कब से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा? जानें तारीख, 45 दिन होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

1 month ago

बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माती पार्वती को  अमरत्व की कथा सुनाई थी. (Canva)

बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माती पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी. (Canva)

Amarnath Yatra 2024 start end date: इस साल अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ 29 जून दिन शनिवार से होने जा रहा है. इस बार की अमरन ...अधिक पढ़ें

News18 हिंदीLast Updated : March 21, 2024, 04:12 ISTEditor picture

हाइलाइट्स

अमरनाथ यात्रा शोभन योग और आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में शुरू होगी.
इस साल की अमरनाथ यात्रा सावन पूर्णिमा तिथि को समाप्त होगी.

इस साल अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ 29 जून दिन शनिवार से होने जा रहा है. इस बार की अमरनाथ यात्रा कुल 45 दिनों की होगी. अमरनाथ यात्रा का समापन 19 अगस्त दिन सोमवार को होगा. इस बार शिव भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन 45 दिन ही कर पाएंगे.

शोभन योग और अष्टमी ति​​थि में शुरू होगी अमरनाथ यात्रा
इस बार की अमरनाथ यात्रा शोभन योग और आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में शुरू होगी. 29 जून को अष्टमी तिथि दोपहर 02:19 पीएम तक है, वहीं शोभन योग प्रात:काल से शाम 06:54 पीएम तक है. उस दिन उत्तर भाद्रपद नक्षत्र सुबह 08:49 एम तक है, उसके बाद रेवती नक्षत्र है. यात्रा के पहले दिन का शुभ समय यानी अभिजित मुहूर्त 11:57 एएम से 12:53 पीएम तक है.

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रक्षाबंधन पर होगा अमरनाथ यात्रा का समापन
इस साल की अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी. उस दिन सावन पूर्णिमा तिथि, सावन का पांचवा सोमवार और भाई बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन भी होगा. समापन वाले दिन भी शोभन योग होगा. हालांकि उस दिन 05:53 एएम से सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग हैं, जो सुबह 08:10 एएम तक रहेंगे.

अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल दिन सोमवार से शुरू हो जाएगा. हालांकि अमरनाथ यात्रा के लिए शारीरिक तौर पर फिट रहना जरूरी है. अमरनाथ यात्रा करने वालों को मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ और भी कई दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी होता है.

अमरनाथ यात्रा का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माती पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी. हालांकि माता पार्वती कथा के बीच में ही सो गईं. कहा जाता है कि उस गुफा में भगवान शिव और माता पार्वती के अलावा कबूतर का एक जोड़ा भी मौजूद था, जिसने अमरत्व की कथा सुन ली थी.

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भगवान शिव नहीं चाहते थे कि अमरत्व की कथा देवी पार्वती के अलावा कोई और सुने. इसलिए उन्होंने कैलाश से चलते समय नंदी, गणेश जी, वासुकी समेत अन्य गणों को रास्ते में ही छोड़ दिया था. अमरनाथ यात्रा के समय ​जिनको शिवजी ने जहां पर छोड़ा था, आज उसके नाम से स्थान है.

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Tags: Amarnath Yatra, Dharma Aastha, Lord Shiva

FIRST PUBLISHED :

March 21, 2024, 04:12 IST

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