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'केजरीवाल ED के सामने पेश होंगे, सवालों के जवाब भी देंगे लेकिन...' अभिषेक सिंघवी ने दिल्ली हाईकोर्ट में क्या दलील दी?
अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में ईडी ने कई समन भेजे हैं. (फाइल फोटो)
Arvind Kejriwal News: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल समन के अनुसार पेश होते हैं तो उन्हें अपनी स्थिति का ...अधिक पढ़ें
पीटीआईLast Updated : March 20, 2024, 22:51 ISTनई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा कि वह आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने क्यों नहीं पेश हो रहे हैं. इसके अलावा न्यायालय ने केजरीवाल की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से उसका रुख पूछा, जिसमें उन्होंने आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन के मामले में अपने खिलाफ जारी समन को चुनौती दी है.
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम के कुछ प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने केजरीवाल से पूछा, “आप समन मिलने पर पेश क्यों नहीं होते? आपको पेश नहीं होने से कौन रोक रहा है?”
उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि पहला समन पिछले साल अक्टूबर में जारी किया गया था और कहा कि किसी भी अन्य चीज से पहले, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता केजरीवाल देश के नागरिक हैं. इस मामले में याचिकाकर्ता केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उनका मुवक्किल ईडी के सामने पेश होगा, लेकिन इस मामले में दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की आवश्यकता है क्योंकि चुनाव नजदीक होने पर उन्हें (केजरीवाल को) पकड़ने की एजेंसी की मंशा स्पष्ट है.
केजरीवाल ने हाल में मिले ईडी के समनों के मद्देनजर अदालत का रुख किया है, ईडी द्वारा जारी नौवें समन में उनसे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत पूछताछ के लिए 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री ने ईडी के समन को अवैध बताते हुए एजेंसी के समक्ष पेश होने से लगातार इनकार किया है.
अदालत ने कहा कि जांच के ‘पहले या दूसरे दिन’ गिरफ्तारी ‘सामान्य प्रक्रिया’ नहीं है क्योंकि एक जांच एजेंसी पहले ऐसा करने के कारणों को दर्ज करती है, यदि मामले में आरोपी की गिरफ्तारी का आधार बनता है. हालांकि, इस मामले में आप नेताओं संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने दावा किया कि अब कामकाज की एक ”नई शैली” चलन में है.
सिंघवी ने कहा, “मैं ईडी के सामने पेश होऊंगा. मैं प्रश्नावली का उत्तर भी दूंगा, लेकिन, मुझे सुरक्षा की आवश्यकता है. मैं इसे टाल नहीं रहा हूं. मैं ईडी से दूर नहीं भाग रहा हूं. मैं खुद आऊंगा लेकिन मुझे सुरक्षा चाहिए, कोई जबरदस्ती वाला कदम नहीं. मैं कोई आम अपराधी नहीं हूं. मैं कहां भाग सकता हूं? क्या समाज में मुझसे ज्यादा जड़ें किसी की हो सकती हैं?”
सिंघवी ने यह भी दलील दी कि ईडी ने केजरीवाल को उसके सामने पेश होने के लिए कहा है, बिना यह स्पष्ट किए कि वह इस मामले में आरोपी हैं या संदिग्ध अथवा गवाह हैं. अदालत ने कहा कि अगर वह (केजरीवाल) समन के अनुसार पेश होते हैं तो उन्हें अपनी स्थिति का पता चल जाएगा और यह भी पूछा कि अगर उन्हें गिरफ्तारी की आशंका है तो उन्होंने उचित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की.
उच्च न्यायालय ने कहा, “आपको पहला समन 30 अक्टूबर को मिला था. हमने आपका जवाब देखा है और आपने कई कारण बताए हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि दिवाली का त्योहार नजदीक है. और अब, हम अगले त्योहार, चुनाव के नजदीक हैं. तो, ये चलता रहेगा. किसी भी और चीज से पहले, आप देश के नागरिक हैं, यह समन आपके नाम से जारी हुए हैं.”
वहीं, ईडी ने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका, जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है, सुनवाई योग्य नहीं है और उसने औपचारिक नोटिस जारी करने का विरोध किया. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में जवाब दाखिल करने के लिए ईडी को दो सप्ताह का समय दिया है.
ईडी की ओर से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि पीएमएलए प्रावधानों की संवैधानिक वैधता का मुद्दा उच्चतम न्यायालय पहले ही सुलझा चुका है और ऐसी वैधता के संबंध में कोई धारणा होने पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है. इस विवादित नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था. उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना की सिफारिश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज की और इसके आधार पर ईडी ने धनशोधन के आरोप की जांच शुरू की.
दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में समन पर पेश न होने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज करायी दो शिकायतों के मामले में केजरीवाल को शनिवार को जमानत दे दी थी. अदालत ने ईडी को केजरीवाल को शिकायतों से जुड़े दस्तावेज भी सौंपने का निर्देश दिया था. ईडी ने मजिस्ट्रेट अदालत में दो शिकायतें दर्ज कराते हुए इस मामले में केजरीवाल को कई समन जारी होने के बावजूद पेश न होने के लिए उन पर अभियोग चलाने का अनुरोध किया था.
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Tags: AAP, Arvind kejriwal, DELHI HIGH COURT, Delhi liquor scam, Enforcement directorate
FIRST PUBLISHED :
March 20, 2024, 22:49 IST