धरती से 9 से 12 किमी की ऊंचाई पर क्यों उड़ते हैं विमान, क्या है इसका कारण

2 weeks ago

हाइलाइट्स

दुनियाभर में हर दिन लगभग 100,000 उड़ानें उड़ान भरती और उतरती हैं
विमान टेकऑफ करने के 10 मिनट के अंदर धरती से 09 से 12 किमी की ऊंचाई पर पहुंच जाती हैं
विमान आसमान में जितनी ऊपर जाता है, उतनी ही यात्रा सुगम और तेज हो जाती है

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, भारत में रोज 6000 से ज्यादा फ्लाइट्स आसमान में होती हैं. 3,061 प्रस्थान उड़ानें और 3,058 आगमन उड़ानें. इसमें देशी और विदेशी दोनों उड़ानें शामिल हैं. भारत में पिछले साल रोज औसतन 2,891 उड़ानें आसमान में रहीं. अमेरिका में हर दिन 42,000 विमान उड़ान भरते हैं, जिनमें से किसी भी समय 5,000 विमान आसमान में होते हैं. टकराव के बिना कई आगमन, प्रस्थान और उड़ानों का समन्वय करने के लिए कुशल योजना की आवश्यकता होती है, खासकर जब बात आती है कि विमान कितनी ऊंचाई पर उड़ते हैं. क्या आपको मालूम है कि विमान आमतौर पर धरती से 9 से 12 किमी की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं. ये इतनी ऊंचाई पर क्यों उड़ते हैं.

Trip.com के अनुसार दुनियाभर में हर दिन लगभग 100,000 उड़ानें उड़ान भरती और उतरती हैं, जिनमें यात्री, मालवाहक और सैन्य विमान शामिल हैं. अकेले यात्री उड़ानों में प्रति दिन 90,000 से अधिक उड़ानें होती हैं.

विमान आमतौर पर 31,000 (9.44 किमी) से 42,000 (12.80 किमी) फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं. इतनी ऊंचाई पर उड़ान भरने का कारण मुख्य रूप से ईंधन दक्षता को अधिकतम करना, वायु प्रतिरोध को कम करना, हवाई यातायात से बचना तो रहता ही है, साथ ही हवा में उड़ते समय सुरक्षा सुनिश्चित करना भी.

ऊंचाई पर ले जाकर उड़ान भरने का कारण
विमान को इतनी ऊंचाई पर ले जाकर उड़ाने का भी कारण है. इतनी अधिक ऊंचाई पर वायु घनत्व कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप वायु प्रतिरोध कम होता है, जिससे विमान कम ईंधन जलाते हुए तेजी से उड़ सकते हैं. यह दक्षता आधुनिक जेट विमान इंजनों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें टर्बोफैन के रूप में जाना जाता है, जो उच्च ऊंचाई पर अधिक कुशलता से काम करते हैं.

इसके अलावा अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने से पक्षियों से टकराने से बचने, अशांति को कम करने और यात्रियों को अधिक आरामदायक उड़ान अनुभव देने में मदद मिलती है.

क्या इससे गति भी तेज हो जाती है
विमानों के बादलों के ऊपर उड़ने का एक कारण यह है कि वे तेजी से उड़ सकें. विमानन डेटा विश्लेषकों के अनुसार, हवाई जहाज जितना ऊंचा चढ़ते हैं, हवा उतनी ही पतली होती जाती है. वायुमंडल में कम प्रतिरोध के कारण वे उतनी ही अधिक कुशलता से उड़ने लगते हैं.

बड़े जेटों के साथ, जब विमान हवाई अड्डों से उड़ान भरते हैं, तो उनका पहला काम तेजी से बादलों के ऊपर आना और जितनी जल्दी हो सके उतनी ऊंचाई तक पहुंचना होता है.

कितनी देर में इस ऊंचाई तक
कामर्शियल विमान आम तौर पर 31,000 (9.4 किमी) और 38,000 फीट (11.5 किमी) के बीच उड़ान भरते हैं – करीब 5.9 से 7.2 मील. आमतौर पर विमानों को इतनी ऊंचाई में पहुंचने में 10 मिनट लगते हैं.

