राजस्थान की इस सीट पर एकदम 'फ्रेश' 3 प्रत्याशियों के बीच होगा मुकाबला

4 weeks ago
राजस्थान की चौरासी सीट आदिवासी बाहुल्य है.राजस्थान की चौरासी सीट आदिवासी बाहुल्य है.

डूंगरपुर. डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तस्वीर साफ हो गई है. इस मुकाबले में खास बात यह है कि बीजेपी और कांग्रेस समेत बीएपी (BAP) तीनों ही प्रमुख पार्टियों ने एकदम नए उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं. यहां चुनावी मुकाबला जबर्दस्त त्रिकोणीय बना हुआ है. बीएपी और कांग्रेस ने युवा उम्मीदवारों पर दांव खेला है. वहीं भाजपा ने अनुभवी चेहरे पर भरोसा जताया है. इस सीट पर प्रदेशभर निगाहें लगी हुई हैं.

लोकसभा चुनाव में बीएपी से राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद खाली हुई चौरासी विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहे है. इस सीट पर बीएपी पहले ही युवा नेता अनिल कटारा को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी थी. वहीं नामांकन करने की अंतिम तारीख से एक दिन पहले कांग्रेस ने यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेश रोत और भाजपा ने सीमलवाड़ा प्रधान कारीलाल ननोमा को पार्टी का अधिकृत घोषित कर दिया. तीनों पार्टियों के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही अब चौरासी में चुनावी चौसर बिछ चुकी है.

अनिल कटारा भारत आदिवासी पार्टी
भारत आदिवासी पार्टी प्रत्याशी अनिल कटारा (38) सबसे पहले 2016 में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा से जुड़े थे. वे मोर्चे के प्रदेश प्रचारक रहे. कुंआ वार्ड से जिला परिषद सदस्य अनिल कटारा की पत्नी संगीता कटारा भी एमए, बीएड है. वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं. उनका बेटा यशराज कटारा नवोदय विद्यालय ठाकरड़ा में कक्षा 6 में पढ़ता है जबकि बेटी मिताली राज कटारा पांचवीं कक्षा में पढ़ती है.

महेश रोत कांग्रेस
कांग्रेस प्रत्याशी महेश रोत 23 साल की उम्र में पहली बार उदयपुर कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष बने. महेश रोत सांसरपुर पंचायत के कजड़िया फला के रहने वाले हैं. उनके पिता स्वर्गीय अमृतलाल रोत भी 1995- 2000 में जिला परिषद सदस्य रहे हैं. उन्होंने राजनीति विज्ञान से एमए किया है. कॉलेज में पढ़ाई के समय से ही कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े. कांग्रेस के स्टूडेंट मोर्चा एनएसयूआई से जुड़े. 2017-18 में उदयपुर मोहनलाल सुखाड़िया कला महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे. इसके बाद 2018 में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में एनएसयूआई से केंद्रीय छात्रसंघ अध्यक्ष प्रत्याशी रहे. 2019 में डूंगरपुर एनएसयूआई के संरक्षक रहे. 2022 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे. अभी संसारपुर पंचायत के सरपंच हैं.

कारीलाल ननोमा
भाजपा ने इस बार सीमलवाड़ा से प्रधान कारीलाल ननोमा को टिकट दिया है. कारीलाल सादड़िया पंचायत के पूर्व सरपंच रह चुके हैं. अभी उनकी पुत्रवधू रेखा सरपंच है. उनकी पत्नी हाकली देवी भी पूर्व में सरपंच रह चुकी है. कारीलाल पंचायत में सरपंच के बाद प्रधान बने और अब उन्हें चौरासी से विधायक का टिकिट मिला है. भाजपा ने 1990 के बाद पहली बार सुशील कटारा और उनके परिवार से बाहर टिकट दिया है. सुशील कटारा पिछले 4 बार से भाजपा के प्रत्याशी रहे हैं. एक बार वे भाजपा सरकार में राज्यमंत्री भी रहे. लेकिन इस बार भाजपा ने सुशील कटारा को चुनाव का सह प्रभारी बनाकर ही टिकिट काटने के संकेत दे दिए थे.

चौरासी विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण
राजस्थान के दक्षिणांचल में स्थित आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा पड़ोसी गुजरात राज्य से सटी हुई है. चौरासी के कई गांव डूंगरपुर मुख्यालय की जगह गुजरात में अपने कामकाज को लेकर आते जाते हैं. इस सीट पर 70 प्रतिशत वोटर्स एसटी है. जबकि 10 फीसदी ओबीसी और 20 फीसदी जनरल, अल्पसंख्यक तथा एससी वोटर्स हैं.

12 में से 6 बार कांग्रेस पार्टी जीती है यहां
1967 से लेकर आज तक इस सीट पर 12 बार चुनाव हुए हैं. इनमें से आधी बार कांग्रेस ही इस सीट पर काबिज रही. चौरासी विधानसभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. लेकिन पिछली 2 बार से ये सीट राजकुमार रोत के कब्जे में रही. 2018 में बीटीपी (भारतीय ट्राइबल पार्टी) और इसके बाद 2023 में बीएपी (भारत आदिवासी पार्टी) से विधायक बने. दूसरी बार 69 हजार के बड़े अंतर से राजकुमार रोत जीते. इससे पहले कभी किसी ने यहां इतने बड़े मार्जिन से जीत हासिल नहीं की थी. भाजपा केवल 3 बार ही इस सीट पर जीत हासिल कर सकी है. वहीं 1 बार जेएनपी ने जीत हासिल की. ऐसे में कांग्रेस ओर बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत आदिवासी पार्टी की रहेगी.

Tags: Assembly by election, Dungarpur news, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

October 25, 2024, 10:45 IST

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