसके लिए उन्‍होंने पटना में अभयानंद के सुपर 30 कोचिंग में दाखिला लिया. बता दें कि सुपर 30 कोचिंग सेंटर आनंद कुमार और बिहार के पूर्व DGP अभयानंद ने शुरू किया था, जिसके बाद 2007 में अभयानंद ने अलग कोचिंग सेंटर खोल दिया था. विशाल ने यहां से पढ़ाई करके JEE परीक्षा पास कर ली. उन्‍होंने 7,000 रैंक के साथ आईआईटी का एंट्रेंस पास किया. वर्ष 2013 में IIT कानपुर में दाखिला लिया. IIT से कोर्स पूरा होने के बाद उन्‍हें एक अच्‍छी नौकरी मिल गई, जिससे घर की आर्थिक स्‍थिति में सुधार होने लगा.

नौकरी में नहीं लगा मन, क्रैक की UPSC परीक्षा
विशाल को नौकरी तो मिल गई, लेकिन कुछ समय बाद उनका मन नौकरी से उब गया और उन्‍होंने कोटा के एक इंस्टीट्यूट में बतौर टीचर जॉइन कर लिया. यहीं से विशाल का मन बदला और वह कोटा में रहकर UPSC की तैयारी करने लगे. जब पहली बार विशाल ने वर्ष 2020 में UPSC की परीक्षा दी, तो उन्‍होंने प्रीलिम्‍स परीक्षा पास कर ली, लेकिन मेंस क्‍लियर नहीं कर पाए.

गुरु ने बताया उपाय
पहली बार UPSC परीक्षा में असफल होने के बाद विशाल हताश हो गए. इसके बाद उन्‍होंने अपने गुरु गौरीशंकर से सलाह ली. गुरु ने विशाल को नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी में पूरी तरह से जुटने को कहा. एक साल की तैयारी के बाद, वर्ष 2021 में विशाल ने दोबारा UPSC की परीक्षा दी. इस बार उन्‍होंने 484वीं रैंक हासिल की और UPSC पास कर लिया.

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FIRST PUBLISHED :

September 30, 2024, 16:31 IST

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