महाराष्ट्र चुनाव: योगी से लेकर फडणवीस क्यों 'बंटोगे तो कटोगे' पर दे रहे जोर?

1 week ago

Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोरों पर है. इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे चुनाव का मूड सेट कर दिया है. उनके नारे ‘बंटोगे तो कटेगो’ की हर तरफ धूम है. पूरा चुनावी विमर्श इसी नारे के इर्दगिर्द घूम रहा है. राज्य के उपमुख्यमंत्री और चुनाव में भाजपा के चेहरा देवेंद्र फडणवीस भी इस नारे पर जोर दे रहे हैं. हालांकि, राज्य में भाजपा की सहयोगी एनसीपी के नेता अजीत पवार ने इस नारे पर आपत्ति जताई थी. फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस लाइन पर एक नया नारा ‘एक हैं तो सेफ हैं’ दिया. महायुती इस नारे को जन-जन तक पहुंचाने में लगी है.

राजनीति के जानकार इन दोनों नारों को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं. भाजपा के बारे में कहा जाता है कि वह बहुसंख्यकवाद की राजनीति करती है. इन दोनों नारों के आधार पर यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में भी भाजपा इस विधानसभा चुनाव में भी बहुसंख्यकवाद की राजनीति कर रही है. भाजपा राज्य में ओबीसी, दलित और अगड़े वोटरों का एक कम्बिनेशन बनाना चाहती है.

बहुसंख्यकवाद की राजनीति
वैसे देखा जाए तो भाजपा की इस बहुसंख्यकवाद की राजनीति के पीछे ठोस तथ्य भी हैं. बीते लोकसभा चुनाव का ही उदाहरण लेते हैं. राज्य में धुले संसदीय सीट पर भाजपा को केवल चार हजार वोटों से हार मिली थी. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कई मौकों पर यह दावा किया कि राज्य में ‘वोट जिहाद’ की वजह से महायुती को कम से कम 10 सीटों का नुकसान हुआ. लोकसभा में राज्य में महायुती को बड़ा झटका लगा था. राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से केवल 9 पर भाजपा और सात पर शिवसेना को जीत मिली. एक सीट एनसीपी अजीत गुट को मिली थी.

वोट जिहाद
वोट जिहाद के मामले को समझाने के लिए धुले सीट के रिजल्ट का उदाहरण दिया जा रहा है. यहां से कांग्रेस की बाछव शोभा दिनेश को 3831 मतों से जीत मिली. दरअसल, धुले संसदीय सीट में छह विधानसभा सीटें हैं. इनमें से पांच विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार को करीब 1.90 वोटों से लीड मिली थी. लेकिन मालेगांव सेंट्रल विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में एकतरफा वोटिंग हुई. उन्होंने इस सीट पर करीबी उम्मीदवार पर 1.94 लाख वोटों की लीड हासिल कर ली. इस कारण पूरे संसदीय सीट का रिजल्ट बदल गया. भाजपा उम्मीदवार की हार हो गई.

78 फीसदी मुस्लिम वोटर्स
मालेगांव सेंट्रल विधानसभा एक अल्पसंख्यक बहुल सीट है. यहां के कुल वोटर्स में 78.4 फीसदी मुस्लिम हैं. मुस्लिम वोटर्स की कुल संख्या 2.22 लाख से अधिक है. ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में इन वोटर्स ने एकतरफा वोटिंग की और इसी कारण भाजपा उम्मीदवार की हार हुई. अब भाजपा ‘बंटोगे तो कटोगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों से अपने बहुसंख्यक वोटरों को यह संदेश देना चाहती है कि मतों में विभाजन से रिजल्ट पर असर पड़ सकता है. ऐसे में हमें एकजुट होकर मतदान करना होगा.

Tags: CM Yogi Aditya Nath, Devendra Fadnavis, Maharashtra Elections

FIRST PUBLISHED :

November 13, 2024, 13:24 IST

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