महाव‍िकास अघाड़ी की वो गलती, जो राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव को ले डूबी

2 hours ago

महाराष्‍ट्र में महायुत‍ि की प्रचंड जीत के पीछे की वजह तलाशी जा रही है. मांझी लड़की बह‍िण योजना, बंटोगे तो कटोगे जैसे नारे और ह‍िन्‍दुत्‍व कार्ड समेत कई कारण ग‍िनाए जा रहे हैं. लेकिन ये तो वो कार्ड थे, जो देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अज‍ित पवार चल रहे थे. मगर महाव‍िकास अघाड़ी ने खुद कई ऐसी गलत‍ियां की, जि‍ससे उन्‍होंने अपने पैरों पर कुल्‍हाड़ी मार ली. ज‍िन गल‍त‍ियों की वजह से राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव की पार्टी की दुर्गत‍ि हो गई. हम आपको स‍िलस‍िलेवार तरीके से उनके बारे में बता रहे हैं.

कहां-कहां हुई गल‍त‍ियां

सबसे बड़ी योजना पर पहले सवाल, फ‍िर साथ
देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे ने जब लाड़ली बहिन योजना का ऐलान क‍िया तो महाव‍िकास अघाड़ी के नेता आलोचना पर उतर आए. सरकार को खूब सुनाया. इनती बड़ी योजना, पैसा कहां से आएगा. महाराष्‍ट्र पर वैसे ही बहुत कर्ज है, यह कर्ज चढ़ाने वाली योजना है. पैसे से वोट खरीदना चाहते हैं…ऐसी कई तरह की बातें कही गईं. लेकिन जब लगा क‍ि यह योजना मह‍िलाओं को पसंद आ रही है, तो खुद एमवीए अपने घोषणापत्र में महालक्ष्‍मी योजना लेकर आ गया. महायुत‍ि 1500 देने की बात कर रही थी, तो वे 3000 देने का ऐलान करने लगे. लोगों को लगा क‍ि इनके पास कोई प्‍लान नहीं है और ये देने वाले नहीं है.

फ्रीबीज पर खरगे का बयान
एक ओर कांग्रेस तमाम फ्रीबीज या मुफ्त योजनाओं का ऐलान कर रही थी, गारंटी देने के वादे कर रही थी, उसी बीच कर्नाटक के डिप्‍टी सीएम डीके श‍िवकुमार ने कह दिया क‍ि बस में मुफ्त सफर की योजना की समीक्षा करेंगे, क्‍योंक‍ि इससे सरकार का खजाना खाली हो रही है. तब कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खरगे ने उन्‍हें टोका, कहा-उतना ही दावा करें ज‍ितनी पूरी कर सकें. इससे वोटर्स के मन में कंफ्यूजन पैदा हुआ. उन्‍हें लगा क‍ि कांग्रेस तो कुछ देने से रही. इसल‍िए वे महायुत‍ि की ओर भाग गए.

कांग्रेस-यूबीटी श‍िवसेना में खींचतान
महाव‍िकास अघाड़ी में शामिल दल साथ काम करते नजर नहीं आए. कांग्रेस को लगता था क‍ि उसका आधार ज्‍यादा मजबूत है, इसल‍िए उसे ज्‍यादा सीट मिलनी चाह‍िए. उधर, उद्धव ठाकरे की श‍िवसेना सीट छोड़ने को तैयार नहीं थी. इससे कांग्रेस और श‍िवसेना में अंत समय तक खींचतान रही. कैंड‍िडेट तय नहीं हो पा रहे थे, जो हार की बड़ी वजह बने.

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राहुल गांधी गलत ट्रैक पर
देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अज‍ित पवार जहां जात‍ियों को एकजुट करने में लगे थे. वोटरों के हाथ में पैसा पहुंचाने और उन्‍हें भरोसा दिलाने में लगे थे, वहीं राहुल गांधी अडानी, धारावी और महंगाई जैसे मुद्दे पर फोकस्‍ड रहे. एक्‍सपर्ट के मुताबिक, ऐसे मुद्दे कभी चुनाव नहीं ज‍ितवा सकते. जीतने के ल‍िए जमीन पर समीकरण बिठाना पड़ता है.

बाग‍ियों को न मना पाना
देवेंद्र फडणवीस जैसा मजबूत नेता बाग‍ियों को मनाने के ल‍िए ठाणे, नागपुर में उनके घर तक चले गए और मनाकर ही लौटे. लेकिन कांग्रेस के नेता फोन पर ही बात करते रहे. टिकटों का बंटवारा ऐसा हुआ क‍ि ज्‍यादातर सीटों पर उन्‍हीं के कैंड‍िडेट बागी होकर चुनाव लड़ते नजर आए. नतीजा अपनों से ही कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव ठाकरे की श‍िवसेना हार गई.

Tags: Maharashtra Elections, Rahul gandhi, Sharad pawar, Uddhav thackeray

FIRST PUBLISHED :

November 23, 2024, 17:04 IST

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