English Channel: जान की बाजी लगाकर लोग क्यों पार करना चाहते हैं इंग्लिश चैनल, समंदर में दफन है डरावना रहस्य?

1 week ago

English Channel: इंग्लैंड और फ्रांस को अलग करने वाला इंग्लिश चैनल एक बार फिर सुर्खियों में है. इसे पार करने में पांच लोगों ने जान गंवा दी. दुखद घटना के बाद इस समुद्री हिस्से पर बहस छिड़ी हुई है. स्वीमिंग से जुड़े लोग इंग्लिश चैनल के बारे में जरूर जानते होंगे. जो नहीं जानते हैं उनको बता दें कि इंग्लिश चैनल अटलांटिक सागर का हिस्सा है. इंग्लिश चैनल को नदी भी कहते हैं. दुनिया की सबसे खतरनाक तैराकी भी यहीं होती है. इस चैनल को पार करने में अब तक कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी. आइये जानते हैं समंदर के इस खतरनाक हिस्से के बारे में... 

इंग्लिश चैनल ने ले ली पांच लोगों की जान

पहले आपको उस घटना के बारे में बताते हैं, जिसकी वजह से इंग्लिश चैनल अभी सुर्खियों में छाया हुआ है. इंग्लिश चैनल को पार करने की कोशिश में एक बच्चे समेत पांच प्रवासियों की जान चली गई. ब्रिटेन सरकार द्वारा प्रवासी निर्वासन विधेयक को मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटों बाद ही यह घटना सामने आई. इस हादसे में लगभग 100 प्रवासियों को सुरक्षित बचा लिया गया.

बेहद खतरनाक है इंग्लिश चैनल

बता दें कि प्रवासी छोटी नौकाओं में सवार होकर इंग्लिश चैनल (ब्रिटेन और उत्तरी फ्रांस को अलग करती है) को पार करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अक्सर या तो वे डूब जाते हैं या फिर उन्हें अन्य घातक घटनाओं का सामना करना पड़ता है. ब्रिटेन सरकार के आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में अनुमानित 30,000 लोगों ने इंग्लिश चैनल को पार करने की कोशिश की.

तैरकर पार करने की कोशिश करते हैं लोग

इंग्लिश चैनल को छोटी नाव से पार करना बेहद खतरनाक है. इस कोशिस में अब तक कई जानें जा चुकी हैं. स्पोर्ट्स के तौर पर कुछ तैराक इसे तैरकर भी पार कर चुके हैं. इंग्लिश चैनल को तैरकर पार करने वालों की भी बड़ी संख्या में जान जा चुकी है. इंग्लिश चैनल दुनिया की सबसे व्यस्त शिपिंग लेन में से एक है, जिसका उपयोग हर दिन सैकड़ों मालवाहक जहाज करते हैं.

करना पड़ता है तमाम मुश्किलों का सामना

इंग्लिश चैनल के माध्यम से इंग्लैंड और फ्रांस के बीच सबसे छोटी दूरी 21 मील है. लेकिन इंग्लिश चैनल के करंट और शिपिंग लेन से बचने के लिए तैराकों को दूसरी तरफ जाने के लिए 30 मील तक तैरना पड़ता है. तैराकों को 15C (59F) से 18C (64.4F) तक कम तापमान का सामना तो करना ही पड़ता है,साथ ही अन्य खतरे भी उनकी इंतजार में होते हैं. जैसे जेलीफ़िश, सीवेज, समुद्री शैवाल, जहाजों, प्रतिकूल मौसम की स्थिति और तैरते मलबे से भी खतरा होता है.

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