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Rajasthan Resident Doctors Strike: मौसमी बीमारियां बरपा रही कहर, रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर, फंसकर रह गए मरीज
जयपुर. राजस्थान में मौसमी बीमारियां लगातार कहर बरपा रही हैं. इस बीच रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चल रहे हैं. रेजिडेंट्स राज्य सरकार से पूर्व में किए गए समझौतों को लागू करने की मांग कर रहे हैं. लिहाजा इस मुद्दे को लेकर वे फिर से हड़ताल पर उतर आए हैं. आज प्रदेशभर में रेजिडेंट डॉक्टर दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. इससे मरीजों की जान पर आन पड़ी है. हालांकि अभी इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है. लेकिन अगर रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगें जल्द नहीं मानी गई तो इमरजेंसी सेवाएं भी स्ट्राइक के दायरे में आ सकती हैं.
राजधानी जयपुर में बीते करीब एक सप्ताह से चल रही रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का दायरा अब पूरे प्रदेश में फैल गया है. आज प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट 2 घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. जयपुर के एसएमएस अस्पताल में बीते मंगलवार से चल रही इस हड़ताल के बावजूद अभी तक सरकार की ओर से रेजिडेंट डॉक्टर्स की सुध नहीं ली गई है. इस पर रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की ओर से सदबुद्धि यज्ञ भी किया गया था.
इमरजेंसी सेवाओं को यथावत चालू रखा गया है
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ.मनोहर सियोल ने बताया कि पिछली हड़ताल के 45 दिन बीत चुके हैं. इस बीच 15 दिन और 7 दिन पहले भी सरकार को पुराने समझौते की मांगों को लागू करने का अल्टीमेटम दिया गया था. इसके बावजूद सरकार की ओर से किए गए वादे और मांगें अभी तक पूरी नहीं की गई है. इसके विरोध में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने इलेक्टिव सेवाएं बंद कर दी है. इमरजेंसी सेवाओं को यथावत चालू रखा गया है.
रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की ये हैं मांगें
– सभी मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाये.
– समय पर स्टायपेंड में वृद्धि और इंक्रीमेंट किए जाएं.
– बॉन्ड पालिसी में चेंज किया जाये.
– सभी रेसिडेंट डॉक्टर्स को एचआरए दिया जाए.
– शेष मेडिकल ऑफिसर पदों की भर्ती निकाली जाए.
– कॉलेजों में जिन डिपार्टमेंट में पीजी होती हैं उन सभी में जेएस/एसएस पदों सृजित किए जाएं.
– अकादमिक और गैर-अकादमिक एसआर की तनख्वाह की विसंगति दूर की जाए.
– इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए सुपर-स्पेशलाइजेशन के बाद उनकी वेतन वृद्धि-पदोन्नति पीजी पासआउट डॉक्टर्स की तरह हो.
मांगें पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा
रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान का स्टायपेंड आस पड़ोस के सभी राज्यों यहां तक की आर्थिक रूप से कमजोर समझे जाने वाले बिहार से भी कम है. इसके अलावा वर्तमान में अकादमिक एसआर की तनख्वाह गैर-अकादमिक एसआर से कम है. उन्होंने कहा कि पिछली हड़ताल के दौरान राज्य सरकार ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. रेजिडेंट्स डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
Tags: Doctors strike, Jaipur news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED :
October 14, 2024, 10:04 IST