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शेर से लड़ने वाले योद्धा का स्मारक पत्थर, लोग करते हैं पूजा, जानें 'पुलिकुट्टी पट्टान' की कहानी
प्राचीन तमिलनाडु में यह परंपरा थी कि युद्ध में वीरगति प्राप्त करने वाले योद्धाओं के सम्मान में उनकी स्मृति में एक स्मारक पत्थर स्थापित किया जाता था. उस पत्थर के माध्यम से उस योद्धा की वीरता की जानकारी आने वाली पीढ़ियों को मिलती, और वे उसे पूज्य मानकर उसकी पूजा करते थे. तमिलनाडु में प्रचलित इस ‘स्मारक पत्थर पूजा’ का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ ‘पुर्णानूत्त्रु’ में भी मिलता है, जिसमें युद्ध में हाथियों को मारकर वीरगति प्राप्त करने वाले योद्धा के स्मारक को पूजा से बड़ा देवता बताया गया है. न केवल हाथियों से लड़ने वाले योद्धाओं के लिए बल्कि बाघ को पराजित करने वाले वीरों के लिए भी इस प्रकार का स्मारक पत्थर रखने की परंपरा थी.
‘पुलिकुट्टी पट्टान’ का पत्थर
विरुधुनगर जिले के वत्तिरायिरुप्पु के पास सुरक्कायपट्टी नामक गाँव के खेतों के बीच ‘पुलिकुट्टी पट्टान’ नामक एक पत्थर स्थित है. स्थानीय लोग इसे ‘पुलि मण्डप’ के नाम से जानते हैं. तीन फीट ऊँचे इस पत्थर में एक मूंछों वाले वीर को अपनी भाला-काठी से बाघ को मारते हुए और पास में तीन महिलाओं को उसकी पूजा करते हुए चित्रित किया गया है.
विशेष स्मारक पत्थर
यह पत्थर अपने प्रकार का एक विशेष स्मारक पत्थर माना जाता है. बाघ से युद्ध में वीरगति पाने वाले इस योद्धा के लिए स्मारक के रूप में इसे ‘पुलिकुट्टी पट्टान’ का पत्थर कहा जाता है. पास में मौजूद तीन महिलाएँ उसकी पत्नियाँ मानी जाती हैं, जिससे पता चलता है कि उस समय पुरुष एक से अधिक विवाह करते थे. पति की मृत्यु के बाद ये महिलाएँ भी अपने प्राण त्याग कर उसके साथ जुड़ जाती थीं, इसी कारण उन्हें भी पत्थर में उकेरा गया है और उनकी पूजा की परंपरा बनी हुई है.
इतिहासकारों की राय
इतिहासकारों के अनुसार यह स्मारक पत्थर संभवतः पांड्य काल में उस गाँव में बसे किसी योद्धा के लिए बनाया गया हो सकता है. स्थानीय लोगों के अनुसार, कुछ लोग इस पत्थर को अपने कुलदेवता के रूप में पूजते हैं और हर साल यहाँ आकर पूजा-अर्चना करते हैं. सुरक्कायपट्टी गाँव पश्चिमी घाट के पास एक खूबसूरत छोटे गाँव में स्थित है. माना जाता है कि पश्चिमी घाट के वन क्षेत्र से आए बाघ से गाँव वालों की रक्षा करने वाले उस वीर की स्मृति में गाँववालों ने यह स्मारक पत्थर स्थापित किया.
Tags: Local18, Special Project, Tamil nadu
FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 18:55 IST