12 साल पहले रची थी साजिश, जर्मनी तक मचा था हल्‍ला, अब जाकर आया पुलिस के हाथ 

1 week ago

Delhi Airport: 12 साल पहले एक शख्‍स ने एक साजिश रची, जिसका हल्‍ला न केवल दिल्‍ली, बल्कि जर्मनी की सुरक्षा एजेंसियों के बीच मचा. दो देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच हल्‍ला मचाने के बाद यह शख्‍स पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल हो गया.

 इसके बाद, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस लगातार इस शख्‍स की तलाश में जगह जगह छापेमारी करती रही, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. आखिरकार, 12 साल लंबी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने इस शख्‍स को पंजाब के कपूरथला शहर से गिरफ्तार कर लिया गया है. 

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस उपायुक्‍त उषा रंगनानी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान रविंदर सिंह के रूप में हुई है. वह मूल कपूरथला के भोलथ थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खसन गांव का रहने वाला है. जर्मनी के फर्जी मामले में उसकी तलाश की जा रही थी.

क्‍या है पूरा मामला?
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि 12 साल पहले अमृतसर मूल के विक्रमजीत सिंह नामक एक शख्‍स को जर्मनी से डिपोर्ट किया गया था. आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद विक्रमजीत सिंह को हिरासत में ले लिया गया. जांच के दौरान, इमीग्रेशन ब्‍यूरो के अधिकारियों को उसके पासपोर्ट पर लगे वीजा पर शक हुआ. 

शक के आधार पर पासपोर्ट को जांच के लिए जर्मन एंबेसी भेजा गया. जहां से आए जवाब से पता चला कि विक्रमजीत सिंह के पासपोर्ट में लगा वीजा फर्जी है. जिसके बाद, इमीग्रेशन ब्‍यूरो ने आगे की कार्रवाई के लिए आरोपी विक्रमजीत सिंह को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर लिया. 

क्‍या हुई कार्रवाई?
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि इमीग्रेशन ब्‍यूरो की शिकायत पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी विक्रमजीत सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468, 471 और पासपोर्ट एक्‍ट की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान, विक्रमजीत सिंह ने कई महत्‍वपूर्ण खुलासे किए. 

आरोपी विक्रमजीत ने पुलिस को बताया कि उसके दोस्‍त ने उसकी मुलाकात रविंदर सिंह नामक एक एजेंट से कराई थी. एजेंट रविंदर सिंह ने उसे दो लाख रुपए के एवज में जर्मनी का वीजा दिलाने और वहां नौकरी दिलाने का वादा किया था. रविंदर ने उससे दो लाख रुपए लेने के बाद उसके पासपोर्ट में जर्मनी का फर्जी वीजा लगा दिया. 

कैसे हुई गिरफ्तारी?
विक्रमजीत ने अपने कबूलनामे में बताया कि इसी फर्जी वीजा की वजह से उसे न केवल जर्मनी से डिपोर्ट कर दिया गया, बल्कि आईजीआई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया. विक्रमजीत के खुलासे के आधार पर एयरपोर्ट पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन तब तक रविंदर कुमार फरार होने में सफल हो गया था. 

रविंदर कुमार को 2014 में कोर्ट ने प्रोक्‍लेम्‍ड ऑफेंडर भी घोषित किया था. 12 साल लंबी जद्दोजहद के बाइ आईजीआई एयरपोर्ट को एक सीक्रेट इंटेल मिला. जिसके आधार पर एक टीम को फौरन पंजाब के लिए रवाना कर दिया गया. कपूरथला पहुंची पुलिस टीम ने 12 सालों से छका रहे इस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.  

विक्रमजीत सिंह को अपने जाल में फंसाने के लिए एजेंट रविंदर सिंह ने किस तरह अपना जाल फैलाया, जानने के लिए मुश्किल से विदेश में मिली थी नौकरी, जर्मन एयरपोर्ट पर रखा ही था पहला कदम, तभी अपनों की साजिश ने पलटा खेल, और फिर.. पर क्लिक करें.

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FIRST PUBLISHED :

May 8, 2024, 07:28 IST

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