Last Updated:July 20, 2025, 14:17 IST
Delhi Court News: दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में मां-बेटे के बीच संपत्ति विवाद पर जज रोहित कुमार ने आरोपी नितिन सोनी को जमानत देते हुए एक कविता लिखी. इंदु सैनी ने बेटे पर जबरन घुसने और मारपीट का आरोप लगाया था.

जज ने आरोपी बेटे को जमानत देते हुए अपने आदेश में एक कविता लिखी, जो चर्चा का विषय बन गई.
राजधानी दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में एक अनोखा मामला देखने को मिला. यहां एक मां-बेटे के बीच संपत्ति को लेकर लड़ाई का मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. इस मामले में जज ने आरोपी बेटे को जमानत देते हुए अपने आदेश में एक कविता लिखी, जो चर्चा का विषय बन गई.
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) रोहित कुमार ने शुक्रवार को आरोपी नितिन सोनी को जमानत दी और अपने आदेश में एक शेर लिखा,
‘मिल्कियत की जंग में ना जाने कितने अफसाने हुए,
कुछ ही अपने थे, वो भी अब बेगाने हुए.’
यह मामला नितिन सोनी और उसकी मां इंदु सैनी के बीच संपत्ति विवाद से जुड़ा है. शिकायतकर्ता इंदु सैनी ने प्रशांत विहार थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने अपने बेटे और बहू पर उनके घर में जबरन घुसने और मारपीट करने का आरोप लगाया था.
क्या था मामला?
इंदु सैनी ने आरोप लगाया था कि 12 जुलाई को, जब वह अपनी बेटी के साथ कोर्ट से वापस लौटीं, तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा नितिन वंदना अपार्टमेंट स्थित संपत्ति में जबरन घुस गया है और गालियां दे रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी बहू लोहे की रॉड लेकर बाहर आई और उन्हें पीटा.
नितिन सोनी के वकील ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि यह अवैध कब्जे का मामला नहीं है. उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने मौखिक सहमति के तहत यह संपत्ति स्वयं आरोपी को दी थी.
वकील ने कुछ तस्वीरें पेश कीं, जिनमें आरोपी परिवार 10 जुलाई 2025 से पहले से ही संपत्ति में मौजूद दिख रहा है. साथ ही, 14 जुलाई की सीसीटीवी फुटेज भी अदालत के सामने रखी गई, जिसमें शिकायतकर्ता की बेटी कुछ अन्य लोगों के साथ विवादित संपत्ति में लोहे की रॉड और हथौड़े लेकर दाखिल होती दिखाई देती है.
वकील ने यह भी बताया कि विवादित संपत्ति पर एक वसीयत मौजूद है, जो आरोपी के पक्ष में है. उस वसीयत की प्रमाणिकता से संबंधित याचिका संबंधित न्यायालय में लंबित है. वकील ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी और उसका परिवार पुलिस की मिलीभगत से शिकायतकर्ता द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है.
अदालत ने क्या कहा?
न्यायिक मजिस्ट्रेट रोहित कुमार ने सभी तथ्यों की जांच के बाद आरोपी को जमानत देते हुए न सिर्फ कानूनी रूप से आदेश पारित किया, बल्कि भावनात्मक रूप से भी टिप्पणी की. अदालत ने इस पारिवारिक विवाद को सामाजिक ताने-बाने पर चोट पहुंचाने वाला बताया और जमानत आदेश में कविता लिखते हुए कहा कि संपत्ति की लड़ाई में रिश्ते टूट जाते हैं, और अपने ही पराए बन जाते हैं.
यह मामला एक बार फिर यह सोचने को मजबूर करता है कि संपत्ति की जंग अक्सर सिर्फ कानूनी नहीं, भावनात्मक भी होती है– और इसमें सबसे ज़्यादा नुकसान रिश्तों का होता है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi