कांग्रेस का मुसलमानों से परहेज, 2 राज्यों में नहीं दिया टिकट, दबाव या मजबूरी?

1 week ago

बीते कुछ समय से देश की राजनीति पूरी तरह बदल गई है. भाजपा के नेतृत्व में बहुसंख्यक राजनीति का प्रभाव पूरे देश में देखा जा रहा है. इस कारण कई विपक्षी दल भी इसके प्रभाव में आते दिख रहे हैं. इसी में से एक है देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस. कांग्रेस पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में देश के दो सबसे बड़े सूबे में इस बार किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. ये दो राज्य हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह प्रदेश गुजरात और पड़ोसी महाराष्ट्र. गुजरात में कांग्रेस वहां की 26 में से 24 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. एक सीट पर गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी को दी गई है. एक सीट पर भाजपा निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी है. इसी तरह महाराष्ट्र में वहां की 48 सीटों में 17 पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है.

राज्य में किसी भी मुस्लिम को टिकट न मिलने के कारण पार्टी के भीतर विरोध के स्वर भी उठे थे. मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद नसीम खान दावेदार थे. इस सीट पर करीब 6.5 लाख मुस्लिम वोटर्स हैं लेकिन फिर भी पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. फिर वह नाराज होकर पार्टी के स्टार प्रचारक पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, बाद में उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया.

गुजरात की 26 में से 25 सीटों पर मतदान होगा. यहां सूरत सीट पर भाजपा निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी है. इन 25 में से एक सीट भरूच में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है. यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल चुनाव लड़ते थे. लेकिन, उनके निधन के बाद उनकी बेटी यहां दावेदार थीं.

गुजरात में 35 मुस्लिम उम्मीदवार
गुजरात में मुस्लिम समुदाय के केवल 35 उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने इस बार अपनी परंपरा तोड़ दी है और राज्य में इस समुदाय से एक भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया है. राष्ट्रीय दलों में केवल बसपा ने गांधीनगर से एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. राज्य में सात मई को मतदान होगा. बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पंचमहल से एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा था.

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार गुजरात की 26 में से 25 लोकसभा सीट पर होने वाले चुनाव में 35 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 2019 में इस समुदाय से 43 उम्मीदवार मैदान में थे. समुदाय के अधिकतर उम्मीदवार या तो निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं या छोटे दलों द्वारा मैदान में उतारे गए हैं.

कांग्रेस की गुजरात इकाई के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष वजीर खान पठान ने कहा, ‘पार्टी पारंपरिक रूप से राज्य में लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय से कम से कम एक उम्मीदवार को मैदान में उतारती रही है, खासकर भरूच से, लेकिन इस बार यह संभव नहीं था क्योंकि यह सीट आप के पास चली गई. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने गुजरात में एक सीट से उम्मीदवार खड़ा करने की पेशकश की थी, लेकिन समुदाय के सदस्यों ने जीत की कम संभावना को देखते हुए इससे इनकार कर दिया.

पठान ने कहा, ‘किसी अन्य सीट से मुस्लिम उम्मीदवार के चुनाव लड़ने की कोई गुंजाइश नहीं है. बड़ी मुस्लिम आबादी वाली दो सीट- अहमदाबाद पश्चिम और कच्छ- अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.’ भरूच के अलावा कांग्रेस ने अतीत में नवसारी और अहमदाबाद (जब इसे अहमदाबाद पूर्व और पश्चिम सीट में विभाजित नहीं किया गया था) से मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था.

गांधी नगर में 8 मुस्लिम उम्मीदवार
मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने इस बार मोहम्मद अनीस देसाई को गांधीनगर से टिकट दिया है, जहां उनका मुकाबला भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से है. गुजरात की जिन 25 लोकसभा सीट पर चुनाव होने हैं उनमें से गांधीनगर में सबसे ज्यादा आठ मुस्लिम उम्मीदवार हैं.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, जामनगर और नवसारी में पांच-पांच, पाटन और भरूच में चार-चार, पोरबंदर और खेड़ा में दो-दो और अहमदाबाद पूर्व, बनासकांठा, जूनागढ़, पंचमहल और साबरकांठा में एक-एक मुस्लिम उम्मीदवार हैं.

अधिकांश उम्मीदवार निर्दलीय हैं, जबकि कुछ छोटे दलों, जैसे- ‘राइट टू रिकॉल पार्टी’, ‘भारतीय जन नायक पार्टी’, ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी’, ‘गरीब कल्याण पार्टी’ और ‘लोग पार्टी’ ने विभिन्न सीट से मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

इस्माइल पटेल भरूच से निर्दलीय उम्मीदवार
भरूच के जंबूसर तालुका के सरोद गांव के सरपंच इस्माइल पटेल भरूच लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने 2022 में राज्य में हुए विधानसभा चुनावों के लिए भी टिकट की कोशिश की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया.

उन्होंने दावा किया, ‘बड़े राजनीतिक दल मुस्लिम नेताओं की उपेक्षा करते हैं, जिसके कारण हमें एक रास्ता खोजना पड़ता है और स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ना पड़ता है. हमारे क्षेत्र में लोगों को कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है, लेकिन स्थानीय नेता उनकी सहायता के लिए नहीं आते हैं, जिसके कारण स्थानीय लोग अपने ही समुदाय से एक नेता चाहते हैं.’ बाईस अप्रैल को प्रकाशित उम्मीदवारों की अंतिम सूची के अनुसार गुजरात में सात मई को होने वाले चुनाव के लिए कुल 266 उम्मीदवार मैदान में हैं.

(इनपुट भाषा)

Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha Elections

FIRST PUBLISHED :

May 6, 2024, 19:09 IST

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