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क्या और ऊंचाई तक भी जा सकते हैं
विमान इस ऊंचाई से कहीं अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं लेकिन इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.ऊंची उड़ान भरने का मतलब है कि तेजी से विघटन जैसी आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित ऊंचाई पर लौटने में अधिक समय लगेगा. एक औऱ वजह विमानों का वजन भी है.

ऊपर उड़ने के साथ विमान का वजन बदलने लगता है
जैसे-जैसे विमान आकाश में ऊपर चढ़ता है, विमान का वजन बदलने लगता है. जेट ईंधन का वजन लगभग 6.7 पाउंड प्रति गैलन होता है, इसलिए उड़ान भरते समय आप जितना अधिक ईंधन जलाएंगे, वास्तव में आपका ईंधन वजन बहुत कम हो जाएगा।” यह इस ऊंचाई पर पतले वातावरण के साथ मिलकर कम प्रतिरोध पैदा करता है.

ऊपर जाने पर गति भी बढ़ने लगती है
एक हवाई जहाज जितना ऊपर जाता है उसकी संभावित गति भी बढ़ती जाती है. दस हजार फीट और उससे ऊपर कानूनी रूप से बहुत अधिक गति से जा सकते हैं.

छोटे निजी विमान ज्यादा ऊंचाई पर क्यों नहीं उड़ते?
तो छोटे निजी विमान इतनी ऊंचाई पर क्यों नहीं उड़ते? ये विमान पिस्टन-संचालित इंजन का उपयोग करते हैं, जो आपकी कार के इंजन के समान काम करता है. ये इंजन जितनी ताकत वाले होते हैं, उसमें उनसे केवल छोटी उड़ानें ही हो सकती हैं. इस तरह के इंजन छोटे विमानों को कार्मशियल विमानों के समान ऊंचाई तक पहुंचने से रोकते हैं.छोटे विमानों में आक्सीजन की भी समस्या होने लगती है. ये समस्या बड़े कामर्शियल विमानों में सामने नहीं आती.

हेलीकाप्टरों के बारे में क्या?
हेलिकॉप्टर मुख्य रूप से छोटी दूरी तक उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. आमतौर पर वो हवाई जहाज की तुलना में बहुत नीचे उड़ते हैं. आमतौर पर 10,000 फीट से नीचे. वे बहुत ज्यादा ऊंचाई पर जा भी नहीं सकते. हेलीकॉप्टर पंखों के बजाय घूमने वाले ब्लेडों से उड़ते हैं.

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क्या पक्षी इतनी ऊंचाई पर मिलते हैं
कम ऊंचाई पर विमानों का सामना पक्षियों से होता है. टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. जब विमान ऊंचाई पर होते हैं तो विशेषज्ञों का कहना है कि उन पर पक्षियों को अब कोई खतरा नहीं होता.

पक्षी आसमान में किस ऊंचाई तक उड़ सकते हैं
पक्षी आमतौर पर 500 फीट से नीचे की ऊंचाई पर उड़ते हैं, लेकिन कुछ प्रजातियां प्रवास के दौरान अधिक ऊंचाई पर भी उड़ सकती हैं. उदाहरण के लिए, कई पक्षी 2,000-5,000 फीट या उससे अधिक ऊंचाई पर उड़ सकते हैं. रूपेल का ग्रिफ़ॉन गिद्ध अब तक दर्ज किया गया सबसे ऊँचा उड़ने वाला पक्षी है, जो 37,100 फीट (11.3 किमी) तक पहुंचा है. बार-हेडेड हंस 27,825 फीट तक उड़ सकता है, जबकि सारस क्रेन 33,000 फीट तक उड़ सकता है.

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Tags: Aeroplane, Air India Flights, Domestic Flights, Flight, flights, Plane

FIRST PUBLISHED :

April 22, 2024, 10:28 IST

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