हाइलाइट्स
75 वर्षीय सुदामा देवी के निधन के बाद बेटों ने निकाली अनोखी शव यात्रा. बेटों ने शव यात्रा में में कराया ऑकेस्ट्रा, डीजे बजवाया और बांटी मिठाइयां.
गोपालगंज. बिहार के गोपालगंज के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के बखरी पंचायत के पहाड़पुर गांव में 75 वर्षीय सुदामा देवी के निधन के बाद उनके बेटों ने एक अनोखी परंपरा निभाई. आमतौर पर अंतिम संस्कार के अवसर पर मातम मनाया जाता है, लेकिन इस परिवार ने इसे जश्न के रूप में मनाने का फैसला किया. शुक्रवार को, सुदामा देवी की शव यात्रा में शामिल परिजन और गांव के युवा ट्रैक्टर ट्रॉली पर नर्तकी का डांस करते हुए नजर आए. बेटों ने अंतिम यात्रा के दौरान डीजे बजाकर और आर्केस्ट्रा का आयोजन करके अपनी मां की याद में खुशी मनाई.
मृतका के बेटे, शैलेश सिंह ने बताया कि वह अपनी मां से बहुत प्यार करते थे. उनके जाने से एक गम है, लेकिन उनकी याद में जश्न मनाना चाहता था. इस खास मौके पर परिवार ने मिठाई भी बांटी, जिससे यह दृश्य और भी असामान्य बन गया. लोग हैरान थे कि कैसे एक शोक का अवसर उत्सव में बदल गया.
शैलेश के अनुसार, यह उनकी मां की इच्छाओं का सम्मान करने का एक तरीका था. स्थानीय लोगों के लिए यह घटना चर्चा का विषय बन गई है, जिसने शोक और उत्सव के बीच के अनोखे संतुलन को दर्शाया. इस परंपरा ने यह साबित कर दिया कि जीवन का जश्न मनाना और प्रियजनों को याद करना एक साथ संभव है.
सुदामा देवी का अंतिम संस्कार उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार एक नए तरीके से किया गया, जो सभी के लिए प्रेरणादायक बना. वहीं, लोगों का कहना है दूसरे शहरों में कई लोगों के मुंह से ऐसा सुना था, लेकिन गोपालगंज में इस तरह का अंतिम संस्कार का मामला पहली बार देखने को मिला है.
FIRST PUBLISHED :
October 5, 2024, 10:14 IST