बेजोड़ निशानेबाज और कुशल राजनेता डॉ. करणी सिंह का कोई नहीं तोड़ पाया रिकॉर्ड

2 weeks ago

Bikaner News : लोकसभा चुनाव के दौर में सभी नेता एक-एक वोट के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. बल्कि यूं कहें कि वोट के लिए कुछ भी करने को तैयार नजर आ रहे हैं. बीकानेर के पूर्व महाराजा डॉ. करणी सिंह ने लगातार 5 बार बीकानेर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया जो इस सीट का रिकॉर्ड है. यही नहीं वे ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी भी रहे हैं जिन्होंने पांच ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया. उनके इन दोनों ही रिकॉर्ड को अभी तक कोई नेता नहीं तोड़ पाया है. रिपोर्ट - विक्रम जगरवाल.

News18 RajasthanLast Updated :April 22, 2024, 14:49 ISTEditor pictureEdited by
  Sandeep Rathore

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21 अप्रेल 1924 को बीकानेर राजपरिवार में जन्मे डॉ. करणी सिंह निर्भीक राजपूत शासकों में 23वें और अंतिम महाराज थे. डॉ. करणी सिंह की शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज और मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में हुई. उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की. डॉ. करणी सिंह 1952 से 1977 तक बीकानेर से लगातार पांच बार सांसद रहे. ये सभी चुनाव उन्होंने स्वतंत्र रूप से यानी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर जीते थे.

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बीकानेर के इतिहास में रूचि रखने वाले जानकारों का मानना है कि अंतिम बार डॉ. करणी सिंह जब चुनाव में एक लाख से कम वोटों से जीते तो यह मानकर संन्यास ले लिया कि अब जनता में लोकप्रियता कम हो गई है. ऐसे व्यक्तित्व आज की राजनीति में दुर्लभ ही नजर आते हैं. डॉ. करणी सिंह एक कुशल राजनेता के होने के साथ-साथ बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में भी अपनी पहचान रखते हैं.

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वे देश के ऐसे पहले निशानेबाज थे जिन्हें 1961 अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया. उन्होंने 17 वर्षों तक राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर स्तर की प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया. विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक भी जीता. डॉ. करणी सिंह ने देश के लिए कई ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया और बड़ी संख्या में मेडल लेकर आते रहे. वे बड़े निशानेबाज थे.

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वे पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी भी थे जिन्होंने पांच ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया. निशानेबाजी के अलावा वे गोल्फ और टेनिस में भी बराबर रुचि रखते थे. उन्हें फोटोग्राफी और पेंटिंग का भी खासा शौक था. दिल्ली में 1982 में हुए एशियाई खेलों के लिए उनके सम्मान में तुगलकाबाद किले के पास एक शूटिंग रेंज बनाई गई थी. उसका नाम डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज रखा गया था. 4 सितंबर 1988 को उनका निधन हो गया.

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वर्ष 2024 उनका जन्मशताब्दी वर्ष है. डॉ. करणी सिंह के साथ खेल और राजनीति का गौरवशाली इतिहास जुड़ा है. महाराजा करणी सिंह की बेटी और पौत्री ने उनकी शूटिंग और राजनीति की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है. उनकी बेटी राजश्री कुमारी भी निशानेबाजी में अर्जुन अवार्ड प्राप्त कर चुकी हैं. वहीं उनकी पौत्री सिद्धि कुमारी बीकानेर से चौथी बार विधायक हैं. (फोटो-राजश्री कुमारी)

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