आम, मिठाई और... डॉक्टर के हिसाब से जेल में खाना खा रहे केजरीवाल? हो गया खुलासा

1 week ago

नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में आम, मिठाई और आलू-पूड़ी खाने पर बवाल जारी है. एक ओर जहां अरविंद केजरीवाल की ओर से दावा किया गया कि वह डॉक्टर द्वारा तैयार किए गए डाइट चार्च के हिसाब से ही घर का खाना खा रहे थे, वहीं दूसरी ओर ईडी का आरोप है कि वह जमानत लेने के लिए जान बूझकर मिठाई और आम खा रहे हैं. इस बीच अदालत ने बड़ा खुलासा किया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने माना है कि अरविंद केजरीवाल जो घर का बना खाना खा रहे थे, वह उनके डॉक्टर द्वारा तैयार आहार चार्ट से अलग था.

अदालत ने सोमवार को पाया कि तिहाड़ जेल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए घर के बने भोजन में शामिल चीजें उनके अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई चीजों से अलग थीं. अदालत ने कहा, उनके डॉक्टर ने आलू, अरबी और आम जैसे खाद्य पदार्थ नहीं लिखे थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल को दिए गए भोजन में ये शामिल थे. इसके बाद अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चिकित्सकीय जांच के लिए सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया, जो तय करेगा कि केजरीवाल के रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की जरूरत है या नहीं.

सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) मामलों की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने अरविंद केजरीवाल द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस की मदद से अपने चिकित्सक से परामर्श लेने के लिए दाखिल अर्जी को खारिज करते हुए यह आदेश सुनाया. अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि जेल में उन्हें इंसुलिन नहीं दी जा रही है, जिससे उनके रक्त में शर्करा का स्तर ‘चिंताजनक’ स्थिति तक पहुंच गया है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को दावा किया था कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता चिकित्सा के आधार पर जमानत लेने के लिए नियमित रूप से आम और मिठाई जैसे शर्करा युक्त भोजन का सेवन कर रहे थे.

अदालत में ही अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जांच एजंसी ईडी पर ‘ओछी’ हरकत करने और उनके खाने का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया. अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को सभी आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान करने का सोमवार को आदेश दिया. अदालत ने एम्स के निदेशक को केजरीवाल की जांच के लिए एंडोक्राइनोलॉजिस्ट/मधुमेह विशेषज्ञ को शामिल करते हुए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया.

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अदालत ने कहा कि बोर्ड तय करेगा कि उन्हें इंसुलिन दिया जाना चाहिए या नहीं और साथ ही यह भी तय करेगा कि उन्हें किस आहार और व्यायाम योजना का पालन करना चाहिए. अदालत ने कहा कि मेडिकल बोर्ड द्वारा निर्धारित आहार योजना से कोई बदलाव नहीं होगा. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि केजरीवाल के भोजन की विस्तृत सूची ‘स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि जो खाद्य पदार्थ घर के बने भोजन के रूप में उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वे उनके अपने डॉक्टर द्वारा निर्धारित आहार से काफी अलग हैं’.

अदालत ने केजरीवाल के वकील की उस बेपरवाह टिप्पणी का भी जवाब दिया कि ‘आम आदमी आम नहीं खाएगा तो क्या मशरूम खाएगा’. न्यायाधीश ने कहा कि मशरूम खाने की सलाह केजरीवाल के अपने डॉक्टर ने दी थी जबकि आम खाने के लिए कोई विशेष सिफारिश नहीं की गई थी. न्यायाधीश ने कहा, ‘यह अदालत यह भी समझने में असमर्थ है कि आवेदक का परिवार उनके चिकित्सकीय निर्धारित आहार के विपरीत आम, मिठाई, आलू पूरी आदि क्यों भेज रहा है.’ अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जेल अधिकारियों के पास कैदियों को अपेक्षित स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढांचा है.

न्यायाधीश ने कहा, ‘यह अदालत भी इन दलीलों से सहमत है कि आवेदक के साथ अन्य कैदियों से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता क्योंकि कानून/जेल नियमावली सभी पर समान रूप से लागू होने चाहिए.’ अदालत ने आदेश में यह भी कहा कि जेल अधिकारियों ने इस तथ्य पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि ऐसे खाद्य पदार्थ जो उसके आदेश और आवेदक के चिकित्सकीय नुस्खे के अनुसार नहीं थे, उन्हें आवेदक के पास भेजने की अनुमति क्यों दी गई.

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अदालत ने कहा, ‘तथ्य यह है कि आवेदक के घर से आ रहे भोजन की पूरी सूची जेल अधिकारियों के पास है, यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वे सभी घर से आ रहे खाने के बारे में जानते थे. जेल प्रशासन ने न तो आदेश के कथित गैर-अनुपालन को इस अदालत के संज्ञान में लाया, न ही यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाया कि आवेदक उन खाद्य पदार्थों का सेवन न करें जो उनके डॉक्टर द्वारा निर्धारित नहीं किए गए थे.’ न्यायाधीश ने कहा कि जेल अधिकारियों के जवाब में या केजरीवाल के आवेदन में इस बात का कोई आंकड़ा नहीं है कि याचिकाकर्ता ने घर से आए खाने का कितना हिस्सा नहीं खाया.

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Tags: Arvind kejriwal, Chief Minister Arvind Kejriwal, CM Arvind Kejriwal, Delhi CM Arvind Kejriwal, Delhi liquor scam

FIRST PUBLISHED :

April 23, 2024, 08:39 IST

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