ब्रिटेन के शाही महल से 4 गुना बड़ा है बड़ौदा का ये महल, जानिए क्यों चर्चा में

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Laxmi Vilas Palace: स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज अपनी पत्नी बेगोना गोमेज के साथ 27 से 29 अक्टूबर तक आधिकारिक तौर पर भारत की यात्रा पर आएंगे. इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति सांचेज के बीच एक बैठक गुजरात के बड़ौदा में लक्ष्‍मी विलास पैलेस में होगी. बड़ौदा के महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ (तृतीय) ने लक्ष्‍मी विलास पैलेस को साल 1880 में बनवाया था. इस महल को दुनिया के सबसे बड़े घर का दर्जा भी दिया गया है. यह महल इतना विशाल है कि इसमें चार बकिंघम पैलेस समा जाएं. बकिंघम पैलेस यानी ब्रिटेन की महारानी का महल. इस महल में 170 कमरे हैं और कई गार्डन बनाए गए हैं. यह महल दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास है, जो 700 एकड़ में फैला हुआ है.

News18 हिंदीLast Updated :October 25, 2024, 16:13 ISTEditor pictureAuthor
  Sachin Srivastava

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लक्ष्मी विलास पैलेस वास्तव में भारत की सबसे भव्य संरचनाओं में से एक है. 1890 में बनकर तैयार हुए इस महल का ऑक्टिेक्चर डिजाइनर-वास्तुकार रॉबर्ट फेलो चिशोल्म ने बनाया था. इस भव्य इमारत को बनाने में बारह साल का समय लगा था. इसे आज दुनिया के सबसे महंगे और लग्जरी महलों में गिना जाता है.

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यह अब तक के सबसे बड़े महलों में से एक है. मोती बाग पैलेस, मकरपुरा पैलेस, प्रताप विलास पैलेस और महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय भवन जैसी इमारतें इसका हिस्सा हैं. 700 एकड़ के इस महल परिसर में सुंदर नवलखी बावड़ी और एक छोटा चिड़ियाघर भी शामिल है.

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इस महल के अंदर की साज सज्जा देखने लायक है. खूबसूरत दरबार हॉल, वेनिस से मंगवाए गए मोज़ेक फर्श, संगीत समारोहों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए सुंदर स्थान, चमकती हुई खूबसूरत कांच की खिड़कियां इस महल को और भी खूबसूरत बनाती है. उस पर विदेश से खरीदे गए झूमर और ढेरों कलाकृतियां इसमें चार चांद लगाती हैं.

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शहर की क्रिकेट से जुड़ी गतिविधियां आमतौर पर मोतीबाग पैलेस से सटे परिसर में होती हैं. गोल्फ कोर्स, स्विमिंग पूल, क्लब हाउस, जिम और मोती बाग क्रिकेट ग्राउंड, प्रसिद्ध संग्रहालय और बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन का वर्तमान कार्यालय भी महल का एक हिस्सा है.

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महल में एक से बढ़कर एक आलीशान चीजें लगाई गईं. उस जमाने की तमाम आधुनिक सुविधाएं जैसे- एलीवेटर, टेलीफोन एक्सचेंज, इलेक्ट्रिकल सप्लाई की व्यवस्था की गई. महल में खास कारीगरी के लिए विदेश से भी मजदूर बुलवाए गए.

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महल के कई कमरे थीम बेस्ड हैं. जैसे- सिल्वर रूम या गुलाबी रूम. पैलेस का सबसे खास हिस्सा इसका दरबार हॉल है, जो करीब 5000 स्क्वायर फीट में फैला है. इसी दरबार हॉल में महाराज बैठा करते थे और महफिल सजा करती थी. यह विशाल महल अभी भी शाही निवास है और पर्यटकों के दर्शन के लिए खुला रहता है.

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लक्ष्‍मी विलास पैलेस के मौजूदा मालिक एचआरएच समरजीतसिंह गायकवाड़ हैं, जिन्‍होंने साल 2012 में अपने पिता रंजीतसिंह प्रतापसिंह गायकवाड़ की मौत के बाद इसे संभाला था. उनकी शादी वंकानेर की रॉयल फैमिली से ताल्‍लुक रखने वाली राधिकाराजे के साथ साल 2002 में हुई थी. राधिका एक जर्नलिस्‍ट रही हैं. समरजीत की दो बेटियां हैं.

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इस महल की मौजूदा कीमत करीब 24 हजार करोड़ रुपये बताई जाती है, जो भारत में बने किसी भी निजी रिहाइश के लिहाज से सबसे ज्‍यादा है. जब इसका निर्माण किया गया था तब इसकी कीमत महज 18 हजार ग्रेट ब्रिटेन पाउंड थी. इसे रुपये में देखें तो तब कुल कीमत 19,06,950 थी. हालांकि, आज यह देश की सबसे महंगी प्रॉपर्टी बन चुकी है.

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लक्ष्मी विलास पैलेस पर्यटकों के लिए सबसे प्रभावशाली आकर्षणों में से एक है. खुलने और बंद होने का समय: सुबह 9:30 से शाम 5:00 बजे, (दोपहर के भोजन का समय दोपहर 1 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक, दोपहर के भोजन के समय न जाएं). सोमवार को ये महल पर्यटकों के लिए बंद रहता है.

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