महात्मा गांधी के पिता ने क्यों कीं 4 शादियां, बचपन में क्या कहते थे बापू को

1 month ago

हाइलाइट्स

गांधीजी की मां पुतलीबाई चौथी और आखिरी पत्नी थींगांधीजी के पिता की पहली दो पत्नियों से भी कई संतानें थींगांधीजी के पिता दीवान थे और ये पद तब किसी राज्य के मुख्यमंत्री जैसा होता था

क्या आपको मालूम है कि गांधीजी के पिता कौन थे. उन्होंने चार शादियां क्यों की थीं. उनके कितने बच्चे थे. उनकी कौन कौन सी आदत मोहनदास करमचंद गांधी यानि उन महात्मा गांधी में आई, जो भारत की आजादी की लड़ाई के सबसे बड़े नेता बन गए.

महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी का था. उनका व्यक्तित्व रौबदाब वाला था. उनकी कुल चार पत्नियां थीं. क्यों अपने जीवन में उन्होंने चार बार शादियां कीं, उसकी भी एक कहानी है. हालांकि उनकी सबसे उल्लेखनीय और टिकाऊ शादी चौथी ही थी, जिसमें उनकी पत्नी पुतलीबाई बनीं. जिससे महात्मा गांधी का जन्म हुआ.

करमचंद गांधी के कई बच्चे थे, जिसमें 06 बच्चे चौथी शादी से हुए, जिसमें महात्मा गांधी और उनके दो भाई एक बहन शामिल थीं. दो का पैदा होते ही निधन हो गया. वो कौन और क्या थे, आगे जीवन में उन्होंने क्या किया, ये आगे बताते हैं. पहले गांधीजी के पिता के बारे में जान लेते हैं. इसके बाद जानेंगे उनकी चारों बीवियों के बारे में और ये भी उन्होंने इतनी शादियां क्यों की थीं.

महात्मा गांधी के पिता करमचंद रियासत में दीवान थे. दीवान का पद तब रियासतों में मुख्यमंत्री की तरह ही होता था. वह पोरबंदर और राजकोट में दीवान थे, उनके पास प्रशासन का अधिकार था. उनकी उम्र 63 साल थी.

गांधीजी के पिता करमचंद, जो पोरबंदर और राजकोट रियासत में दीवान थे. (विकी कामंस)

पिता से गांधीजी को कौन से गुण मिले
गांधीजी में जो चीज पिता से आई, उसमें सबसे अहम थी सत्य और न्याय के दृढ प्रतिबद्धता. पिता कुशल वक्ता और लेखक थे. लिहाजा ये गुण भी गांधीजी को मिला. उनका जन्मदिन भी 02 अक्टूबर ही था.उन दिनों किसी रियासत की दीवानगिरी चैन की नौकरी नहीं थी. वह स्वामिभक्त थे लेकिन अप्रिय और हितकर सलाह देने में भी नहीं हिचकते थे. इससे उन्हें कष्ट भी झेलने पड़े. ये गुण गांधीजी में भी आए. एक बार तो एक रियासत के राजा पिता पर इतने नाराज हो गए कि घर पर गोले बरसवा दिए.

कितनी शादियां कीं पिता ने
अब आते हैं कि करमचंद गांधी की कई शादियों पर. उन्होंने मुख्य रूप चार शादियां कीं. इतनी शादियों की वजह ये थी कि पहली दो पत्नियों की मृत्यु जल्दी हो गई. तीसरी पत्नी से कोई संतान नहीं हुई. चौथी शादी इसलिए की जिससे उन्हें संतान के साथ बेटा मिल सके. पहली दो पत्नियों से उन्हें शायद दो बेटियां हुईं थीं. 1857 में उन्होंने पुतलीबाई गांधी से शादी की जिनसे उनके चार बच्चे हुए.

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गांधीजी अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उन्हें पेरेंट्स प्यार से खास उपनाम से बुलाते थे.

क्या थे पत्नियों के नाम
तब के भारतीय समाज में पुरुषों के लिए अपनी पत्नियों की मृत्यु होने या बच्चे पैदा करने में असमर्थ होने पर दोबारा शादी करना आम बात थी. करमचंद की पहली पत्नी का नाम रलियतबेन था, एक बेटी को जन्म देने के समय उनकी मृत्यु हो गई. दूसरी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था, जो एक बेटी को जन्म देते ही सिधार गईं. तीसरी पत्नी मेहर गांधी थीं, जिनका शादी के बाद जल्दी ही निधन हो गया.

1857 में करम चंद की शादी पुतली बाई से हुई, जिन्होंने महात्मा गांधी समेत चार बच्चों को जन्म दिया. पुतलीबाई अपने पति करमचंद गांधी से उम्र में 22 साल छोटी थीं. वह बहुत धार्मिक महिला थीं. हिंदू धर्म का पालन करती थीं.

महात्मा गांधी की मां पुतली बाई (wiki commons)

प्यार से घर में क्या कहा जाता था
महात्मा गांधी का अपने भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध थे. वह चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे, उनके दो बड़े भाई लक्ष्मीदास और करसनदास और एक बड़ी बहन रलियतबेन थीं. सबसे छोटे होने के कारण गांधी परिवार में सबसे पसंदीदा बच्चे थे. उनके माता-पिता उन्हें प्यार से “मोनिया” कहते थे.

दोनों भाई मदद करते थे
गांधीजी के दोनों भाइयों ने उन्हें हमेशा मदद की. उनके बड़े भाई लक्ष्मीदास पहले ही वकील बन चुके थे. उन्होंने छोटे भाई को लंदन में कानून की पढ़ाई करने के लिए वित्तीय मदद दी.

क्या भाई बहन गांधीजी के आंदोलन में शामिल हुए
गांधी के प्रमुख आंदोलनों में उनके भाई-बहनों की प्रत्यक्ष भागीदारी का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है लेकिन पूरा परिवार उनके प्रयासों का समर्थन करता था. वे उनके काम के महत्व को समझते थे. अक्सर उनके साथ खड़े रहते थे. भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान दिया.

भाई बहन क्या करते थे
लक्ष्मीदास गांधी बड़े भाई थे. वह वकील बने. कानूनी मामलों में अपनी भागीदारी के लिए जाने जाते थे.
करसनदास गांधी: करसनदास के पेशे के बारे में विवरण कम दर्ज हैं. वह पारंपरिक जीवनशैली के लिए जाने जाते थे.
रलियतबेन गांधी: इकलौती बहन के रूप में उनका जीवन पारिवारिक जिम्मेदारियों के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा. कोई औपचारिक पेशा नहीं अपनाया.

Tags: Gandhi Family, Gandhi History, Mahatma gandhi, Mahatma Gandhi news

FIRST PUBLISHED :

October 4, 2024, 16:17 IST

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